ETV Bharat / state

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए अवध विश्वविद्यालय के कुलपति ने की बैठक - अयोध्या नई शिक्षा नीति-2020

अयोध्या में डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर बैठक की. इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत जिला समन्वयक समिति की संरचना एवं गठन पर विस्तृत चर्चा की.

etv bharat
etv bharat
author img

By

Published : May 2, 2021, 7:53 PM IST

अयोध्या: डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत एनईपी टास्क फोर्स और बोर्ड ऑफ स्टडीज के संयोजकों के साथ ऑनलाइन बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन हुआ. बैठक में न्यूनतम समान पाठ्यक्रमों को सत्र 2021-22 से लागू किये जाने के सम्बन्ध में चर्चा की गई. बैठक में उत्तर प्रदेश के समस्त राज्य, निजी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए.

न्यूनतम समान पाठ्यक्रमों को सत्र 2021-22 से लागू किए जाने के सम्बंध में चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने की. बैठक में कहा गया कि न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 प्रतिशत अनिवार्य रूप से लागू किया जाना है. शेष 30 प्रतिशत विश्वविद्यालय अपनी आवश्यकतानुसार लागू करेंगे. न्यूनतम समान पाठ्यक्रम की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा. सभी विषयों के शीर्षक प्रत्येक विश्वविद्यालय में समान होंगे.

यह भी पढ़ें: अयोध्या नगर निगम में शामिल हुए 41 गांवों में नहीं हो रही सफाई, सपा ने लगाए आरोप




जिला समन्वयक समिति की संरचना एवं गठन पर विस्तृत चर्चा की

बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत जिला समन्वयक समिति की संरचना एवं गठन पर विस्तृत चर्चा की. जिसमें निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर गठित एनईपी टास्क फोर्स में सम्बद्धता परिक्षेत्र के 7 जिलों का प्रतिनिधित्व कर रहे प्राचार्यगण सम्बन्धित जिले में एनईपी-2020 जिला समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगें.


जिला समन्वय समिति में जिले के समस्त अनुदानित महाविद्यालयों को प्रतिनिधित्व देने के साथ-साथ जिले के उत्तम शैक्षिक व्यवस्था वाले 3 से 5 स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधक एवं प्राचार्य को भी शामिल किए जाने की सहमति बनी. इसके साथ ही समिति के अध्यक्ष आतंरिक सहायता के लिए अपने महाविद्यालय के एक या दो शिक्षकों को भी समिति में स्थान दिया जा सकता है.

बहु-विकल्पीय आधार पर होगी परीक्षा

कुलपति ने बताया कि एनईपी में सभी विषयों के प्रश्नपत्र 100 अंक के होंगे, जिनको क्रेडिट एवं फार्मूला के अनुसार परसेन्टाइल एवं ग्रेड में सॉफ्टवेयर द्वारा परिवर्तित किया जायेगा. सभी विषयों की परीक्षा 25 प्रतिशत सतत आन्तरिक मूल्यांकन और 75 प्रतिशत वाह्य मूल्यांकन के आधार पर की जायेगी. सभी विषयों की लिखित परीक्षा होगी एवं अनिवार्य को करीकुलर विषय की परीक्षा बहु-विकल्पीय आधार पर होगी.

अयोध्या: डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत एनईपी टास्क फोर्स और बोर्ड ऑफ स्टडीज के संयोजकों के साथ ऑनलाइन बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन हुआ. बैठक में न्यूनतम समान पाठ्यक्रमों को सत्र 2021-22 से लागू किये जाने के सम्बन्ध में चर्चा की गई. बैठक में उत्तर प्रदेश के समस्त राज्य, निजी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए.

न्यूनतम समान पाठ्यक्रमों को सत्र 2021-22 से लागू किए जाने के सम्बंध में चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने की. बैठक में कहा गया कि न्यूनतम समान पाठ्यक्रम का 70 प्रतिशत अनिवार्य रूप से लागू किया जाना है. शेष 30 प्रतिशत विश्वविद्यालय अपनी आवश्यकतानुसार लागू करेंगे. न्यूनतम समान पाठ्यक्रम की संरचना में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा. सभी विषयों के शीर्षक प्रत्येक विश्वविद्यालय में समान होंगे.

यह भी पढ़ें: अयोध्या नगर निगम में शामिल हुए 41 गांवों में नहीं हो रही सफाई, सपा ने लगाए आरोप




जिला समन्वयक समिति की संरचना एवं गठन पर विस्तृत चर्चा की

बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत जिला समन्वयक समिति की संरचना एवं गठन पर विस्तृत चर्चा की. जिसमें निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर गठित एनईपी टास्क फोर्स में सम्बद्धता परिक्षेत्र के 7 जिलों का प्रतिनिधित्व कर रहे प्राचार्यगण सम्बन्धित जिले में एनईपी-2020 जिला समन्वय समिति के अध्यक्ष होंगें.


जिला समन्वय समिति में जिले के समस्त अनुदानित महाविद्यालयों को प्रतिनिधित्व देने के साथ-साथ जिले के उत्तम शैक्षिक व्यवस्था वाले 3 से 5 स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधक एवं प्राचार्य को भी शामिल किए जाने की सहमति बनी. इसके साथ ही समिति के अध्यक्ष आतंरिक सहायता के लिए अपने महाविद्यालय के एक या दो शिक्षकों को भी समिति में स्थान दिया जा सकता है.

बहु-विकल्पीय आधार पर होगी परीक्षा

कुलपति ने बताया कि एनईपी में सभी विषयों के प्रश्नपत्र 100 अंक के होंगे, जिनको क्रेडिट एवं फार्मूला के अनुसार परसेन्टाइल एवं ग्रेड में सॉफ्टवेयर द्वारा परिवर्तित किया जायेगा. सभी विषयों की परीक्षा 25 प्रतिशत सतत आन्तरिक मूल्यांकन और 75 प्रतिशत वाह्य मूल्यांकन के आधार पर की जायेगी. सभी विषयों की लिखित परीक्षा होगी एवं अनिवार्य को करीकुलर विषय की परीक्षा बहु-विकल्पीय आधार पर होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.