बस्ती: उत्तर प्रदेश में गरीबों को आवास और सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ कागजों में मिल रहा है क्योंकि जमीनी हकीकत तो कुछ और ही तस्वीरें बयां करती हैं. बहादुरपुर ब्लाक के पोखरनी गांव की रहने वाली सुशीला देवी और उनका परिवार एक छप्पर के नीचे जीवन का गुजर-बसर करता है और हल्की सी बारिश के बाद सुशीला देवी को घर के बाहर छाता लगाकर चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है. एक तरफ परिवार की लाचारी दूसरी तरफ गरीबी और अब बेबसी से घिरा यह परिवार उम्मीद इंतजार में एक-एक दिन काटने को मजबूर है.
बहादुरपुर ब्लाक के पोखरनी गांव में सुशीला देवी और उनका परिवार एक छप्पर के मकान में जीवन गुजर-बसर करत है. हल्की सी बारिश के बाद सुशीला देवी को घर के बाहर छाता लगाकर चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है. बड़े-बड़े मंचों से सरकार गरीबों का हिमायती बनने कदंब भर्ती है, लेकिन उसी सरकार की योजनाएं जरूरतमंद परिवारों तक नहीं पहुंचा पाती.
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सुशीला देवी का पति काम के इंतजार में हर रोज अपने घर से निकलता है, लेकिन उसे बमुश्किल ही कोई ऐसा काम मिल पाता है. जिससे वह 2 जून की रोटी का जुगाड़ कर सके. इस परिवार की मुश्किलें तब और बढ़ जाती हैं जब आसमानी आफत उसके छप्पर नुमा घर पर बरसने लगती है. चूल्हे पर खाना बनाने के लिए भी इस परिवार को जूझना पड़ता है और बारिश में भीगने से बचने के लिए छाता लेकर परिवार और बच्चों के लिए रोटी पकाना सुशीला देवी की एक आदत और मजबूरी दोनों बन रही है.
इस मामले को लेकर जिले के आईएएस मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है और हम जरूरतमंद सुशीला देवी तक सरकारी योजनाओं का लाभ जल्दी पहुंचाने की कोशिश करेंगे.