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स्पर्म डोनेशन से Single Mom बनीं संयुक्ता बनर्जी, पिता का भी निभा रहीं फर्ज - सरोगेसी विधि

भोपाल में लंबे समय से मां बनने की कोशिश कर रहीं संयुक्ता आखिर आईसीआई तकनीक से सिंगल मॉम बन गई हैं. उन्होंने बिना किसी पार्टनर के एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है.

संयुक्ता बनर्जी
संयुक्ता बनर्जी
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Published : Sep 10, 2021, 9:58 AM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश की एक महिला ने अपने रीति-रिवाजों को तोड़कर बिना पार्टनर के सिंगल मॉम (Single Mom) बनी हैं. देश में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, जो स्पर्म (Sperm Donation) खरीदकर मां बन रही हैं. ऐसी ही भोपाल की आल इंडिया रेडियो (Bhopal All India Radio) में काम करने वाली संयुक्ता बनर्जी हैं, जिन्होंने अकेली ही मां बनने की हिम्मत जुटाई है. इस निर्णय में उनके परिवार और दोस्तों ने मानसिक सहयोग किया. उन्हें अपने इस फैसले पर गर्व है.

लंबे समय से मां बनने की कोशिश कर रहीं थी संयुक्ता
संयुक्ता बनर्जी लंबे समय से मां बनने की कोशिश कर रहीं थीं. इसके लिये उन्होंने तीन बार बच्चा गोद लेने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं होने पर फैमिली डॉक्टर (Family Doctor) ने उन्हें आईसीआई तकनीक (ICI Method) से मां बनने की सलाह दी. इससे उन्होंने अपने मां बनने के सपने को पूरा किया. संयुक्ता बताती हैं कि इस तरह अकेले मां बनने के लिये वह मानसिक और शारीरिक (Physically and Mentally Preparation) रूप से पहले ही तैयार हो गईं थीं.

स्पर्म डोनेशन से Single Mom बनीं संयुक्ता बनर्जी

रिवाजों को तोड़ बनीं सिंगल मॉम
सिंगल मॉम बनना इतना आसान नहीं था, संयुक्ता अपने फैसले पर डटी रहीं. स्पर्म डोनेशन के माध्यम उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया है. 37 वर्षीय संयुक्ता ऑल इंडिया रेडियो में न्यूज बॉडकास्टर (News Broadcaster) के रूप में काम करती हैं. संयुक्ता की शादी 20 अप्रैल 2008 में हुई थी. पति को बच्चा नहीं चाहिए था, लेकिन उन्हें मातृत्व का सुख लेना था. 2014 में संयुक्ता अपने पति से अलग हो गईं और 2017 में उनका तलाक हो गया.

तलाक के बाद नए सिरे से शुरू की जिंदगी
संयुक्ता बनर्जी ने बताया कि तलाक के बाद मैंने नए सिरे से जिंदगी शुरू करने का निर्णय लिया. मातृत्व सुख के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण से बच्चा गोद लेने के लिए दो बार रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी. इसके बाद फैमिली डॉक्टर ने सेरोगेसी, आईवीएफ, आईसीआई और आईयूआई जैसी तकनीक की जानकारी दी. इसमें बिना पार्टनर के भी मां बना जा सकता था.

अंतिम सांसें गिन रहे पति के स्पर्म से बच्चा चाहती है पत्नी, मामला कोर्ट में

उन्होंने बताया कि मैंने आईसीआई तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया. इसमें केवल स्पर्म डोनेशन लेना होता है, वह भी बिना किसी के संपर्क में आए. इसमें डोनर की पहचान गोपनीय रहती है. फरवरी में मुझे पता चला कि मैंने कर लिया है. डॉक्टर की देखरेख में 24 अगस्त को मैंने बेटे को जन्म दिया. मेरा सपना भी पूरा हो गया. पहले मैंने सरोगेसी (surrogacy) से बच्चा करने के बारे में सोचा था. यह तकनीक बहुत महंगी है. उसमें काफी रुपया खर्च होने के बाद भी सक्सेस रेट बहुत कम है.

भोपाल : मध्य प्रदेश की एक महिला ने अपने रीति-रिवाजों को तोड़कर बिना पार्टनर के सिंगल मॉम (Single Mom) बनी हैं. देश में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, जो स्पर्म (Sperm Donation) खरीदकर मां बन रही हैं. ऐसी ही भोपाल की आल इंडिया रेडियो (Bhopal All India Radio) में काम करने वाली संयुक्ता बनर्जी हैं, जिन्होंने अकेली ही मां बनने की हिम्मत जुटाई है. इस निर्णय में उनके परिवार और दोस्तों ने मानसिक सहयोग किया. उन्हें अपने इस फैसले पर गर्व है.

लंबे समय से मां बनने की कोशिश कर रहीं थी संयुक्ता
संयुक्ता बनर्जी लंबे समय से मां बनने की कोशिश कर रहीं थीं. इसके लिये उन्होंने तीन बार बच्चा गोद लेने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं होने पर फैमिली डॉक्टर (Family Doctor) ने उन्हें आईसीआई तकनीक (ICI Method) से मां बनने की सलाह दी. इससे उन्होंने अपने मां बनने के सपने को पूरा किया. संयुक्ता बताती हैं कि इस तरह अकेले मां बनने के लिये वह मानसिक और शारीरिक (Physically and Mentally Preparation) रूप से पहले ही तैयार हो गईं थीं.

स्पर्म डोनेशन से Single Mom बनीं संयुक्ता बनर्जी

रिवाजों को तोड़ बनीं सिंगल मॉम
सिंगल मॉम बनना इतना आसान नहीं था, संयुक्ता अपने फैसले पर डटी रहीं. स्पर्म डोनेशन के माध्यम उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया है. 37 वर्षीय संयुक्ता ऑल इंडिया रेडियो में न्यूज बॉडकास्टर (News Broadcaster) के रूप में काम करती हैं. संयुक्ता की शादी 20 अप्रैल 2008 में हुई थी. पति को बच्चा नहीं चाहिए था, लेकिन उन्हें मातृत्व का सुख लेना था. 2014 में संयुक्ता अपने पति से अलग हो गईं और 2017 में उनका तलाक हो गया.

तलाक के बाद नए सिरे से शुरू की जिंदगी
संयुक्ता बनर्जी ने बताया कि तलाक के बाद मैंने नए सिरे से जिंदगी शुरू करने का निर्णय लिया. मातृत्व सुख के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण से बच्चा गोद लेने के लिए दो बार रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी. इसके बाद फैमिली डॉक्टर ने सेरोगेसी, आईवीएफ, आईसीआई और आईयूआई जैसी तकनीक की जानकारी दी. इसमें बिना पार्टनर के भी मां बना जा सकता था.

अंतिम सांसें गिन रहे पति के स्पर्म से बच्चा चाहती है पत्नी, मामला कोर्ट में

उन्होंने बताया कि मैंने आईसीआई तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया. इसमें केवल स्पर्म डोनेशन लेना होता है, वह भी बिना किसी के संपर्क में आए. इसमें डोनर की पहचान गोपनीय रहती है. फरवरी में मुझे पता चला कि मैंने कर लिया है. डॉक्टर की देखरेख में 24 अगस्त को मैंने बेटे को जन्म दिया. मेरा सपना भी पूरा हो गया. पहले मैंने सरोगेसी (surrogacy) से बच्चा करने के बारे में सोचा था. यह तकनीक बहुत महंगी है. उसमें काफी रुपया खर्च होने के बाद भी सक्सेस रेट बहुत कम है.

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