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स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल: बरेली मंडल में मिले मलेरिया के 73 फीसदी मरीज

उत्तर प्रदेश के लगभग 73 फीसदी मलेरिया के मरीज बरेली मंडल में मिले हैं. ये प्रदेश के सितंबर 2019 तक के आंकड़े बता रहे हैं. आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि मंडल में स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी खराब हो चुकी है.

बरेली अस्पताल
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Published : Oct 5, 2019, 11:38 PM IST

बरेली: पिछले साल कई मौतों की वजह बने मलेरिया पर इस बार भी काबू नहीं पाया जा सका. हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के 73 फिसदी मरीज तो सिर्फ बरेली मंडल में ही पाए गए हैं. आंकड़े जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई है.

बरेली मंडल में मिले मलेरिया के 73 फीसदी मरीज.

बरेली में मलेरिया के सबसे ज्याद मरीज
प्रदेश में सितंबर 2019 तक के आंकड़े के अनुसार मलेरिया के 74,749 मरीज सामने आए हैं. इनमें सबसे अधिक मरीज बरेली मंडल के दो जिलों में से हैं. जिले में मलेरिया की गिरफ्त में 37,824 मरीज मिले. वहीं बदायूं में अब तक 16,824 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हो चुकी है. बरेली मंडल में पिछले साल से अधिक मरीजों की संख्या इस बार सामने आई है. जो कि वर्ष 2018 में सितंबर तक आए मरीजों की संख्या से करीब 30 हजार ज्यादा है. पिछले साल बरेली मंडल में प्रदेश भर के 79 फीसद मलेरिया के मरीज मिले थे.

इसे भी पढ़ें-बरेली: विकास भवन के बाबू 25 हजार का ले रहे थे रिश्वत, एंटीकरप्शन टीम ने लिया हिरासत में

पूर्व के दो वर्षों से अधिक निकले मरीज
मंडल के दोनों जिलों में इस बार सितंबर तक 54 हजार से अधिक मलेरिया के मरीज निकले हैं. ये पूर्व के दो वर्षों में प्रदेश में सामने आए मलेरिया के रोगियों की संख्या की अपेक्षा कहीं ज्यादा हैं. वर्ष 2016 में प्रदेश में 40,790 मलेरिया के मरीज मिले थे. उसके बाद वर्ष 2017 में प्रदेश में यह संख्या 32,342 हो गई.

बीमारी ने ध्वस्त की स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
पिछले साल जब मंडल में मलेरिया फैला तो प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से टीमें गांवों की ओर दौड़ी थीं. उपचार और बचाव के इंतजाम किए गए थे. ऐसे हालात दोबारा न बने इसके लिए गांवों में डीडीटी और एंटी लार्वा छिड़काव के साथ ही मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग के खूब दावे हुए. मगर बीमारी फिर भी फैल गई.

स्वास्थ्य विभाग का सर्विलांस तीन गुना बढ़ा है. हमारा यह ध्येय भी है कि अधिक मरीजों को तलाशें और उन्हें उपचार दें. इसलिए पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक मरीजों की जांच की गई है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया क्लीनिक खोले गए हैं.
-विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ

बरेली: पिछले साल कई मौतों की वजह बने मलेरिया पर इस बार भी काबू नहीं पाया जा सका. हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के 73 फिसदी मरीज तो सिर्फ बरेली मंडल में ही पाए गए हैं. आंकड़े जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मच गई है.

बरेली मंडल में मिले मलेरिया के 73 फीसदी मरीज.

बरेली में मलेरिया के सबसे ज्याद मरीज
प्रदेश में सितंबर 2019 तक के आंकड़े के अनुसार मलेरिया के 74,749 मरीज सामने आए हैं. इनमें सबसे अधिक मरीज बरेली मंडल के दो जिलों में से हैं. जिले में मलेरिया की गिरफ्त में 37,824 मरीज मिले. वहीं बदायूं में अब तक 16,824 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हो चुकी है. बरेली मंडल में पिछले साल से अधिक मरीजों की संख्या इस बार सामने आई है. जो कि वर्ष 2018 में सितंबर तक आए मरीजों की संख्या से करीब 30 हजार ज्यादा है. पिछले साल बरेली मंडल में प्रदेश भर के 79 फीसद मलेरिया के मरीज मिले थे.

