आगरा: आठ जुलाई को आगरा सड़क हादसे के बाद उच्चतम चिकित्सा सेवा का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुलती जा रही है. मरीज को उचित इलाज न मिलने की खबर पर आज अस्पताल के सीएमओ ने अपनी कमियों को माना है और साथ ही कार्रवाई करने की बात कही है.
सीएमओ ने मानी कमियां
- आगरा सड़क हादसे के बाद घायलों को चौहान अस्पताल और कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया था.
- चौहान अस्पताल में आई टेक्नीशियन घायलों के पास डॉक्टर बनकर घूम रहा था.
- अस्पताल में दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के नाम लिखे हैं पर वो डॉक्टर कभी वहां नहीं जाते हैं.
बता दें कि आगरा सड़क हादसे में घायल को चौहान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घायल हेमंत पांडे के कूल्हे की हड्डी खिसक गई थी. उनके कंधे में भी फ्रैक्चर था पर शाम तक उन्हें कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर देखने नहीं आया था. इसके बाद उनके जानकार नीरज चतुर्वेदी के द्वारा डॉक्टर संजय चतुर्वेदी को बुलाया गया था. डॉक्टर संजय ने सीएम योगी को ट्वीट कर मामले की जानकारी दी थी और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाए थे. डॉक्टर संजय चतुर्वेदी का कहना था कि गलत अस्पताल में भर्ती करने की जगह पास के किसी ऐसे अस्पताल में घायलों को भर्ती कराना चाहिए था, जहां ट्रॉमा की व्यवस्था हो.
पूरे मामले में जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर्स मौजूद नहीं थे इसकी भी जांच करायी जाएगी. मैं मानता हूं कि अस्पताल में ट्रॉमा की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. बाद में मरीजों को हमने शिफ्ट भी किया.
मुकेश वत्स, सीएमओ