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यूपी की जेल में बंद कश्मीरी छात्रों के परिवारवालों ने की रिहाई की अपील

टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान किक्रेट टीम की जीत पर जश्न मानने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. कश्मीरी छात्रों के परिवारवालों ने बेटों की रिहाई की अपील की है.

यूपी की जेल में बंद कश्मीरी छात्र
यूपी की जेल में बंद कश्मीरी छात्र
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Published : Oct 29, 2021, 4:57 AM IST

Updated : Oct 29, 2021, 12:01 PM IST

बांदीपोरा/बडगाम: टी20 विश्व कप मैच में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर कथित रूप से जश्न का संदेश पोस्ट करने के आरोप में यूपी की जेल में बंद कश्मीरी छात्रों के परिवारवालों ने बेटों की रिहाई की अपील की है. उनके परिवारवालों का कहना है कि बेटों को मानवीय आधार पर रिहा कर दिया जाए.

कश्मीरी छात्रों की रिहाई की अपील

प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना पर राजा बलवंत सिंह (आरबीएस) इंजीनियरिंग टेक्निकल कॉलेज आगरा में पढ़ रहे कश्मीर के बडगाम और बांदीपोरा जिलों के अर्शीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद को गुरुवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने उन पर 124A IPC (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकिएक अंग्रेजी राष्ट्रीय दैनिक ने अपनी रिपोर्ट में कॉलेज के अधिकारियों के हवाले से कहा था कि छात्रों ने राष्ट्र विरोधी नारे नहीं लगाए.

कॉलेज के निदेशक (शिक्षाविद) बीएसकेबीएस कुशवाहा का कहना है कि, 'छात्रों ने पाकिस्तान समर्थक नारे नहीं लगाए.' दरअसलमैच के बाद स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था.

मानवीय आधार पर रिहा करने की अपील
गिरफ्तार छात्रों में से एक शाहगुंड बांदीपोरा के शौकत अहमद गनी की मां ने 'ईटीवी भारत' से बात की. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले बुधवार शाम को बेटे से बात हुई थी उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि 'बेटे से कोई संपर्क नहीं है और न ही उसके ठिकाने के बारे में पता है. न ही पुलिस और न ही जम्मू-कश्मीर सरकार के किसी प्रशासनिक अधिकारी ने हमें कोई सूचना दी है. हम सभी चिंतित हैं और पूरा परिवार मानसिक आघात में है. उसके पिता मजदूरी करते हैं. हम इतने गरीब हैं कि उसके लिए एक वकील का खर्च नहीं उठा सकते.'परिवार ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मानवीय आधार पर उनके बेटे को रिहा करने और माफ करने की अपील की है.

पढ़ें- आगरा में पाक की जीत पर जश्न मनाने वाले तीन कश्मीरी छात्र गिरफ्तार
एक अन्य गिरफ्तार छात्र चदूरा बडगाम के इनायत अल्ताफ शेख के चाचा शब्बीर अहमद शेख ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में कॉलेज के एक शिक्षक से पता चला. शिक्षक ने कहा 'वे सुरक्षित हैं और पुलिस ने उन्हें कुछ सोशल मीडिया गतिविधि के लिए गिरफ्तार किया है.' शब्बीर अहमद शेख ने कहा कि ' हमें उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम चाहते हैं कि हमारा बेटा सुरक्षित रहे और उसकी जल्द रिहाई हो.' इनायत के पिता बढ़ई हैं.

कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय: महबूबा
छात्रों की गिरफ्तारी के बाद से कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों में दहशत है. कई छात्र अपने घरों को लौट आए हैं.कश्मीर में छात्रों और राजनेताओं ने भी छात्रों की रिहाई की मांग की है.जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के अध्यक्ष नासिर खुहमी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिरफ्तार छात्रों की तत्काल रिहाई की मांग की है. उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के भीतर और बाहर कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय है. जम्मू-कश्मीर में दो साल के दमन के बाद की स्थिति भारत सरकार के लिए आंख खोलने वाली होनी चाहिए. उनका कहना है कि वह भाजपा की छद्म देशभक्ति के विचार की निंदा करती हैं.

