बलिया: गंगा नदी एक बार फिर लाल निशान को पार कर चुकी है. बैरीया इलाके के केहरपुर गांव में रविवार की सुबह पानी की टंकी देखते ही देखते गंगा में समा गई. उसके बाद लगातार कटान होने से दो मंजिला पक्का मकान चंद सेकेंडों में ही गंगा में विलीन हो गया. मकान गिरने का वीडियो कैमरे में कैद हो गया. गंगा के इस विकराल रूप से ग्रामीण काफी परेशान हैं. वहीं प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है.
रविवार को केहरपुर गांव में आई बाढ़ के पानी से जय प्रकाश ओझा का पक्का मकान देखते ही देखते ताश की पत्तों की तरह बिखर गया और गंगा ने उसे अपने आगोश में समा लिया. मकान गिरता देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. इससे पहले रविवार की सुबह इसी गांव में बनी पानी की टंकी भी गंगा में समा गई थी. इस पानी की टंकी से न केवल केहरपुर और शुघरछपरा गांव सहित आधा दर्जन गांवों में पेयजल की समस्या होने लगी है.
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गंगा में फिर से पानी बढ़ने से दुबे छपरा गांव में बना रिंग बंधा पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. बलिया में गंगा के लिए खतरे का निशान 57.615 मीटर है, जबकि रविवार की सुबह बाढ़ खंड द्वारा इसे खतरे के निशान से ऊपर बताते हुए 58.750 मीटर दर्ज किया गया है. गंगा में एक बार फिर जिस तरह बाढ़ से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं, वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से दूर रहने की हिदायत दे रहे हैं.