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ये कैसा ओडीएफ मुक्त भारत, यहां लोग खुले में शौच करने को हैं मजबूर

उत्तर प्रदेश के बांदा में लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब लोगों से खुले में शौच करने को लेकर बात की तो उन्होंने अपनी मजबूरी बयां की. लोगों का कहना है कि गांव में शौचालय नहीं बना है. किसी के घर शौचालय बना भी है तो पूरा नहीं बना है.

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Published : Nov 19, 2019, 2:49 PM IST

लोग खुले में शौच करने को हैं मजबूर.

बांदा: प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर को पूरे देश को ओडीएफ मुक्त घोषित किया था. मगर बुंदेलखंड में अभी भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है. कारण यह है कि अभी भी हजारों लोग के घरों में शौचालय नहीं बना है. ईटीवी भारत ने जब गांवों से ओडीएफ की सच्चाई जाननी चाही तो पता चला कि अभी भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

बांदा के नरैनी, महुआ, बबेरू और अतर्रा क्षेत्र के कई गांवों में लोग खुले में शौच करने जाते हैं. इन गांवों में ज्यादातर लोगों के घर में शौचालय नहीं बना है और जिसके घर में बना है वह अधूरा पड़ा है. ग्राम प्रधान और सचिव ने किसी को पहली किश्त दे दी है तो दूसरी किश्त नहीं दी है.

लोग खुले में शौच करने को हैं मजबूर.

ग्रामीणों को सुननी पड़ती है गाली
ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर में शौचालय नहीं बना है और वह मजबूरी में बाहर शौच के लिए जाते हैं. लोगों ने बताया कि अगर वह दूसरे के खेत में शौच के लिए जाते हैं तो उन्हें गाली-गलौज सुनती पड़ती है. यहां तक कि कभी-कभी लोग मारपीट करने को भी उतारू हो जाते हैं. हमने कई बार ग्राम प्रधान, सचिव और अधिकारियों से शौचालय की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता ने बताया कि लोग शौचालय के लिए परेशान हैं. मेरे द्वारा डीपीआरओ से इस मामले में बात की गई है. जल्द ही लोगों को शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे.

बांदा: प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर को पूरे देश को ओडीएफ मुक्त घोषित किया था. मगर बुंदेलखंड में अभी भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है. कारण यह है कि अभी भी हजारों लोग के घरों में शौचालय नहीं बना है. ईटीवी भारत ने जब गांवों से ओडीएफ की सच्चाई जाननी चाही तो पता चला कि अभी भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

बांदा के नरैनी, महुआ, बबेरू और अतर्रा क्षेत्र के कई गांवों में लोग खुले में शौच करने जाते हैं. इन गांवों में ज्यादातर लोगों के घर में शौचालय नहीं बना है और जिसके घर में बना है वह अधूरा पड़ा है. ग्राम प्रधान और सचिव ने किसी को पहली किश्त दे दी है तो दूसरी किश्त नहीं दी है.

लोग खुले में शौच करने को हैं मजबूर.

ग्रामीणों को सुननी पड़ती है गाली
ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर में शौचालय नहीं बना है और वह मजबूरी में बाहर शौच के लिए जाते हैं. लोगों ने बताया कि अगर वह दूसरे के खेत में शौच के लिए जाते हैं तो उन्हें गाली-गलौज सुनती पड़ती है. यहां तक कि कभी-कभी लोग मारपीट करने को भी उतारू हो जाते हैं. हमने कई बार ग्राम प्रधान, सचिव और अधिकारियों से शौचालय की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता ने बताया कि लोग शौचालय के लिए परेशान हैं. मेरे द्वारा डीपीआरओ से इस मामले में बात की गई है. जल्द ही लोगों को शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे.

Intro:SLUG- ये कैसा ओडीएफ मुक्त भारत, यहाँ तो अभी भी हजारों लोग खुले में शौच जाने को हैं मजबूर
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 18-11-19
एंकर- प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर को पूरे देश को ओडीएफ मुक्त घोषित किया था । मगर बुंदेलखंड में अभी भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है कारण यह है कि अभी भी हजारों लोगों के पास शौचालय नहीं है। Etv भारत ने जब कुछ गांवों में ओडीएफ की सच्चाई जाननी चाही तो पता चला कि अभी भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।



Body:वीओ- सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का जमीन पर किस तरह से क्रियान्वयन हो रहा है इसकी अगर सच्चाई देखनी है तो बुंदेलखंड के बांदा आइए जहां पर सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाएं कागजों पर तो खूब दौड़ लगा रही है। मगर जमीन पर कहीं पर भी कुछ भी दिखाई नहीं देता । यहां पर जब हमने ओडीएफ को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि अभी भी हजारों लोगों के पास शौचालय नहीं है और वह मजबूरन खुले में शौच जाने को मजबूर है। जिसमें लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। और कई तरीके की समस्याएं सामने आ रही हैं।

वीओ- हमने बाँदा के नरैनी, महुआ, बबेरू और अतर्रा क्षेत्र के कई गांवों ओडीएफ की रियलिटी देखी जहां आज भी लोग खुले में शौच जाते हैं। इन गांव में ज्यादातर लोगों के पास शौचालय नहीं है और जिसके पास शौचालय बने हैं वह भी अधूरे पड़े है। किसी को पहली किस्त ग्राम प्रधान और सचिव ने दे दी है तो दूसरी किस्त नहीं दी । तो कोई आज भी ग्राम प्रधान और सचिव के चोरों के चक्कर लगा रहा है।
Conclusion:वीओ- ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास शौचालय नहीं है और मजबूरी में वो बाहर शौच जाते हैं। जहां उन्हें लोगों द्वारा बातें सुननी पड़ती है, गाली गलौज होती है । यहां तक कि कभी-कभी लोग मारपीट करने को भी उतारू हो जाते हैं । हमने कई बार ग्राम प्रधान सचिव और अधिकारियों से शौचालय की मांग की मगर कहीं पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई और वह खुले में शौच जाने को मजबूर है।

वीओ- वही इस पूरे मामले को लेकर जब हमने महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि लोक शौचालय के लिए परेशान हैं। और अभी भी वह खुले में शौच जाते हैं मेरे द्वारा डीपीआरओ से इस मामले में बात की गई है और जल्द ही लोगों को शौचालय दिए जाएंगे।

वीओ- वही ओडीएफ को लेकर जब बांदा चित्रकूट सांसद आरके सिंह पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां पर 90 से 95 फ़ीसदी लोग शौचालय में शौच जाते हैं।

बाइट: गुलाब बती, ग्रामीण
बाइट:, मुन्नी, ग्रामीण
बाइट: शबनम, ग्रामीण
बाइट: शिवदास, ग्रामीण
बाइट: बंधू, ग्रामीण
बाइट: प्रभा गुप्ता, सदस्य, महिला आयोग
बाइट: आर. के. सिंह, पटेल, सांसद

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076

NOTE-- सर किस स्टोरी को अगर डेस्क एडिट करेगी तो अच्छा रिस्पांस मिलेगा, इसीलिए ज्यादा से ज्यादा विजुवल और बाइट भेजी 
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