अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर ट्रस्टियों, संतों, महंतों और अयोध्यावासियों में बेहद खुशी है. वहीं भूमि पूजन की तिथि और घड़ी को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के मत को ज्योतिषाचार्यों ने गलत बताया है. ज्योतिषियों का मत है कि जिस घड़ी में राम मंदिर का निर्माण होगा वह सबसे अधिक शुभ है.
राम मंदिर मॉडल में बदलाव को लेकर भी शुभ माना गया है. ज्योतिषी रघुनाथ दास ने बताया कि पहले राम मंदिर के मॉडल में तीन स्तंभ था, जो जिस का महत्व अब नए मॉडल से थोड़ा न्यून था. अब राम मंदिर के शिखर पर 5 स्तंभ स्थापित होंगे. जो पंच तत्वों को प्रदर्शित करेंगे. वही लंबाई और चौड़ाई में बदलाव ज्योतिषीय दृष्टिकोण से उचित है. आपको बता दें कि 5 अगस्त को भूमि राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारी है. दोपहर के 12 बजे के बाद मुहूर्त में भूमि पूजन को शुभ माना गया है. 32 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों चांदी की शिला रखकर राम मंदिर का भूमि पूजन संपन्न कराया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद से संतो महंतों और राम मंदिर समर्थकों इनका ही राम मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर लगी हुई हैं. वैश्विक महामारी के चलते मंदिर निर्माण की शुरुआत में देरी हुई हो रही थी. जिसके चलते संतों में आक्रोश भी था. कोरोना संक्रमण को देखते हुए ट्रस्ट समय से मंदिर निर्माण कैसे करे इस विषय पर ट्रस्टी लगातार मंथन करते रहे.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से निर्धारित दो तिथियों में से 3 और 5 अगस्त में से दूसरी तिथि यानी 5 अगस्त को मंदिर निर्माण की शुरुआत होने की प्रबल संभावना है. राम जन्मभूमि परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर तैयारी भी लगभग पूरी कर ली गई है. वहीं अनुष्ठान में लगने वाली सामग्रियों जुटाई जाती है. राम मंदिर की आधारशिला में प्रयोग की जाने वाली चांदी की तारीख में 40 किलो चांदी की शिला ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ओर से समर्पित की गई है. ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की ओर से समर्पित की गई. इस शिला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से राम मंदिर की आधारशिला में प्रयोग करेंगे.
वहीं, 5 अगस्त की तिथि को ज्योतिष पीठ शंकराचार्य मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि आचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन गलत मुहूर्त में किया जा रहा है. भविष्य में इसका विनाशकारी परिणाम होना है. आपको बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की ओर से ही भादों मास में शुभ कार्य कराए जाने का मुहूर्त निकाला गया था. लेकिन वाराणसी में उनके ही प्रतिनिधि और शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस तिथि को लेकर विरोध में आ गए हैं.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस बयान का अयोध्या के ज्योतिषाचार्य रघुनाथ दास ने खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि जब तक सूर्य कर्क राशि में रहता है तब तक श्रावण का महीना ही माना जाता है. जिस घड़ी में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होने जा रही है. इस घड़ी में सूर्य कर्क राशि में है इसलिए इसे भाद्रपद का महीना न मानकर सावन का महीना माना जाना चाहिए. 5 अगस्त को पूर्वान्ह अभिजीत मुहूर्त राम मंदिर निर्माण के लिए प्रशस्त है. 5 का अंक है. इसलिए तिथि भी शुभ है. ज्योतिष में द्वितीय तिथि अगर बुधवार को होती है तो उस दिन सिद्धि योग बनता है. शतभिषा नक्षत्र भी प्रशस्त है. गृह आरंभ में यह भी महत्वपूर्ण है. ज्योतिषाचार्य रघुनाथ दास ने कहा कि ग्रह स्थितियां बिल्कुल अनुकूल हैं जिस घड़ी में राम मंदिर के निर्माण शुरू की शुरुआत होगी.
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