पढ़ें- कश्मीरी छात्रों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, कोर्ट के बाहर भीड़ के पीटने का वीडियो वायरल

पढ़ें- महबूबा ने युवाओं के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का केंद्र पर लगाया आरोप

बांदीपोरा/बडगाम: टी20 विश्व कप मैच में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत पर कथित रूप से जश्न का संदेश पोस्ट करने के आरोप में यूपी की जेल में बंद कश्मीरी छात्रों के परिवारवालों ने बेटों की रिहाई की अपील की है. उनके परिवारवालों का कहना है कि बेटों को मानवीय आधार पर रिहा कर दिया जाए.

कश्मीरी छात्रों की रिहाई की अपील

प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना पर राजा बलवंत सिंह (आरबीएस) इंजीनियरिंग टेक्निकल कॉलेज आगरा में पढ़ रहे कश्मीर के बडगाम और बांदीपोरा जिलों के अर्शीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद को गुरुवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने उन पर 124A IPC (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकिएक अंग्रेजी राष्ट्रीय दैनिक ने अपनी रिपोर्ट में कॉलेज के अधिकारियों के हवाले से कहा था कि छात्रों ने राष्ट्र विरोधी नारे नहीं लगाए.

कॉलेज के निदेशक (शिक्षाविद) बीएसकेबीएस कुशवाहा का कहना है कि, 'छात्रों ने पाकिस्तान समर्थक नारे नहीं लगाए.' दरअसलमैच के बाद स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था.

मानवीय आधार पर रिहा करने की अपील
गिरफ्तार छात्रों में से एक शाहगुंड बांदीपोरा के शौकत अहमद गनी की मां ने 'ईटीवी भारत' से बात की. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले बुधवार शाम को बेटे से बात हुई थी उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि 'बेटे से कोई संपर्क नहीं है और न ही उसके ठिकाने के बारे में पता है. न ही पुलिस और न ही जम्मू-कश्मीर सरकार के किसी प्रशासनिक अधिकारी ने हमें कोई सूचना दी है. हम सभी चिंतित हैं और पूरा परिवार मानसिक आघात में है. उसके पिता मजदूरी करते हैं. हम इतने गरीब हैं कि उसके लिए एक वकील का खर्च नहीं उठा सकते.'परिवार ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मानवीय आधार पर उनके बेटे को रिहा करने और माफ करने की अपील की है.

पढ़ें- आगरा में पाक की जीत पर जश्न मनाने वाले तीन कश्मीरी छात्र गिरफ्तार
एक अन्य गिरफ्तार छात्र चदूरा बडगाम के इनायत अल्ताफ शेख के चाचा शब्बीर अहमद शेख ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में कॉलेज के एक शिक्षक से पता चला. शिक्षक ने कहा 'वे सुरक्षित हैं और पुलिस ने उन्हें कुछ सोशल मीडिया गतिविधि के लिए गिरफ्तार किया है.' शब्बीर अहमद शेख ने कहा कि ' हमें उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम चाहते हैं कि हमारा बेटा सुरक्षित रहे और उसकी जल्द रिहाई हो.' इनायत के पिता बढ़ई हैं.

कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय: महबूबा
छात्रों की गिरफ्तारी के बाद से कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों में दहशत है. कई छात्र अपने घरों को लौट आए हैं.कश्मीर में छात्रों और राजनेताओं ने भी छात्रों की रिहाई की मांग की है.जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के अध्यक्ष नासिर खुहमी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिरफ्तार छात्रों की तत्काल रिहाई की मांग की है. उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के भीतर और बाहर कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय है. जम्मू-कश्मीर में दो साल के दमन के बाद की स्थिति भारत सरकार के लिए आंख खोलने वाली होनी चाहिए. उनका कहना है कि वह भाजपा की छद्म देशभक्ति के विचार की निंदा करती हैं.

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Last Updated : Oct 29, 2021, 12:01 PM IST
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