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अंबेडकरनगर: निर्माणाधीन पुल टूटा, डीएम ने जांच के दिए आदेश

प्रदेश और केंद्र की सत्ता में काबिज सरकारें भ्रष्टाचार मुक्त कार्य का दावा तो कर रही हैं लेकिन हकीकत में यह दावा कागजी ही साबित हो रहा है. नेशनल हाइवे 232 पर बना पुल चालू होते ही टूट गया. पुल टूटने की वजह घटिया निर्माण सामग्री बताई जा रही है.

एसडीएम सदर अभिषेक कुमार
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Published : Feb 14, 2019, 11:23 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अम्बेडकरनगर: प्रदेश और केंद्र की सत्ता में काबिज सरकारें भ्रष्टाचार मुक्त कार्य का दावा तो कर रही है, लेकिन हकीकत में यह दावा कागजी ही साबित हो रहा है. नेशनल हाइवे 232 पर बना पुल चालू होते ही टूट गया. पुल टूटने की वजह घटिया निर्माण सामग्री बताई जा रही है. डीएम के निर्देश पर मामले की जांच करने पहुँची तीन सदस्यीय टीम ने प्रथम नजर में घटिया निर्माण सामग्री को पुल टूटने का कारण बताते हुए निर्माण सामग्री को जांच के लिए आईआईटी बीएचयू भेज दिया है.

नेशनल हाइवे पर निर्माणाधीन पुल टूटने पर डीएम ने जांच के दिए आदेश

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दरअसल, पूरा मामला टाण्डा से बांदा के लिए निर्माणाधीन नेशनल हाइवे-232 का है. यह हाइवे जनपद मुख्यालय के निकट शिझौली और अफजलपुर गांव के पास से गुजर रही है. यहीं पर तमसा नदी को पार करने के लिए एनएच पर पुल का निर्माण हुआ था लेकिन इस निर्माण में भ्रष्टाचार का ऐसा बोलबाला रहा कि पुल में अभी से बड़ी बड़ी दरारें पड़ गयी और पुल की छत टूटने लगी ,घटिया निर्माण को छुपाने के लिए कार्यदायी संस्था ने पुल तोड़ कर मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया.

टूटे पुल की गुणवत्ता की जांच के लिए डीएम सुरेश कुमार ने एसडीएम सदर अभिषेक पाठक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम में राजकीय निर्माण निगम के पीएम रामफल और पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता संकर्षणलाल को सदस्य नामित किया था. जांच टीम ने बृहस्पतिवार को टूटे पुल का निरीक्षण किया. इसके उपरांत टीम के अध्यक्ष अभिषेक पाठक ने बताया कि पहली नजर में घटिया निर्माण सामग्री ही पुल टूटने की वजह है. पुल में प्रयोग किये गए सामग्री का नमूना आईआईटी बीएचयू जांच के लिए भेजा जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी ।
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अम्बेडकरनगर: प्रदेश और केंद्र की सत्ता में काबिज सरकारें भ्रष्टाचार मुक्त कार्य का दावा तो कर रही है, लेकिन हकीकत में यह दावा कागजी ही साबित हो रहा है. नेशनल हाइवे 232 पर बना पुल चालू होते ही टूट गया. पुल टूटने की वजह घटिया निर्माण सामग्री बताई जा रही है. डीएम के निर्देश पर मामले की जांच करने पहुँची तीन सदस्यीय टीम ने प्रथम नजर में घटिया निर्माण सामग्री को पुल टूटने का कारण बताते हुए निर्माण सामग्री को जांच के लिए आईआईटी बीएचयू भेज दिया है.

नेशनल हाइवे पर निर्माणाधीन पुल टूटने पर डीएम ने जांच के दिए आदेश

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दरअसल, पूरा मामला टाण्डा से बांदा के लिए निर्माणाधीन नेशनल हाइवे-232 का है. यह हाइवे जनपद मुख्यालय के निकट शिझौली और अफजलपुर गांव के पास से गुजर रही है. यहीं पर तमसा नदी को पार करने के लिए एनएच पर पुल का निर्माण हुआ था लेकिन इस निर्माण में भ्रष्टाचार का ऐसा बोलबाला रहा कि पुल में अभी से बड़ी बड़ी दरारें पड़ गयी और पुल की छत टूटने लगी ,घटिया निर्माण को छुपाने के लिए कार्यदायी संस्था ने पुल तोड़ कर मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया.

टूटे पुल की गुणवत्ता की जांच के लिए डीएम सुरेश कुमार ने एसडीएम सदर अभिषेक पाठक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस टीम में राजकीय निर्माण निगम के पीएम रामफल और पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता संकर्षणलाल को सदस्य नामित किया था. जांच टीम ने बृहस्पतिवार को टूटे पुल का निरीक्षण किया. इसके उपरांत टीम के अध्यक्ष अभिषेक पाठक ने बताया कि पहली नजर में घटिया निर्माण सामग्री ही पुल टूटने की वजह है. पुल में प्रयोग किये गए सामग्री का नमूना आईआईटी बीएचयू जांच के लिए भेजा जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी ।
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Intro:UP-AMBEDKARNAGAR-ANURAG CHAUDHARY
SLUG-TUTA PUL
VISUAL-TUTA PUL

एंकर -प्रदेश और केंद्र की सत्ता में काबिज सरकारें भ्रष्टाचार मुक्त कार्य का दावा तो कर रही हैं लेकिन हकीकत में यह दावा कागजी ही साबित हो रहा है ,एनएच 232 पर बना पुल चालू होते ही टूट गया ,पुल टूटने की वजह घटिया निर्माण सामग्री बताई जा रही है ,डीएम के निर्देश पर मामले की जांच करने पहुँची तीन सदस्यीय टीम ने प्रथम नजर में घटिया निर्माण सामग्री को पुल टूटने का कारण बताते हुए निर्माण सामग्री को जांच के लिए आईआईटी बीएचयू भेज दिया है ।


Body:vo-मामला टाण्डा से बाँदा के लिए निर्माणाधीन नेशनल हाइवे 232 का है ,उक्त हाइवे जनपद मुख्यालय के निकट शिझौली और अफजलपुर गांव के पास से गुजर रही है यही पर तमसा नदी को पार करने के लिए एनएच पर पुल का निर्माण हुआ था लेकिन इस निर्माण में भ्रष्टाचार का ऐसा बोलबाला रहा कि पुल में अभी से बड़ी बड़ी दरारे पड़ गयी और पुल की छत टूटने लगी ,घटिया निर्माण को छुपाने के लिए कार्यदायी संस्था ने पुल तोड़ कर मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया ।


Conclusion:vo-टूटे पुल की गुणवत्ता की जांच के लिए डीएम सुरेश कुमार ने एसडीएम सदर अभिषेक पाठक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था जिसमे राजकीय निर्माण निगम के पीएम रामफल और पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता संकर्षणलाल को सदस्य नामित किया था ,जांच टीम ने आज टूटे पुल का निरक्षण किया इसके उपरांत टीम के अध्यक्ष अभिषेक पाठक ने बताया कि पहली नजर में घटिया निर्माण सामग्री ही पुल टूटने की वजह है ,पुल में प्रयोग किये गए सामग्री का नमूना आईआईटी बीएचयू जांच के लिए भेजा जा रहा है रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी ।

नोट -वीडिओ अलग से जा चुकी है।

अनुराग चौधरी
अम्बेडकरनगर
9451734102
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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