मुरादाबाद: जिले में बीते गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग बड़ी लापरवाही सामने आई थी. इस दौरान क्वारन्टीन मरीज की देखरेख की जिम्मेदारी वाले स्टाफ ने दो ऐसे मरीजों को घर भेज दिया था, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. ईटीवी भारत द्वारा खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद मुरादाबाद सीएमओ ने मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा है कि अपर निदेशक स्तर से जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुरादाबाद के IFTM में क्वारंटीन किए गए 80 आशंकित मरीजों के सैम्पल 18 अप्रैल को जांच के लिए भेजे गए थे. 21 अप्रैल को आई जांच रिपोर्ट में 21 मरीजों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जबकि 37 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. पीरजादा निवासी 33 वर्षीय और इंद्राचोक निवासी 30 वर्षीय मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई थी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के चलते 22 अप्रैल को जब निगेटिव आये मरीजों को उनके घर भेजा गया, तब इंद्राचोक और पीरजादा निवासी दोनों पॉजिटिव मरीजों को भी घर भेज दिया गया था.
सीएमओ ने दिए जांच के आदेश
जब यह दोनों कोरोना पॉजिटिव मरीज अपने घर पहुंचे तो इन्हें देख इलाके के लोग अचंभित हो गए. स्थानीय लोगों द्वारा मामले की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस की मदद से दोनों मरीजों को फिर विवेकानंद नर्सिंग अस्पताल में भर्ती कराया है. इस खबर को सबसे पहले ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद सीएमओ ने पूरे मामले पर जांच के आदेश दिए गए.
मुरादाबाद के जिला मुख्य चिकित्साधिकारी एमसी गर्ग ने पुष्टि करते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलते जुलते नामों के कारण भ्रमवश उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था. फिलहाल दोनों मरीजों को एम्बुलेंस की मदद से विवेकानंद अस्पताल में भर्ती करा दिया है. मामले की अपर निदेशक स्तर से जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.