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मोहब्बत में बगावतः बालिग होते ही प्रेमिका ने प्रेमी को जेल से छुड़ाया फिर रचाई शादी

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Published : Jul 28, 2021, 4:17 AM IST

यूपी के अलीगढ़ में बालिग होते ही लड़की ने परिजनों की शिकायत पर जेल भेजे गए प्रेमी को पहले जेल से छुड़ाया. इसके बाद दोनों ने मंदिर में शादी रचा ली.

अलीगढ़ में प्रेमिका ने प्रेमी से रचाई शादी.
अलीगढ़ में प्रेमिका ने प्रेमी से रचाई शादी.

अलीगढ़ः जिले में प्यार की चिंगारी को एक लड़की ने बुझने नहीं दिया. परिजनों के शिकायत पर जेल भेजे गए प्रेमी को जेल से छुड़ाने के लिए बालिग होने का इंताजर करती रही. लड़की 18 साल की पूरे होते ही कोर्ट में प्रेमी से मोहब्बत की अपनी पूरी दास्तां बयां कर दी. फिर क्या था, दोनों के प्यार में रोड़ा बना कानून हट गया और प्रेमी को जमानत मिल गई. इसके बाद मंगलवार को श्री वार्ष्णेय मंदिर में हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार प्रेमी से शादी रचा ली. अब लड़की ने जान का खतरा बताते हुए मुख्यमंत्री, एसएसपी महिला आयोग से सुरक्षा की गुहार लगाई है. प्रेमिका के घर वालों के विरोध के चलते प्रेमी पर अपहरण व दुष्कर्म का मुदकमा दर्ज किया गया था. जिसकी वजह से प्रेमी को पांच महीने जेल में काटने पड़े थे. प्रेमिका के बयान के बाद प्रेमी को हाईकोर्ट से जमानत मिलते ही दोनों एक दूसरे के हो गए.

अलीगढ़ में प्रेमिका ने प्रेमी से रचाई शादी.

पहली नजर में हुए प्यार को पाने के लिए लड़की ने बालिग होने तक इंतजार करती रही. प्रेमी भी बदनाम होने के बाद मिलन की घड़ी तक इंतजार करता रहा. प्यार की यह कहानी अलीगढ़ के सासनी गेट थाना क्षेत्र के जयगंज इलाके की है. 3 साल पहले पंचनगरी की रहने वाली खुशी पाठक को कोचिंग में पढ़ने वाले वरुन से आंखें लड़ गई थी. जयगंज के रहने वाले वरुन भी खुशी के प्यार में गिरफ्तार हो गया था. इसके बाद दोनों साथ जीवन बिताने के लिए घर वालों से बिना बताए भाग गए. लेकिन इस प्यार के रिश्ते को खुशी के घर वालों को रास नहीं आया. खुशी के पिता प्रेमचंद्र ने थाना सासनी गेट में वरुन के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया. बाद में पुलिस ने दोनों को बरामद कर लिया था. वरुन को कानूनी शिकंजे में अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में जेल जाना पड़ा. नाबालिग खुशी कोई कड़ा कदम नहीं उठा सकी, क्योंकि वह नाबालिग थी. वहीं, खुशी के पिता प्रेमचंद ने भी वरुन से संबंध रखने पर आत्महत्या की धमकी दे कर डरा दिया था. घरवालों के विरोध के चलते खुशी तीन साल तक चुप रही.

31 मार्च 2021 को खुशी पाठक ने 18 साल की उम्र पूरी कर ली और अपना मर्जी का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो गई. मंगलवार को खुशी ने कोर्ट में अपने वकील को खड़ा कर जज के सामने अपने प्यार की दास्तां सुना दी. खुशी ने न्यायालय से वरुन के खिलाफ चल रहे ट्रायल को वापस ले लिया. इसके बाद घर वालों के खिलाफ जाते हुए मंगलवार को खुशी ने मंदिर में शादी कर ली. इस दौरान वकील, मंदिर के पुजारी और वरुन के पिता अरविंद परिवार सहित मौजूद रहे. खुशी के घरवाले इस शादी में शामिल नहीं हुये. क्योंकि अभी भी खुशी के पिता प्रेमचंद्र शादी के खिलाफ हैं. खुशी ने लाल जोड़े में वरुन को जयमाल पहना कर अपना जीवन साथी बना लिया. लेकिन उसे अब अपने घर वालों के जान का खतरा है.

