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कोरोना ने बच्चों से छीना मां-बाप का साया, आश्रय ग्रहों में मिलेगा सहारा

लखनऊ में कई बच्चों के मां-बाप कोरोना की वजह से जिंदगी की जंग हार गए. ऐसे बच्चों को चाइल्ड लाइन के साथ मिलकर सहारा दिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं.

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Published : May 9, 2021, 5:19 AM IST

लखनऊ: जिले में कोरोना संक्रमण ने कई बच्चों अनाथ कर दिया है. संक्रमण से जिन बच्चों के मां-बाप की मौत हुई है, उन्हें अब आश्रय ग्रहों में आसरा दिया जाएगा. प्रमुख सचिव ने इसके लिए सभी चाइल्ड लाइन सहयोगियों के साथ बैठक भी की है. जिसमें यह तय हुआ है कि 10 साल से कम उम्र के बच्चों को वन स्टॉप सेंटरों पर बालिकाओं के साथ रखा जा सकता है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं.

यह भी पढ़ें: पॉलिटेक्निक छात्रों ने बनाया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 1 मिनट में करता है 10 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन


बच्चों को चिन्हित कर दी जाए सूचना
प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास वी हेकाली झिमोमी ने सभी जिला अधिकारियों को आदेश दिया है कि ऐसे बच्चों को चिन्हित कर तत्काल सूचना सरकार को दी जाए. ताकि बच्चों के रहने का प्रबंध किया जा सके. सरकार द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया है कि इस तरह के बच्चों का डाटा एकत्र करने के लिए मोहल्ला निगरानी समिति व ग्राम निगरानी समितियों का इस्तेमाल किया जाए.

जुटाए जाए बच्चों के आंकड़े
शहरी इलाकों का मोहल्ला निगरानी समितियां गठित हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में ग्राम निगरानी समितियां काम कर रही हैं. इनमें आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता भी हैं. इसके अलावा चाइल्डलाइन से भी इस तरीके बच्चों का आंकड़ा जुटाने के लिए कहा गया है.

क्वारंटाइन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं सरकारी छात्रावास
ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाने के लिए जन सामान्य की भी मदद ली जाएगी. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 011-23478250 जारी किया गया है. इस नंबर पर ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी दी जा सकती है. ऐसे बच्चों के बारे में चाइल्डलाइन 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर भी जानकारी दे सकते हैं. वहीं बाल गृह में एंटीजन किट रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. प्रमुख सचिव ने कहा कि मौजूदा समय में बंद पड़े सरकारी छात्रावासों को बच्चों और महिलाओं के लिए क्वारंटाइन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

लखनऊ: जिले में कोरोना संक्रमण ने कई बच्चों अनाथ कर दिया है. संक्रमण से जिन बच्चों के मां-बाप की मौत हुई है, उन्हें अब आश्रय ग्रहों में आसरा दिया जाएगा. प्रमुख सचिव ने इसके लिए सभी चाइल्ड लाइन सहयोगियों के साथ बैठक भी की है. जिसमें यह तय हुआ है कि 10 साल से कम उम्र के बच्चों को वन स्टॉप सेंटरों पर बालिकाओं के साथ रखा जा सकता है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं.

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बच्चों को चिन्हित कर दी जाए सूचना
प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास वी हेकाली झिमोमी ने सभी जिला अधिकारियों को आदेश दिया है कि ऐसे बच्चों को चिन्हित कर तत्काल सूचना सरकार को दी जाए. ताकि बच्चों के रहने का प्रबंध किया जा सके. सरकार द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया है कि इस तरह के बच्चों का डाटा एकत्र करने के लिए मोहल्ला निगरानी समिति व ग्राम निगरानी समितियों का इस्तेमाल किया जाए.

जुटाए जाए बच्चों के आंकड़े
शहरी इलाकों का मोहल्ला निगरानी समितियां गठित हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में ग्राम निगरानी समितियां काम कर रही हैं. इनमें आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता भी हैं. इसके अलावा चाइल्डलाइन से भी इस तरीके बच्चों का आंकड़ा जुटाने के लिए कहा गया है.

क्वारंटाइन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं सरकारी छात्रावास
ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाने के लिए जन सामान्य की भी मदद ली जाएगी. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 011-23478250 जारी किया गया है. इस नंबर पर ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी दी जा सकती है. ऐसे बच्चों के बारे में चाइल्डलाइन 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर भी जानकारी दे सकते हैं. वहीं बाल गृह में एंटीजन किट रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. प्रमुख सचिव ने कहा कि मौजूदा समय में बंद पड़े सरकारी छात्रावासों को बच्चों और महिलाओं के लिए क्वारंटाइन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

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