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पैरा शटलर पलक कोहली ने कहा, मेरा एकमात्र लक्ष्य पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतना

पलक ने टोक्यो पैरालंपिक में सभी तीन प्रारूपों – एकल, महिला युगल (पारूल परमार के साथ) और मिश्रित युगल (प्रमोद भगत के साथ) में क्वालीफाई किया था लेकिन एक भी पदक नहीं जीत सकी थीं.

Para shuttler Palak Kohli said, 'My only goal is to win a gold medal at the Paris Paralympics'
Para shuttler Palak Kohli said, 'My only goal is to win a gold medal at the Paris Paralympics'
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Published : Mar 2, 2022, 6:23 PM IST

नई दिल्ली: भारत की युवा पैरा शटलर पलक कोहली ने कहा कि तोक्यो खेलों में मिली निराशा से उनकी सफलता हासिल करने की भूख और बढ़ गयी है जिससे अब उनका एकमात्र लक्ष्य दो साल में पेरिस पैरालंपिक से स्वर्ण पदक के साथ लौटने का है.

अठारह वर्ष की उम्र में पैरालंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली युवा पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पलक इस समय विटोरिया में स्पेनिश पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं.

उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में सभी तीन प्रारूपों – एकल, महिला युगल (पारूल परमार के साथ) और मिश्रित युगल (प्रमोद भगत के साथ) में क्वालीफाई किया था लेकिन एक भी पदक नहीं जीत सकी थीं.

ये भी पढ़ें- कोहली के 100वें टेस्ट से पहले बुमराह ने दिल खोलकर कही ये बड़ी बात

पलक का जन्म से ही बायीं बाजू का विकास नहीं हुआ. उन्होंने पीटीआई से कहा, "तोक्यो पैरालंपिक में खेलना शानदार अनुभव था. पैरा बैडमिंटन में उम्र का कोई मानदंड नहीं था. इसलिये तीनों स्पर्धाओं में सबसे युवा खिलाड़ी के तौर पर क्वालीफाई करना शानदार था जिससे मुझे तीनों स्पर्धाओं में 'एक्सपोजर' मिल गया."

उन्होंने कहा, "मिश्रित वर्ग में पदक के करीब पहुंचकर कांस्य गंवाने की बहुत निराशा थी लेकिन इससे मेरी पदक के लिये भूख काफी बढ़ गयी है और मेरा एक ही लक्ष्य है वो है पेरिस में पदक जीता. मैं स्वर्ण पदक से कम कोई पदक नहीं जीतना चाहती."

नई दिल्ली: भारत की युवा पैरा शटलर पलक कोहली ने कहा कि तोक्यो खेलों में मिली निराशा से उनकी सफलता हासिल करने की भूख और बढ़ गयी है जिससे अब उनका एकमात्र लक्ष्य दो साल में पेरिस पैरालंपिक से स्वर्ण पदक के साथ लौटने का है.

अठारह वर्ष की उम्र में पैरालंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली युवा पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पलक इस समय विटोरिया में स्पेनिश पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं.

उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में सभी तीन प्रारूपों – एकल, महिला युगल (पारूल परमार के साथ) और मिश्रित युगल (प्रमोद भगत के साथ) में क्वालीफाई किया था लेकिन एक भी पदक नहीं जीत सकी थीं.

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पलक का जन्म से ही बायीं बाजू का विकास नहीं हुआ. उन्होंने पीटीआई से कहा, "तोक्यो पैरालंपिक में खेलना शानदार अनुभव था. पैरा बैडमिंटन में उम्र का कोई मानदंड नहीं था. इसलिये तीनों स्पर्धाओं में सबसे युवा खिलाड़ी के तौर पर क्वालीफाई करना शानदार था जिससे मुझे तीनों स्पर्धाओं में 'एक्सपोजर' मिल गया."

उन्होंने कहा, "मिश्रित वर्ग में पदक के करीब पहुंचकर कांस्य गंवाने की बहुत निराशा थी लेकिन इससे मेरी पदक के लिये भूख काफी बढ़ गयी है और मेरा एक ही लक्ष्य है वो है पेरिस में पदक जीता. मैं स्वर्ण पदक से कम कोई पदक नहीं जीतना चाहती."

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