इसे भी पढ़ें-बरेली: विकास भवन के बाबू 25 हजार का ले रहे थे रिश्वत, एंटीकरप्शन टीम ने लिया हिरासत में

पूर्व के दो वर्षों से अधिक निकले मरीज
मंडल के दोनों जिलों में इस बार सितंबर तक 54 हजार से अधिक मलेरिया के मरीज निकले हैं. ये पूर्व के दो वर्षों में प्रदेश में सामने आए मलेरिया के रोगियों की संख्या की अपेक्षा कहीं ज्यादा हैं. वर्ष 2016 में प्रदेश में 40,790 मलेरिया के मरीज मिले थे. उसके बाद वर्ष 2017 में प्रदेश में यह संख्या 32,342 हो गई.

बीमारी ने ध्वस्त की स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
पिछले साल जब मंडल में मलेरिया फैला तो प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से टीमें गांवों की ओर दौड़ी थीं. उपचार और बचाव के इंतजाम किए गए थे. ऐसे हालात दोबारा न बने इसके लिए गांवों में डीडीटी और एंटी लार्वा छिड़काव के साथ ही मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग के खूब दावे हुए. मगर बीमारी फिर भी फैल गई.

स्वास्थ्य विभाग का सर्विलांस तीन गुना बढ़ा है. हमारा यह ध्येय भी है कि अधिक मरीजों को तलाशें और उन्हें उपचार दें. इसलिए पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक मरीजों की जांच की गई है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया क्लीनिक खोले गए हैं.
-विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ

Intro:प्रदेश में 73% से ज्यादा मलेरिया के मरीज बरेली मंडल में ही


एंकर:-पिछले साल कई मौतों की वजह बने मलेरिया पर इस बार भी काबू नहीं पाया जा सका । हालात ऐसे बेकाबू हैं कि प्रदेश के 73 फीसद मरीज तो सिर्फ बरेली मंडल में ही पाए गए हैं । आंकड़े जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मची है । 

Vo1:-प्रदेश में मलेरिया के सितंबर 2019 तक के आंकडों पर गौर करें तो 74749 मरीज सामने आए । इनमें सबसे अधिक बरेली मंडल के दो जिलों में हैं । बरेली जिले में मलेरिया की गिरफ्त में 37824 मरीज मिले , वहीं बदायूं में अब तक 16824 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि ह्ये चुकी है । पिछले साल से अधिक मरीज बरेली मंडल में मरीजों की जो संख्या । इस बार सामने आई है वह वर्ष 2018 में सितंबर तक आए मरीजों की संख्या से करीब तीस हजार अधिक हैं । पिछले साल बरेली मंडल में प्रदेश भर के 79 फीसद मलेरिया के मरीज मिले थे ।




Body:Vo2:-स्वास्थ्य विभाग का सर्विलांस तीन गुना बढ़ा है । हमारा यह ध्येय भी है कि अधिक मरीजों को तलाशना और उन्हें उपचार देना । इसलिए पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक मरीजों की जांच की गई है । सभी स्वास्थ्य केंद्रों परमलेस्टिया क्लीनिक खोले गए हैं।


बाइट-विनीत कुमार शुक्ला सीएमओ बरेली


Vo3:-पूर्व के दो वर्षों से अधिक निकले मरीज :- मंडल के दोनों जिलों में इस बार सितंबर तक 54 हजार से अधिक मलेरिया के मरीज निकले हैं । ये पूर्व के दो वर्षों में प्रदेश में सामने आए मलेरिया के रोगियों की संख्या की अपेक्षा कहीं ज्यादा है । वर्ष 2016 में प्रदेश में 40790 मलेरिया के मरीज मिले थे । उसके बाद वर्ष 2017 में प्रदेश में यह संख्या 32342 ह गई । 




Conclusion:Fvo:-बीमारी ने ध्वस्त की स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां : पिछले साल जब मंडल में मलेरिया फैला तो प्रदेश व केंद्र सरकार से टीमें गावों की ओर दौड़ी थीं । उपचार व बचाव के इंतजाम किए गए थे । ऐसे हालात दोबारा न बने इसके लिए डीडीटी का छिड़काव , गांवों में एंटी लार्वा छिड़काव व मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग के दावे खूब हुए । मगर बीमारी फिर भी फैल गई ।

रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत, बरेली।


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