मेरठ: यूं तो अक्सर देखा और सुना जाता है कि, बंदियों की मनोदशा सुधारने और उन्हें अवसाद से मुक्त रखने की मंशा से जेलों में समय -समय पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार (Chaudhary Charan Singh District Jail) में बंदी खेती कर रहे हैं. वो भी सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि हजारों बंदियों के लिए भी खेती और सब्जियां उगा रहे हैं. इन सब्जियों को मेरठ सहित और 5 जेलों में भेजी जाती है, जिससे वहां के बंदी भी इसका लाभ उठा सकें. इस जेल में करीब ढाई हजार बंदी हैं. जेल प्रशासन के पास 52 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें कुछ जेल के अंदर है, जबकि कुछ कृषि फार्म अलग से है.
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इस मामले में जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने etv bharat को बताया कि मेरठ जिला कारागार में हर तरह की सीजनल सब्जियां उगाई जाती हैं. साथ ही फलदार वृक्ष भी लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि करीब 40 एकड़ कृषि भूमि में सब्जियों की पैदावार यहां होती है. यहां के बंदियों का लगाव खेती की ओर देखने को मिल रहा है.
उन्होंने बताया कि उन सब्जियों को मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के जेलों में भी लगातार भेजी जाती हैं. जेल के पास 52 एकड़ जमीन है. उसमें से 12 एकड़ जमीन गेहूं बीज निगम के लिए आरक्षित है. यहां बंदियों के सहयोग से बीज निगम फाउंडेशन बीज तैयार करता है, जो कि निगम को जाता है. बीज निगम 12 एकड़ में उन्नत बीज बनाता है. उसे यहां से प्रदेश और देशभर के किसानों को उन्नत खेती के लिए दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि इस काम के लिए बंदियों को मेहनताना भी दिया जाता है. ये पैसा डायरेक्ट उनके अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. यहां के बंदी खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करते हैं. जेल प्रशासन भी उन्हें तनावमुक्त रखने के इरादे से कई तरह के कार्यक्रम करता है.
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