श्रीनगर : पीडीपी के तीन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. पीडीपी नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि वे 'उनके कुछ कामों और बयानों, विशेष रूप से जो देशभक्ति की भावनाओं को आहत करते हैं की वजह से असहज महसूस कर रहे हैं.
दरअसल महबूबा मुफ्ती ने पिछले दिनों कहा था कि जबतक जम्मू-कश्मीर का झंडा नहीं मिल जाता, वह कोई अन्य झंडा नहीं फहराएंगी. उन्होंने कहा था कि जबतक हमारा झंडा हमें वापस नहीं मिलेगा, हम कोई और झंडा नहीं फहराएंगे.
उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई महज अनुच्छेद 370 की वापसी तक सीमित नहीं है, बल्कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भी है. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार को जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के हित में दिलचस्पी नहीं है.
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महबूबा ने कहा था कि उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के लोगों में दिलचस्पी नहीं है. वो जो चाहते हैं, वह क्षेत्र है, जो बीते वर्ष पांच अगस्त तक कानूनी रूप से यहां के लोगों के पास था, लेकिन उन्होंने उस रिश्ते को तोड़ दिया जो परिग्रहण पर आधारित था. हमने एक उदार, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत के साथ संबंध जोड़ा था, हम आज के भारत के साथ सहज नहीं है.
उन्होंने कहा था कि हमने पंचायत चुनाव का बॉयकॉट किया. हम अपने कार्यकर्ताओं से बात करेंगे और एलायंस चुनाव के मुद्दे पर निर्णय लेगा, जहां तक मेरा सवाल है, मैं पूर्व राज्य जम्मू एवं कश्मीर के झंडे के बिना कोई चुनाव नहीं लडूंगी.
बता दें कि मुफ्ती इससे पहले 14 महीने तक हिरासत में थीं. हिरासत से मुक्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में मुख्य धारा के सात दलों ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए हाल में गठित अपने गठबंधन का नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को अध्यक्ष एवं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष चुनकर उसे औपचारिक स्वरूप प्रदान किया और कहा कि यह कोई 'राष्ट्र विरोधी' गठबंधन नहीं है.