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राजसमंद: कंपनी में ड्यूटी के दौरान कर्मचारी की मौत, आश्रित परिवार को मुआवजा देने पर बनी सहमति

रेलमगरा तहसील में हिंदुस्तान जिंक वेदांता के सिंदेसर खुर्द माइंस गेट में रविवार को ड्यूटी पर आए एक श्रमिक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों और कंपनी प्रबंधन के बीच 20 लाख रुपए में समझौता होने पर परिजनों ने आखिरकार से उठा लिया.

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कंपनी में ड्यूटी के दौरान कर्मचारी की मौत
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Published : Mar 15, 2021, 1:02 PM IST

राजसमंद. जिले के रेलमगरा उपखंड में हिंदुस्तान जिंक वेदांता की सिंदेसर खुर्द माइंस गेट में रविवार को ड्यूटी पर आए एक कर्मचारी की मौत हो गई. बताया गया कि कंपनी की ट्रावेल्स के चालक नारायण सिंह पुत्र दल्ला सिंह रावत निवासी मेनिया तहसील रेलमगरा सुबह 7:00 बजे ड्यूटी पर आया था, लेकिन करीब 11:00 बजे अचानक उसकी मौत हो गई.

मृतक का शव हिंदूस्तान जिंक के हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया. इसकी सूचना पर CI भरत नाथ जोगी, थानाधिकारी लालूराम जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। यहां परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया, उनका साथ श्रमिक संगठनों ने भी दिया। आखिरकार जिंक प्रबंधन, प्रधान आदित्य प्रताप सिंह, उप प्रधान कमलेश चौधरी, नेता नरहरि देव सिंह, कल्याण सिंह शक्तावत, नंदलाल कोठारी, मोहन लाल सालवी, उपसरपंच मेहंदुरिया व अन्य जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में लंबी वार्ता चली.

यह भी पढ़ें: 20 साल की बेटी को 3 लाख में बेच गए माता-पिता, युवक ने खरीदकर रचाई जबरन शादी

वार्ता में कंपनी प्रबंधन और मृतक के समर्थकों के बीच समझौता हुआ. जिसमें मृतक नारायण सिंह के परिवार को ₹20 लाख रुपए और ₹5 लाख की बीमा राशि देना तय हुआ. साथ ही उसके बच्चे को प्राइवेट नौकरी दी जाएगी. इसके बाद शव को रेलमगरा हॉस्पिटल ले जाकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.

राजसमंद. जिले के रेलमगरा उपखंड में हिंदुस्तान जिंक वेदांता की सिंदेसर खुर्द माइंस गेट में रविवार को ड्यूटी पर आए एक कर्मचारी की मौत हो गई. बताया गया कि कंपनी की ट्रावेल्स के चालक नारायण सिंह पुत्र दल्ला सिंह रावत निवासी मेनिया तहसील रेलमगरा सुबह 7:00 बजे ड्यूटी पर आया था, लेकिन करीब 11:00 बजे अचानक उसकी मौत हो गई.

मृतक का शव हिंदूस्तान जिंक के हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया. इसकी सूचना पर CI भरत नाथ जोगी, थानाधिकारी लालूराम जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। यहां परिजनों ने शव उठाने से मना कर दिया, उनका साथ श्रमिक संगठनों ने भी दिया। आखिरकार जिंक प्रबंधन, प्रधान आदित्य प्रताप सिंह, उप प्रधान कमलेश चौधरी, नेता नरहरि देव सिंह, कल्याण सिंह शक्तावत, नंदलाल कोठारी, मोहन लाल सालवी, उपसरपंच मेहंदुरिया व अन्य जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में लंबी वार्ता चली.

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वार्ता में कंपनी प्रबंधन और मृतक के समर्थकों के बीच समझौता हुआ. जिसमें मृतक नारायण सिंह के परिवार को ₹20 लाख रुपए और ₹5 लाख की बीमा राशि देना तय हुआ. साथ ही उसके बच्चे को प्राइवेट नौकरी दी जाएगी. इसके बाद शव को रेलमगरा हॉस्पिटल ले जाकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.

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