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कंज्यूमर कोर्ट ने एयरटेल पर लगाया ₹50,000 का जुर्माना, जानें क्या है मामला

टेलीकॉम सेवाएं मुहैया कराने में लापरवाही बरतने के मामले में भारती एयरटेल को झटका लगा है. हैदराबाद के कंज्यूमर फोरम कोर्ट ने एयरटेल पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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कंज्यूमर कोर्ट एयरटेल पर जुर्माना
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Published : Apr 28, 2022, 12:44 PM IST

हैदराबाद (तेलंगाना) : हैदराबाद के कंज्यूमर फोरम कोर्ट ने भारती एयरटेल को एक ग्राहक को 1,41,770 रुपये का गलत बिल देने के मामले में जुर्माने के तौर पर 50,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. हैदराबाद के लोअर टैंक बंड इलाके में रहने वाले सेवानिवृत्त विंग कमांडर समर चक्रवर्ती और उनकी पत्नी बहामास जाना चाहते थे. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सेवाओं के लिए भारती एयरटेल से संपर्क किया. उन्होंने बेगमपेट में एयरटेल सर्विस सेंटर के कर्मचारियों को बताया कि वह 2014 से पोस्टपेड सेवा का उपयोग कर रहे हैं. इसके बाद एयरटेल के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि अगर वह अमेरिका प्लान-बी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं तो नेटवर्क बहामास में काम करेगा.

समर 27 जून, 2018 को न्यूजर्सी पहुंचे और 3,999 रुपये + 149 रुपये का पैक रिचार्ज किया. उनके फोन पर मैसेज आया कि इस पैक के लिए 500 आउटगोइंग कॉल्स, 5GB डेटा, अनलिमिटेड एसएमएस और इनकमिंग कॉल्स लागू हैं. समर ने सेवा केंद्र से शिकायत की कि नई योजना के सक्रिय होने के बाद से उन्हें कई बार अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सेवाएं प्राप्त करने से बार-बार काट दिया गया है. बहामास के नासाउ पहुंचने पर उन्हें संदेश मिला कि मोबाइल बिल 1,41,770 रुपये का है.

उन्होंने फिर से ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क किया, लेकिन यह जानकर हैरान रह गए कि प्लान काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि एयरटेल सर्विस प्रोवाइडर्स ने उन्हें वह प्लान लेने के लिए कहा था. तभी उन्होंने उस सर्विस प्लान से रिचार्ज किया. उन्होंने तर्क दिया कि यह सेवा केंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही थी. वहीं, एयरटेल ने कहा कि वह बिल की कुछ राशि काटेगा. उनकी सेवा के लिए उनके पास केवल 28,000 रुपये की क्रेडिट सीमा थी. इसके बाद समर ने जिला उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया. उन्होंने दावा किया कि एयरटेल कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनकी विदेश जाने की इच्छा खत्म हो गई.

हैदराबाद जिला उपभोक्ता आयोग-1 की अध्यक्ष बी उमावेंकट सुब्बलक्ष्मी और सदस्य सी लक्ष्मीप्रसन्ना की पीठ ने मामले की जांच की और पाया कि एयरटेल कंपनी की लापरवाही स्पष्ट थी और गलत बिल को सुधारने और 45 दिनों के भीतर 50,000 रुपये मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया. ऐसा न करने पर 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज का भुगतान करना होगा.

यह भी पढ़ें- एयरटेल ने अचानक बंद किया सिम तभी बैंक अकाउंट में हुआ फ्रॉड, अब मिलेगा 6 लाख रुपये का मुआवजा

हैदराबाद (तेलंगाना) : हैदराबाद के कंज्यूमर फोरम कोर्ट ने भारती एयरटेल को एक ग्राहक को 1,41,770 रुपये का गलत बिल देने के मामले में जुर्माने के तौर पर 50,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. हैदराबाद के लोअर टैंक बंड इलाके में रहने वाले सेवानिवृत्त विंग कमांडर समर चक्रवर्ती और उनकी पत्नी बहामास जाना चाहते थे. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सेवाओं के लिए भारती एयरटेल से संपर्क किया. उन्होंने बेगमपेट में एयरटेल सर्विस सेंटर के कर्मचारियों को बताया कि वह 2014 से पोस्टपेड सेवा का उपयोग कर रहे हैं. इसके बाद एयरटेल के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि अगर वह अमेरिका प्लान-बी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं तो नेटवर्क बहामास में काम करेगा.

समर 27 जून, 2018 को न्यूजर्सी पहुंचे और 3,999 रुपये + 149 रुपये का पैक रिचार्ज किया. उनके फोन पर मैसेज आया कि इस पैक के लिए 500 आउटगोइंग कॉल्स, 5GB डेटा, अनलिमिटेड एसएमएस और इनकमिंग कॉल्स लागू हैं. समर ने सेवा केंद्र से शिकायत की कि नई योजना के सक्रिय होने के बाद से उन्हें कई बार अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सेवाएं प्राप्त करने से बार-बार काट दिया गया है. बहामास के नासाउ पहुंचने पर उन्हें संदेश मिला कि मोबाइल बिल 1,41,770 रुपये का है.

उन्होंने फिर से ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क किया, लेकिन यह जानकर हैरान रह गए कि प्लान काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि एयरटेल सर्विस प्रोवाइडर्स ने उन्हें वह प्लान लेने के लिए कहा था. तभी उन्होंने उस सर्विस प्लान से रिचार्ज किया. उन्होंने तर्क दिया कि यह सेवा केंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही थी. वहीं, एयरटेल ने कहा कि वह बिल की कुछ राशि काटेगा. उनकी सेवा के लिए उनके पास केवल 28,000 रुपये की क्रेडिट सीमा थी. इसके बाद समर ने जिला उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया. उन्होंने दावा किया कि एयरटेल कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनकी विदेश जाने की इच्छा खत्म हो गई.

हैदराबाद जिला उपभोक्ता आयोग-1 की अध्यक्ष बी उमावेंकट सुब्बलक्ष्मी और सदस्य सी लक्ष्मीप्रसन्ना की पीठ ने मामले की जांच की और पाया कि एयरटेल कंपनी की लापरवाही स्पष्ट थी और गलत बिल को सुधारने और 45 दिनों के भीतर 50,000 रुपये मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया. ऐसा न करने पर 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज का भुगतान करना होगा.

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