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आगरा हादसे में घायलों के गलत इलाज पर सीएमओ ने मानी गलती

यमुना एक्सप्रेस वे हादसे में घायलों के गलत इलाज पर सीएमओ ने गलती मानी है. सीएमओ का कहना है कि पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

जानकारी देते सीएमओ.
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Published : Jul 10, 2019, 7:52 PM IST

आगरा: आठ जुलाई को आगरा सड़क हादसे के बाद उच्चतम चिकित्सा सेवा का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुलती जा रही है. मरीज को उचित इलाज न मिलने की खबर पर आज अस्पताल के सीएमओ ने अपनी कमियों को माना है और साथ ही कार्रवाई करने की बात कही है.

गलत इलाज पर सीएमओ ने मानी गलती.

सीएमओ ने मानी कमियां

  • आगरा सड़क हादसे के बाद घायलों को चौहान अस्पताल और कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया था.
  • चौहान अस्पताल में आई टेक्नीशियन घायलों के पास डॉक्टर बनकर घूम रहा था.
  • अस्पताल में दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के नाम लिखे हैं पर वो डॉक्टर कभी वहां नहीं जाते हैं.

बता दें कि आगरा सड़क हादसे में घायल को चौहान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घायल हेमंत पांडे के कूल्हे की हड्डी खिसक गई थी. उनके कंधे में भी फ्रैक्चर था पर शाम तक उन्हें कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर देखने नहीं आया था. इसके बाद उनके जानकार नीरज चतुर्वेदी के द्वारा डॉक्टर संजय चतुर्वेदी को बुलाया गया था. डॉक्टर संजय ने सीएम योगी को ट्वीट कर मामले की जानकारी दी थी और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाए थे. डॉक्टर संजय चतुर्वेदी का कहना था कि गलत अस्पताल में भर्ती करने की जगह पास के किसी ऐसे अस्पताल में घायलों को भर्ती कराना चाहिए था, जहां ट्रॉमा की व्यवस्था हो.

पूरे मामले में जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर्स मौजूद नहीं थे इसकी भी जांच करायी जाएगी. मैं मानता हूं कि अस्पताल में ट्रॉमा की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. बाद में मरीजों को हमने शिफ्ट भी किया.
मुकेश वत्स, सीएमओ

आगरा: आठ जुलाई को आगरा सड़क हादसे के बाद उच्चतम चिकित्सा सेवा का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुलती जा रही है. मरीज को उचित इलाज न मिलने की खबर पर आज अस्पताल के सीएमओ ने अपनी कमियों को माना है और साथ ही कार्रवाई करने की बात कही है.

गलत इलाज पर सीएमओ ने मानी गलती.

सीएमओ ने मानी कमियां

  • आगरा सड़क हादसे के बाद घायलों को चौहान अस्पताल और कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया था.
  • चौहान अस्पताल में आई टेक्नीशियन घायलों के पास डॉक्टर बनकर घूम रहा था.
  • अस्पताल में दो स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के नाम लिखे हैं पर वो डॉक्टर कभी वहां नहीं जाते हैं.

बता दें कि आगरा सड़क हादसे में घायल को चौहान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घायल हेमंत पांडे के कूल्हे की हड्डी खिसक गई थी. उनके कंधे में भी फ्रैक्चर था पर शाम तक उन्हें कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर देखने नहीं आया था. इसके बाद उनके जानकार नीरज चतुर्वेदी के द्वारा डॉक्टर संजय चतुर्वेदी को बुलाया गया था. डॉक्टर संजय ने सीएम योगी को ट्वीट कर मामले की जानकारी दी थी और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाए थे. डॉक्टर संजय चतुर्वेदी का कहना था कि गलत अस्पताल में भर्ती करने की जगह पास के किसी ऐसे अस्पताल में घायलों को भर्ती कराना चाहिए था, जहां ट्रॉमा की व्यवस्था हो.

पूरे मामले में जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर्स मौजूद नहीं थे इसकी भी जांच करायी जाएगी. मैं मानता हूं कि अस्पताल में ट्रॉमा की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. बाद में मरीजों को हमने शिफ्ट भी किया.
मुकेश वत्स, सीएमओ

Intro:आगरा।बीती आठ जुलाई को आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र में झरना नाले के पास हुए अवध डिपो की बस के साथ हुई दुर्घटना के बाद उच्चतम चिकित्सा सेवा का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के दावो की अब पोल खुलती जा रही है।ईटीवी भारत द्वारा मरीज को उचित इलाज न मिलने की खबर प्रकाशित करने के बाद आज खुद सीएमओ ने कमियों को माना है और जिस हॉस्पिटल में मरीज का गलत इलाज हुआ है उस पर कार्यवाही करने की बात कही है।
Body:बता दे कि स्वास्थ्य विभाग ने बस हादसे के घायलों को यमुना पार इलाके में चौहान अस्पताल और कृषणा अस्पताल में भर्ती कराया था।खुद डिप्टी सीएम और परिवहन मंत्री घायलों का हाल देखने यहां आए थे।बताया जाता है कि जिज़ समय डिप्टी सीएम चौहान अस्पताल में घायलों का हाल देख रहे थे तब उसी समय वहां का आई टेक्नीशियन घायलों के पास डाक्टर बनकर घूम रहा था।यही नही इस अस्पताल में दो स्पेशलिस्ट डाक्टर्स के नाम लिखे हैं पर वो डाक्टर कभी वहां नही जाते हैं।स्पेशलिस्ट डाक्टर न होने के कारण यहां भर्ती घायल हेमंत पांडे के कूल्हे की हड्डी खिसक गई थी और कंधे में फ्रेक्चर था पर शाम तक उन्हें कोई स्पेशलिस्ट डाक्टर देखने नही आया था।इसके बाद उनके जानकार नीरज चतुर्वेदी के द्वारा डाक्टर संजय चतुर्वेदी को बुलाया गया था।डाक्टर संजय ने सीएम योगी को ट्वीट कर मामले की जानकारी दी थी और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाए थे।उनका कहना था कि जल्दीबाजी में गलत अस्पताल में भर्ती करने की जगह पास के किसी ऐसे अस्पताल में घायलों को भर्ती कराना चाहिए था जहां ट्रामा की व्यवस्था हो।इस पर सीएमओ ने जल्दी फर्स्ट एड के लिए मरीजों को वहां एडमिट कराने की बात कही थी।आज मामला ईटीवी भारत द्वारा उठाने के बाद सीएमओ मुकेश वत्स ने अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही है और ट्रामा न ले जाने का कारण बताते हुए कहा कि एम्बुलेंस ड्राइवर को यह नही पता था कि कौन कितना घायल है इसलिए ऐसा हुआ है।हमने सब गंभीर घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद एसएन रेफर किया था।यहां यह भी बता दे कि घायल हेमंत पांडे फरीदाबाद का रहने वाला है और उसका इस समय आगरा से बाहर एक बड़े निजी चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।


बाईट-मुकेश वत्स सीएमओConclusion:
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