ETV Bharat / state

कभी थी प्रभावशाली महिला... आज दाने-दाने के लिए मोहताज...

देश में लॉकडाउन के बाद में कई ऐसी मार्मिक कहानियां सामने आई. जिन्हें सुनने के बाद में हर किसी का दिल पसीज गया. बता दें कि पाली में भी एक महिला की कहानी सामने आई है. जो कभी प्रधान हुआ करती थी और अब प्रशासन की मदद की मोहताज है.

rajasthan news, hindi news, corona virus
बच्चों की भूख मिटाने भटक रही रोहट की पूर्व प्रधान
author img

By

Published : Apr 25, 2020, 11:28 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 8:33 PM IST

पाली. लॉकडाउन के बीच पाली से एक ऐसी कहानी सामने आई है. जिसे सुनकर राजनीति कुर्सियों पर आधिपत्य जमाने वाले राजनीतिक चेहरे भी घबरा जाएंगे. एक महिला जिसने पांच साल में 75 करोड़ के चेकों पर साइन किए, आज वो महिला अपने बच्चों का पेट पालने के लिए इधर से उधर चक्कर लग रही है.

बता दें कि 10 साल पहले तक जिस महिला को प्रधान मानते हुए उसकी आवभगत की जा रही थी. वही 35 वर्षीय महिला आज अपने बच्चों का पेट भरने के लिए पाली जिला कलेक्ट्रेट के बाहर राहत सामग्री पाने के लिए भटकती नजर आ रही है. यह 35 वर्षीय रेशमा नायक के साथ हो रहा है.जो पिछले पांच साल से गरीबी में ही जीवन बीता रही है.

मुख्यमंत्री से भी की मुलाकात

वर्ष 2010 से लेकर 2015 तक और हॉट पंचायत समिति में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि रेशमा के सामने उसके इशारे का इंतजार करते थे. पूरे क्षेत्र के लोग इसके इर्द-गिर्द मंडराते थे, क्योंकि वह कांग्रेस की ओर से रोहट पंचायत समिति की प्रधान बनी थी. उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, जिनसे मिलने का मौका भी रेशमा को तीन-चार बार मिला था. मगर पांच साल गुजर जाने के बाद सीट से हटते ही कांग्रेस का संगठन भी रेशमा को भूल गया और फिर से वह अपने ससुराल में कच्चे मकान में चूल्हा-चौका व बच्चों की परवरिश में लग गई.

बच्चों की भूख मिटाने भटक रही रोहट की पूर्व प्रधान

अचानक शनिवार को यही रेशमा एक बार फिर कलेक्ट्रेट में प्रकट हुई. वह किसी सरकारी मीटिंग में भाग लेने नहीं आई थी, बल्कि अपना व अपने पांच बच्चों का पेट भरने के लिए प्रशासन से राशन सामग्री के किट मांगने आई थी. तीन घंटे वह कलेक्ट्रेट परिसर में बैठी रही, लेकिन प्रशासनिक अफसर से नहीं मिल पाई क्योंकि वे शहर के राउंड पर थे.

उस समय कलेक्ट्रेट में कुछ कांग्रेस नेता भी पहुंच गए. जिनसे उसने मदद की गुहार लगाई. उसने जब अपना परिचय दिया कि वह भी कांग्रेसी है और रोहट की प्रधान रही है. जिसके बाद नेता उसे दिलासा देकर अपने साथ ले गए.

पढ़ें- CORONA की मार: थम गए सुर, धीमी पड़ी थाप और बढ़ गई पेट की आग

नेताओं ने की मदद

रेशमा ने बताया कि वह वर्तमान में 10 बाई 12 फीट की प्लास्टिक के तिरपाल की झोपड़ी में रहती है. पति ने छोड़ा तो 5 बच्चों की परवरिश भी अकेले करनी पड़ी. शनिवार को कलेक्ट्रेट में कांग्रेस नेता महावीर सिंह सुकरलाई, मोटू भाई, प्रकाश सांखला व जोगाराम सोलंकी ने पूर्व प्रधान रेशमा को मदद का भरोसा दिलाया. कांग्रेस नेता सुकरलाई ने उसे राशन सामग्री के किट व आर्थिक सहायता भी दी.

