लखनऊ: इस बार की गर्मी में राजधानी लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश की जनता भीषण बिजली संकट से कराहती रही. अगर विभागीय अधिकारियों की मानें तो अगले साल गर्मी में लखनऊ के लोगों को बिजली संकट का सामना शायद न करना पड़े. वजह है कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने अगले साल जुलाई तक आठ नए बिजलीघर बनाने के प्रस्ताव भेजा है. अगर यह आठ उपकेंद्र अगले साल तक विद्युत आपूर्ति करने लगेंगे तो शहर वासियों को बिजली संकट की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार के मुताबिक तकरीबन 70 करोड़ रुपये की लागत से अगले साल जुलाई तक आठ नए बिजलीघर तैयार किए जाएंगे. इस बाबत शासन की टास्क फोर्स को प्रस्ताव भेज दिया गया है. जैसे ही उधर से हरी झंडी मिलती है तो कार्य शुरू करा दिया जाएगा. सूर्यपाल गंगवार न कहा कि लेसा ट्रांस गोमती और सिस गोमती जोन में चार-चार बिजली घर बनाए जाएंगे. इनसे तकरीबन 80 से 90 हजार लोगों को बिजली संकट से छुटकारा मिल सकेगा.
उन्होंने बताया कि सिस गोमती क्षेत्र में एक उपकेंद्र का निर्माण लखनऊ विकास प्राधिकरण कराएगा, जो बाद में लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन को सौंप दिया जाएगा. सेस खंड प्रथम के तहत जिलाधिकारी ने बिजनौर में उपकेंद्र बनाने के लिए जमीन आवंटित कर दी है. देवा रोड के लिए भी जिला प्रशासन से जमीन की मांग की गई है. इसके अलावा सरोजनीनगर और गेहरू मैं विद्युत प्रशिक्षण संस्थान परिसर की विभागीय जमीन पर बिजली घरों का निर्माण कराया जाएगा. इतना ही नहीं गोमती नगर में विशेष खंड का बिजली घर, तिकुनिया पार्क, विशेष खंड और हुसड़िया चौराहे पर एलडीए की ओर से जमीन उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है.
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वर्ष 2022 में जुलाई माह तक आठ नए उपकेंद्रों का निर्माण होने से जिन पुराने बिजली घरों पर ओवरलोडिंग हो रही है, उन्हें इससे छुटकारा मिल जाएगा. अचानक तकनीकी खराबी के चलते बिजली गुल होने की शहरवासियों की भी समस्या दूर हो जाएगी. विशेष खंड गोमती नगर, विनम्रखंड गोमती नगर, देवा रोड चिनहट, बिजनौर सेस खंड प्रथम, गेहरू सेस खंड प्रथम, कबीरनगर हंसखेड़ा सेस खंड दो, सरोजनीनगर सेस खंड प्रथम के लोगों को बिजली की कटौती से छुटकारा मिलेगा.