इसे भी पढ़ें-मोहब्बत और कानून: प्रेमिका के बालिग होने के लिए प्रेमी ने 'तीन सुइयों के मिलन' का किया इंतजार, सुबह हुई दोबारा शादी

खुशी ने बताया कि कोर्ट में मेरे परिवार ने केस किया था. लेकिन 18 साल की होने पर वरुन के बचाव में बयान दिया है. अब 18 प्लस होने पर अपनी मर्जी से शादी की है. वरुन के पिता अरविंद अग्रवाल ने बताया कि तीन साल पहले दोनों का अफेयर चल रहा था. शादी करना चाहते थे, लेकिन 18 साल से कम होने के चलते नहीं कर पाए. अब कोर्ट को सच्चाई बता कर बेधड़क अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं.

अलीगढ़ः जिले में प्यार की चिंगारी को एक लड़की ने बुझने नहीं दिया. परिजनों के शिकायत पर जेल भेजे गए प्रेमी को जेल से छुड़ाने के लिए बालिग होने का इंताजर करती रही. लड़की 18 साल की पूरे होते ही कोर्ट में प्रेमी से मोहब्बत की अपनी पूरी दास्तां बयां कर दी. फिर क्या था, दोनों के प्यार में रोड़ा बना कानून हट गया और प्रेमी को जमानत मिल गई. इसके बाद मंगलवार को श्री वार्ष्णेय मंदिर में हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार प्रेमी से शादी रचा ली. अब लड़की ने जान का खतरा बताते हुए मुख्यमंत्री, एसएसपी महिला आयोग से सुरक्षा की गुहार लगाई है. प्रेमिका के घर वालों के विरोध के चलते प्रेमी पर अपहरण व दुष्कर्म का मुदकमा दर्ज किया गया था. जिसकी वजह से प्रेमी को पांच महीने जेल में काटने पड़े थे. प्रेमिका के बयान के बाद प्रेमी को हाईकोर्ट से जमानत मिलते ही दोनों एक दूसरे के हो गए.

अलीगढ़ में प्रेमिका ने प्रेमी से रचाई शादी.

पहली नजर में हुए प्यार को पाने के लिए लड़की ने बालिग होने तक इंतजार करती रही. प्रेमी भी बदनाम होने के बाद मिलन की घड़ी तक इंतजार करता रहा. प्यार की यह कहानी अलीगढ़ के सासनी गेट थाना क्षेत्र के जयगंज इलाके की है. 3 साल पहले पंचनगरी की रहने वाली खुशी पाठक को कोचिंग में पढ़ने वाले वरुन से आंखें लड़ गई थी. जयगंज के रहने वाले वरुन भी खुशी के प्यार में गिरफ्तार हो गया था. इसके बाद दोनों साथ जीवन बिताने के लिए घर वालों से बिना बताए भाग गए. लेकिन इस प्यार के रिश्ते को खुशी के घर वालों को रास नहीं आया. खुशी के पिता प्रेमचंद्र ने थाना सासनी गेट में वरुन के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया. बाद में पुलिस ने दोनों को बरामद कर लिया था. वरुन को कानूनी शिकंजे में अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में जेल जाना पड़ा. नाबालिग खुशी कोई कड़ा कदम नहीं उठा सकी, क्योंकि वह नाबालिग थी. वहीं, खुशी के पिता प्रेमचंद ने भी वरुन से संबंध रखने पर आत्महत्या की धमकी दे कर डरा दिया था. घरवालों के विरोध के चलते खुशी तीन साल तक चुप रही.

31 मार्च 2021 को खुशी पाठक ने 18 साल की उम्र पूरी कर ली और अपना मर्जी का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो गई. मंगलवार को खुशी ने कोर्ट में अपने वकील को खड़ा कर जज के सामने अपने प्यार की दास्तां सुना दी. खुशी ने न्यायालय से वरुन के खिलाफ चल रहे ट्रायल को वापस ले लिया. इसके बाद घर वालों के खिलाफ जाते हुए मंगलवार को खुशी ने मंदिर में शादी कर ली. इस दौरान वकील, मंदिर के पुजारी और वरुन के पिता अरविंद परिवार सहित मौजूद रहे. खुशी के घरवाले इस शादी में शामिल नहीं हुये. क्योंकि अभी भी खुशी के पिता प्रेमचंद्र शादी के खिलाफ हैं. खुशी ने लाल जोड़े में वरुन को जयमाल पहना कर अपना जीवन साथी बना लिया. लेकिन उसे अब अपने घर वालों के जान का खतरा है.

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खुशी ने बताया कि कोर्ट में मेरे परिवार ने केस किया था. लेकिन 18 साल की होने पर वरुन के बचाव में बयान दिया है. अब 18 प्लस होने पर अपनी मर्जी से शादी की है. वरुन के पिता अरविंद अग्रवाल ने बताया कि तीन साल पहले दोनों का अफेयर चल रहा था. शादी करना चाहते थे, लेकिन 18 साल से कम होने के चलते नहीं कर पाए. अब कोर्ट को सच्चाई बता कर बेधड़क अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं.

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