गोरखपुर: रवि किशन ने अपने नामांकन के दौरान शैक्षिक योग्यता 12वीं पास बताई है, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने खुद को बीकॉम पास बताया था. इस आधार पर उनके हलफनामे को भी झूठा माना जा रहा है, जिसको लेकर विरोधी प्रत्याशियों में काफी आक्रोश है.
क्या है पूरा मामला
- रवि किशन ने नामांकन पत्र में शैक्षिक योग्यता 12वीं पास बताई है.
- मुंबई के रिजवी कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स से 1990 में पास किया था.
- 2014 में जौनपुर लोकसभा सीट से उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भरा था नामांकन.
- इस दौरान उन्होंने खुद को बीकॉम पास बताया था.
- उनकी यह डिग्री भी मुंबई के रिजवी कॉलेज से 1992-93 की है.
कांग्रेस प्रत्याशी ने सुप्रीम कोर्ट जाने की कही बात
लोकसभा चुनाव में 21 प्रत्याशियों के नामांकन को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद विरोधियों ने भाजपा प्रत्याशी में कमियां ढूंढना शुरू कर दिया था. इस बीच उनके हाथ यह बड़ा हथियार लग गया. इसके आधार पर वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन मानते हुए हलफनामे को झूठा करार दे रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन त्रिपाठी ने इस मामले में कहा कि अगर निर्वाचन आयोग सही फैसला नहीं करता है तो मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.
इस मामले में हिंदू युवा वाहिनी भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने भी रिटर्निंग ऑफिसर समेत योगी आदित्यनाथ पर सीधे हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्याशी को सत्ता और चुनाव आयोग का पूरा सहयोग मिल रहा है. यही वजह है कि झूठे हलफनामे, नामांकन पत्र में हस्ताक्षर न होने के बाद भी उनका पर्चा वैध हो जाता है.
उन्होंने कहा कि जबकि मेरे पर्चे में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं पाई गई बावजूद इसके रिटर्निंग ऑफिसर ने एक पेज बदलकर उनके पर्चे को खारिज कर दिया. सुनील सिंह ने कहा कि वह भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत करने के बाद सही फैसला करने की उम्मीद करते हैं. वह इस मामले में हाईकोर्ट में एक अपील भी दायर करेंगे.