अलीगढ़ः जिले में प्यार की चिंगारी को एक लड़की ने बुझने नहीं दिया. परिजनों के शिकायत पर जेल भेजे गए प्रेमी को जेल से छुड़ाने के लिए बालिग होने का इंताजर करती रही. लड़की 18 साल की पूरे होते ही कोर्ट में प्रेमी से मोहब्बत की अपनी पूरी दास्तां बयां कर दी. फिर क्या था, दोनों के प्यार में रोड़ा बना कानून हट गया और प्रेमी को जमानत मिल गई. इसके बाद मंगलवार को श्री वार्ष्णेय मंदिर में हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार प्रेमी से शादी रचा ली. अब लड़की ने जान का खतरा बताते हुए मुख्यमंत्री, एसएसपी महिला आयोग से सुरक्षा की गुहार लगाई है. प्रेमिका के घर वालों के विरोध के चलते प्रेमी पर अपहरण व दुष्कर्म का मुदकमा दर्ज किया गया था. जिसकी वजह से प्रेमी को पांच महीने जेल में काटने पड़े थे. प्रेमिका के बयान के बाद प्रेमी को हाईकोर्ट से जमानत मिलते ही दोनों एक दूसरे के हो गए.
पहली नजर में हुए प्यार को पाने के लिए लड़की ने बालिग होने तक इंतजार करती रही. प्रेमी भी बदनाम होने के बाद मिलन की घड़ी तक इंतजार करता रहा. प्यार की यह कहानी अलीगढ़ के सासनी गेट थाना क्षेत्र के जयगंज इलाके की है. 3 साल पहले पंचनगरी की रहने वाली खुशी पाठक को कोचिंग में पढ़ने वाले वरुन से आंखें लड़ गई थी. जयगंज के रहने वाले वरुन भी खुशी के प्यार में गिरफ्तार हो गया था. इसके बाद दोनों साथ जीवन बिताने के लिए घर वालों से बिना बताए भाग गए. लेकिन इस प्यार के रिश्ते को खुशी के घर वालों को रास नहीं आया. खुशी के पिता प्रेमचंद्र ने थाना सासनी गेट में वरुन के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया. बाद में पुलिस ने दोनों को बरामद कर लिया था. वरुन को कानूनी शिकंजे में अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में जेल जाना पड़ा. नाबालिग खुशी कोई कड़ा कदम नहीं उठा सकी, क्योंकि वह नाबालिग थी. वहीं, खुशी के पिता प्रेमचंद ने भी वरुन से संबंध रखने पर आत्महत्या की धमकी दे कर डरा दिया था. घरवालों के विरोध के चलते खुशी तीन साल तक चुप रही.