बांदा: प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर को पूरे देश को ओडीएफ मुक्त घोषित किया था. मगर बुंदेलखंड में अभी भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है. कारण यह है कि अभी भी हजारों लोग के घरों में शौचालय नहीं बना है. ईटीवी भारत ने जब गांवों से ओडीएफ की सच्चाई जाननी चाही तो पता चला कि अभी भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.
बांदा के नरैनी, महुआ, बबेरू और अतर्रा क्षेत्र के कई गांवों में लोग खुले में शौच करने जाते हैं. इन गांवों में ज्यादातर लोगों के घर में शौचालय नहीं बना है और जिसके घर में बना है वह अधूरा पड़ा है. ग्राम प्रधान और सचिव ने किसी को पहली किश्त दे दी है तो दूसरी किश्त नहीं दी है.
ग्रामीणों को सुननी पड़ती है गाली
ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर में शौचालय नहीं बना है और वह मजबूरी में बाहर शौच के लिए जाते हैं. लोगों ने बताया कि अगर वह दूसरे के खेत में शौच के लिए जाते हैं तो उन्हें गाली-गलौज सुनती पड़ती है. यहां तक कि कभी-कभी लोग मारपीट करने को भी उतारू हो जाते हैं. हमने कई बार ग्राम प्रधान, सचिव और अधिकारियों से शौचालय की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
महिला आयोग की सदस्य प्रभा गुप्ता ने बताया कि लोग शौचालय के लिए परेशान हैं. मेरे द्वारा डीपीआरओ से इस मामले में बात की गई है. जल्द ही लोगों को शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे.