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अयोध्या: धर्म संसद के आयोजन को लेकर संतों ने की बैठक

राम मंदिर निर्माण को लेकर धर्म संसद का आयोजन किया गया. बैठक में संतों ने एक सुर में सामूहिक तौर पर स्वीकार किया कि राम मंदिर का फैसला किसी कोर्ट में नहीं हो सकता, फिर भी हम कोर्ट के सम्मान के लिए इंतजार कर रहे हैं.

वीएचपी अध्यक्ष चंपत राय.
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Published : Jun 3, 2019, 7:43 PM IST

अयोध्या: राम मंदिर मामले को लेकर संत समाज का गुस्सा एक बार फिर से धर्म संसद का विकराल रूप लेने की तैयारी में हैं. इस बात का संकेत सोमवार को हुई धर्म संसद में देखने को मिला. इस दौरान यह बात भी कही गई कि आगे का फैसला 15 जून को होने वाली धर्म संसद में किया जाएगा.15 जून को इस बार मंदिर के साथ-साथ कश्मीर से 370 और 35 A हटाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी.

साधु संतों ने बैठक में विचार विमर्श किया.
  • इस बैठक में 7 जून से 14 जून तक के कार्यक्रम की रूपरेखा और धर्म संसद को लेकर चर्चा हुई.
  • इसमें विश्व हिंदू परिषद से चंपत राय, महंत गोपालदास राधाचरण वल्लभ और अन्य तमाम साधु संत मौजूद रहे.
  • बैठक में VHP के उपाध्यक्ष चम्पत राय ने कहा कि हम पूरी तरह से राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं.
  • हम मंदिर के लिए लड़ाई जरूर लड़ रहे हैं, लेकिन मंदिर पर सिर्फ अयोध्या के साधु संतों का ही अधिकार होगा.
  • संतो ने कहा कि ममता बनर्जी को सद्बुद्धि के लिए देश भर से उन्हें पोस्टकार्ड भेजे जाएंगे.

अयोध्या: राम मंदिर मामले को लेकर संत समाज का गुस्सा एक बार फिर से धर्म संसद का विकराल रूप लेने की तैयारी में हैं. इस बात का संकेत सोमवार को हुई धर्म संसद में देखने को मिला. इस दौरान यह बात भी कही गई कि आगे का फैसला 15 जून को होने वाली धर्म संसद में किया जाएगा.15 जून को इस बार मंदिर के साथ-साथ कश्मीर से 370 और 35 A हटाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी.

साधु संतों ने बैठक में विचार विमर्श किया.
  • इस बैठक में 7 जून से 14 जून तक के कार्यक्रम की रूपरेखा और धर्म संसद को लेकर चर्चा हुई.
  • इसमें विश्व हिंदू परिषद से चंपत राय, महंत गोपालदास राधाचरण वल्लभ और अन्य तमाम साधु संत मौजूद रहे.
  • बैठक में VHP के उपाध्यक्ष चम्पत राय ने कहा कि हम पूरी तरह से राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं.
  • हम मंदिर के लिए लड़ाई जरूर लड़ रहे हैं, लेकिन मंदिर पर सिर्फ अयोध्या के साधु संतों का ही अधिकार होगा.
  • संतो ने कहा कि ममता बनर्जी को सद्बुद्धि के लिए देश भर से उन्हें पोस्टकार्ड भेजे जाएंगे.
Intro:अयोध्या. राम मंदिर को लेकर संतों का क्या रुख होगा इसका पता 15जून को होने वाली धर्म सभा मे मालूम हो जाएग। लेकिन उस धर्म सभा का ताप आज से मालूम पड़ रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता से जरूर करा दे दिया है लेकिन देश भर के साधु संत इस बात से सहमत नहीं है मध्यस्थता को लेकर ही धर्म संसद 15 जून से एक बार फिर से हुंकार भरेंगे और दिल्ली की मोदी सरकार टू में अपनी बात रखेगी अयोध्या में मणिराम दास छावनी में न्यास अध्यक्ष गोपाल दास के जन्मोत्सव के उपलक्ष में 7 जून से 14 जून तक क्या कार्यक्रम होंगे इसकी रूपरेखा क्या होगी और धर्म संसद का क्या महत्व किस प्रकार से जनता की भी संदेश जाए इसको लेकर चर्चा हुई इसमें विश्व हिंदू परिषद से चंपत राय महंत गोपालदास राधाचरण वल्लभ व अन्य तमाम साधु-संत मौजूद इस मीटिंग के दौरान बैठक में चंपत राय ने कहा हम 4:30 सौ से ज्यादा सालों से राम मंदिर की लड़ाई लड़ रहे हैं आगे भी लड़ते रहेंगे 75 बार हमने लड़ाइयां लड़ी है हर बार एक कदम आगे बढ़ाया है लेकिन फिसले नहीं है ना ही कदम पीछे उठा है इस बार भी हमें बस यह देखना है कि हमारा कोई कदम उठाए तो पीछे ना जाने पाए कहीं भी फैसला ना हो फिलहाल अभी बैठक जारी है और गोपाल दास जी के आवाहन पर धर्म संसद में क्या होगा इसका निर्धारण होना है।


Body:धर्म संसद में क्या मुद्दे होंगे कैसे होंगे जनता के बीच कैसा संदेश जाए इसका निर्णय चल रही बैठक में नृत्य गोपाल दास के रुख पर होगा।


Conclusion:
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