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SC का बड़ा फैसला, चुनावी बॉन्ड पर रोक नहीं, सभी दल EC को देंगे ब्योरा

चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इस पर रोक तो नहीं लगेगी, लेकिन सभी पार्टियों को इसका ब्योरा देना होगा. विस्तार से जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Apr 12, 2019, 12:26 PM IST

नई दिल्ली: राजनीतिक दलों की फंडिंग के लिए केंद्र सरकार की इलेक्टॉरल बॉन्ड स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. अब राजनीतिक दलों को चंदा देने से संबंधित चुनावी बॉन्ड पर रोक नहीं लगेगी. कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी दल, जिनको चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा मिला है, वो सील कवर में चुनाव आयोग को ब्योरा देंगे.

कोर्ट ने जानकारी साझा करने के लिए 30 मई की समय-सीमा निर्धारित की है और कहा है कि पार्टियां प्रत्येक दानदाता का ब्योरा सौंपे. चुनाव आयोग इसे सेफ कस्टडी में रखेगा. दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट मामले की विस्तृत सुनवाई की तारीख तय करेगा. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि वह चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर आदेश पारित न करे.

कोर्ट का यह फैसला उस वक्त आया है जिसमें राजनीतिक बॉन्ड की वैधता को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनावाई की जा रही थी. जो किसी अनाम चंदे की इजाजत देता है. इससे पहले, गुरूवार को केन्द्र ने कहा कि था कि मतदाताओं को दानकर्ताओं की पहचान जानने की जरूरत नहीं है.

ani twitter etvbharat
ट्वीट सौ. (एएनआई ट्विटर)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगले आदेश तक चुनाव आयोग भी चुनावी बॉन्ड्स से एकत्रित की गई धनराशि का ब्यौरा सील बंद लिफाफे में ही रखें.'

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कानून में किए गए बदलावों का विस्तार से परीक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि संतुलन किसी दल के पक्ष में न झुका हो.

नई दिल्ली: राजनीतिक दलों की फंडिंग के लिए केंद्र सरकार की इलेक्टॉरल बॉन्ड स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. अब राजनीतिक दलों को चंदा देने से संबंधित चुनावी बॉन्ड पर रोक नहीं लगेगी. कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी दल, जिनको चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा मिला है, वो सील कवर में चुनाव आयोग को ब्योरा देंगे.

कोर्ट ने जानकारी साझा करने के लिए 30 मई की समय-सीमा निर्धारित की है और कहा है कि पार्टियां प्रत्येक दानदाता का ब्योरा सौंपे. चुनाव आयोग इसे सेफ कस्टडी में रखेगा. दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट मामले की विस्तृत सुनवाई की तारीख तय करेगा. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि वह चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर आदेश पारित न करे.

कोर्ट का यह फैसला उस वक्त आया है जिसमें राजनीतिक बॉन्ड की वैधता को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनावाई की जा रही थी. जो किसी अनाम चंदे की इजाजत देता है. इससे पहले, गुरूवार को केन्द्र ने कहा कि था कि मतदाताओं को दानकर्ताओं की पहचान जानने की जरूरत नहीं है.

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ट्वीट सौ. (एएनआई ट्विटर)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगले आदेश तक चुनाव आयोग भी चुनावी बॉन्ड्स से एकत्रित की गई धनराशि का ब्यौरा सील बंद लिफाफे में ही रखें.'

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कानून में किए गए बदलावों का विस्तार से परीक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि संतुलन किसी दल के पक्ष में न झुका हो.

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