पति ने निकाला घर से

कलेक्ट्रेट से 5 किमी दूर औद्योगिक क्षेत्र में कृष्णा नगर के पास ग्रेनाइट फैक्ट्रियों से कुछ दूरी पर प्लास्टिक के तिरपाल से 20 झोपड़ियां में से एक झोपड़ी कांग्रेस की पूर्व प्रधान रेशमा की है. रोहट के बांडाई के निकट मोडी भाखरी निवासी उसके पति देवाराम नायक ने झगड़ा-फसाद कर कुछ समय पहले रेशमा को उसके पांचों बच्चों के साथ घर से निकाल दिया. जिसके बाद उसके माता-पिता ने अपने पास ही में उसके लिए अलग से झोपड़ी की व्यवस्था कर दी.

rajasthan news, hindi news, corona virus
अपने घर के बाहर अपने बच्चों के साथ खड़ी रोहट की पूर्व प्रधान

पढ़ेंः प्लाज्मा थेरेपी के लिए हम तैयार, ICMR की हरी झंडी का इंतजार: चिकित्सा मंत्री

5 साल में 75 करोड़ के चेक पर रेशमा ने हस्ताक्षर किए, अब पाई-पाई की मोहताज

रेशमा ने बताया कि उसे ज्यादा तो याद नहीं, लेकिन यह जरूर याद है कि 5 साल प्रधान रहते हुए रोहट पंचायत समिति में विकास कार्य पर 75 करोड़ रुपए खर्च हुए, जिनके चेक पर उसके हस्ताक्षर थे. वह ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं है, लेकिन उन पांच साल में उसने हस्ताक्षर करना जरूर सीख लिया था. उसने बताया कि कुछ समय से पति से अलग होकर पांचों बच्चों की परवरिश मजदूरी करके कर रही है. मगर पिछले एक माह से लॉकडाउन होने के बाद मजदूरी नहीं मिल रही है और पाई-पाई के लिए मोहताज हो गई है. अब तो सरकार पर ही आस है कि वह उसे व उसके बच्चों के पुर्नवास के लिए कोई मदद करे.

पाली. लॉकडाउन के बीच पाली से एक ऐसी कहानी सामने आई है. जिसे सुनकर राजनीति कुर्सियों पर आधिपत्य जमाने वाले राजनीतिक चेहरे भी घबरा जाएंगे. एक महिला जिसने पांच साल में 75 करोड़ के चेकों पर साइन किए, आज वो महिला अपने बच्चों का पेट पालने के लिए इधर से उधर चक्कर लग रही है.

बता दें कि 10 साल पहले तक जिस महिला को प्रधान मानते हुए उसकी आवभगत की जा रही थी. वही 35 वर्षीय महिला आज अपने बच्चों का पेट भरने के लिए पाली जिला कलेक्ट्रेट के बाहर राहत सामग्री पाने के लिए भटकती नजर आ रही है. यह 35 वर्षीय रेशमा नायक के साथ हो रहा है.जो पिछले पांच साल से गरीबी में ही जीवन बीता रही है.

मुख्यमंत्री से भी की मुलाकात

वर्ष 2010 से लेकर 2015 तक और हॉट पंचायत समिति में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि रेशमा के सामने उसके इशारे का इंतजार करते थे. पूरे क्षेत्र के लोग इसके इर्द-गिर्द मंडराते थे, क्योंकि वह कांग्रेस की ओर से रोहट पंचायत समिति की प्रधान बनी थी. उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, जिनसे मिलने का मौका भी रेशमा को तीन-चार बार मिला था. मगर पांच साल गुजर जाने के बाद सीट से हटते ही कांग्रेस का संगठन भी रेशमा को भूल गया और फिर से वह अपने ससुराल में कच्चे मकान में चूल्हा-चौका व बच्चों की परवरिश में लग गई.

