बरेली: बरेली के नवाबगंज विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधयाक स्वर्गीय केसर सिंह की पत्नी ऊषा गंगवार को कांग्रेस ने बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है. वहीं, प्रत्याशी घोषित होने के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुई ऊषा गंगवार ने कहा कि वो अपने स्वर्गीय पति के विकास कार्यों को लेकर लोगों से वोट मांगेंगी और उन्हें उम्मीद है कि क्षेत्र की जनता उनका साथ देगी. इतना ही नहीं आगे उन्होंने कहा कि वो स्वयं भी जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के दौरान इलाके में ढेरों विकास कार्य करवाई हैं.
बीते सोमवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात कर ऊषा गंगवार कांग्रेस में शामिल हो गई थी. इसके बाद पार्टी ने उन्हें जिले के नवाबगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया. इससे पहले ऊषा 2002 में बरेली की जिला पंचायत अध्यक्ष थीं और दोबारा 2009 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनी. वहीं, 2012 में बसपा से वो नवाबगंज सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन तब उन्हें यहां पराजय का मुंह देखना पड़ा था. अब एक बार फिर वो कांग्रेस की टिकट पर मैदान में हैं.
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बता दें कि नवाबगंज के विधयाक केसर सिंह गंगवार की कोरोना के चपेट में आने से मौत हो गई थी. जिसके बाद उनके बेटे विशाल गंगवार नवाबगंज विधानसभा से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें वहां से टिकट नहीं मिला और उनकी जगह पार्टी ने डॉ. एमपी आर्या को अपना उम्मीदवार बना दिया. इससे नाराज पूर्व विधायक की पत्नी ऊषा गंगवार कांग्रेस में शामिल हो गईं और कांग्रेस ने उन्हें अब अपना उम्मीदवार बनाया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार ऊषा गंगवार ने कहा कि वो क्षेत्र में सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करेंगी. उन्होंने कहा कि अगर स्वर्गीय केसर सिंह के बेटे विशाल गंगवार को भाजपा टिकट दे देती तो वो चुनाव नहीं लड़ती. लेकिन अब क्षेत्र की जनता चाहती है कि वो चुनाव लड़े, इसलिए कांग्रेस से वो चुनाव लड़ रही हैं.
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