नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के मामले में तलाकशुदा बेटी के लिए भी नियमों में राहत प्रदान की गई है. अब वैसी बेटियां भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने की हकदार होंगी, जिनका तलाक नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने अपने मृतक अभिभावक कर्मचारी/पेंशनभोगी के जीवित रहने के दौरान तलाक की याचिका दाखिल कर दी थी.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार के मृतक कर्मचारी की बेटी अब अपनी तलाक याचिका के लंबित होने के दौरान भी पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार है. उन्होंने कहा कि इससे पहले के नियम के अनुसार, केवल उस बेटी को मृतक अभिभावक की पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार था जो कि उनके जीवित रहने के दौरान तलाकशुदा थी.
पारिवारिक पेंशन देने के आदेश जारी
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में जितेंद्र सिंह के हवाले से कहा गया कि पेंशनभोगी माता-पिता की मृत्यु के बाद भी विकलांगता प्रमाण पत्र पेश करने वाले दिव्यांग बच्चे या उसके भाई-बहन को पारिवारिक पेंशन देने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन यह विकलांगता पेंशनभोगी माता-पिता की मृत्यु होने से पहले की होनी चाहिए.
परिचारक भत्ते में बढ़ोत्तरी
इसी तरह, दिव्यांग पेंशनभोगियों के जीवन में सुगमता लाने के लिए सहायक के लिए परिचारक भत्ता भी 4,500 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 6,700 रुपये कर दिया गया है.
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र
जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन विभाग द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के संबंध में खास पहल की गई है. उन्होंने कहा कि ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ विदेशों में बस गए हैं, उनके लिए जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने और पारिवारिक पेंशन शुरू करने के संबंध में समेकित निर्देशों पर परिपत्र लाया गया है.
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घर पर ही प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के निर्देश
संबंधित बैंक की विदेश स्थित शाखाओं और भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास/उच्चायोग को विदेशों में ही जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के साथ ही पारिवारिक पेंशन शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं. सिंह ने कहा कि इसी के साथ-साथ सभी पेंशन वितरण बैंकों को उन पेंशनभोगियों के लिए उनके घर पर ही जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं जो बैंक जाने में असमर्थ हैं.