बच्चों की भूख मिटाने भटक रही रोहट की पूर्व प्रधान

अचानक शनिवार को यही रेशमा एक बार फिर कलेक्ट्रेट में प्रकट हुई. वह किसी सरकारी मीटिंग में भाग लेने नहीं आई थी, बल्कि अपना व अपने पांच बच्चों का पेट भरने के लिए प्रशासन से राशन सामग्री के किट मांगने आई थी. तीन घंटे वह कलेक्ट्रेट परिसर में बैठी रही, लेकिन प्रशासनिक अफसर से नहीं मिल पाई क्योंकि वे शहर के राउंड पर थे.

उस समय कलेक्ट्रेट में कुछ कांग्रेस नेता भी पहुंच गए. जिनसे उसने मदद की गुहार लगाई. उसने जब अपना परिचय दिया कि वह भी कांग्रेसी है और रोहट की प्रधान रही है. जिसके बाद नेता उसे दिलासा देकर अपने साथ ले गए.

पढ़ें- CORONA की मार: थम गए सुर, धीमी पड़ी थाप और बढ़ गई पेट की आग

नेताओं ने की मदद

रेशमा ने बताया कि वह वर्तमान में 10 बाई 12 फीट की प्लास्टिक के तिरपाल की झोपड़ी में रहती है. पति ने छोड़ा तो 5 बच्चों की परवरिश भी अकेले करनी पड़ी. शनिवार को कलेक्ट्रेट में कांग्रेस नेता महावीर सिंह सुकरलाई, मोटू भाई, प्रकाश सांखला व जोगाराम सोलंकी ने पूर्व प्रधान रेशमा को मदद का भरोसा दिलाया. कांग्रेस नेता सुकरलाई ने उसे राशन सामग्री के किट व आर्थिक सहायता भी दी.

पति ने निकाला घर से

कलेक्ट्रेट से 5 किमी दूर औद्योगिक क्षेत्र में कृष्णा नगर के पास ग्रेनाइट फैक्ट्रियों से कुछ दूरी पर प्लास्टिक के तिरपाल से 20 झोपड़ियां में से एक झोपड़ी कांग्रेस की पूर्व प्रधान रेशमा की है. रोहट के बांडाई के निकट मोडी भाखरी निवासी उसके पति देवाराम नायक ने झगड़ा-फसाद कर कुछ समय पहले रेशमा को उसके पांचों बच्चों के साथ घर से निकाल दिया. जिसके बाद उसके माता-पिता ने अपने पास ही में उसके लिए अलग से झोपड़ी की व्यवस्था कर दी.

rajasthan news, hindi news, corona virus
अपने घर के बाहर अपने बच्चों के साथ खड़ी रोहट की पूर्व प्रधान

पढ़ेंः प्लाज्मा थेरेपी के लिए हम तैयार, ICMR की हरी झंडी का इंतजार: चिकित्सा मंत्री

5 साल में 75 करोड़ के चेक पर रेशमा ने हस्ताक्षर किए, अब पाई-पाई की मोहताज

रेशमा ने बताया कि उसे ज्यादा तो याद नहीं, लेकिन यह जरूर याद है कि 5 साल प्रधान रहते हुए रोहट पंचायत समिति में विकास कार्य पर 75 करोड़ रुपए खर्च हुए, जिनके चेक पर उसके हस्ताक्षर थे. वह ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं है, लेकिन उन पांच साल में उसने हस्ताक्षर करना जरूर सीख लिया था. उसने बताया कि कुछ समय से पति से अलग होकर पांचों बच्चों की परवरिश मजदूरी करके कर रही है. मगर पिछले एक माह से लॉकडाउन होने के बाद मजदूरी नहीं मिल रही है और पाई-पाई के लिए मोहताज हो गई है. अब तो सरकार पर ही आस है कि वह उसे व उसके बच्चों के पुर्नवास के लिए कोई मदद करे.

Last Updated : Apr 26, 2020, 8:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.