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कोटा: रामगंजमंडी में 1 कमरे में 10 लोग क्वॉरेंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां - हिंदी न्यूज

रामगंजमंडी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है. बता दें कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में यहां एक ही कमरे में 10 व्यक्ति को ठहराया गया है. ऐसे में सब मजदूर एक दूसरे के सम्पर्क में आ रहे है. जिससे कोरोना का खतरा और भी बढ़ता गया है.

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एक कमरे में 10 जन को किया क्वॉरेंटाइन
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Published : May 3, 2020, 9:18 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). रामगंजमंडी के सुकेत समीप निजी कंपनी के 280 मजदूरों को कोरोना वायरस से बचाने के लिये प्रशासन ने तहसील में 5 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं. बता दें कि अभी तक निजी कंपनी के कुल 29 मजदूर कोरोना पॉजिटिव आए हैं, लेकिन उपखण्ड में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

एक कमरे में 10 जन को किया क्वॉरेंटाइन

बता दें कि इन मजदूरों को पटेल कंपनी कैंपस से निकाल कोरोना से बचने के लिए दूसरे सेंटर में शिफ्ट कर दिया है, लेकिन वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. एक ही कमरे में 10 व्यक्ति को ठहराया हुआ है, लेकिन पूरे सेंटर में एक ही जगह पर पानी की टंकियां लगाई गई हैं. ऐसे में सब मजदूर एक दूसरे के सम्पर्क में आ रहे हैं. वहीं खाना निजी कंपनी द्वारा मजदूरों को भिजवाया जा रहा है. लेकिन खाना कट्टों के अंदर पॉलीथिन में पैक करके दिया जा रहा है.

जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर व्यवस्था का जायजा लिया तो पता चला कि इन मजदूरों को पीने का पानी कॉलेज में बाहर बने पानी के टैंकर से सप्लाई किया जा रहा, लेकिन जब पानी का टैंकर देखा तो टैंकर में गंदे कपड़े पत्थर पड़े नजर आए. जिसके चलते उन्हें गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं तैनात मेडिकल टीम से पूछा गया तो क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों में रोजाना पेट दर्द व उल्टी की शिकायत सामने आ रही है.

सेंटर पर तैनात मेडिकल टीम तक को नहीं कोई सुविधा

क्वॉरेंटाइन सेंटर पर तैनात मेडिकल स्टाफ के पास भी सुविधा नहीं हैं. बता दें कि मजदूरों की देखरेख कर रहे स्टाफ के पास ना तो ढंग का मास्क है ना ही ग्लव्स हैं. जिसके चलते उन्हें फेंक कर दवाई देनी पड़ती है.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं हो रहा सैनिटाइजेशन

जब क्वॉरेंटाइन सेंटर को सैनिटाइज करने व तैनात स्टाफ से उनको मिलने वाली सुविधा पर बात की तो पता चला कि यहां पहले तो सेंटर को सैनिटाइज किया गया था, लेकिन सेंटर पूरी तरह सैनिटाइज नहीं हो पाया. इस मामले में जानकारी के लिये उपखण्ड अधिकारी से संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया.

पढ़ें- राज्य सरकार प्रवासियों को हवाई जहाज से लाने की डिमांड भी कर सकती है: सांसद राहुल कस्वां

यहां बनाए गए हैं क्वॉरेंटाइन सेंटर

1. राजकीय महाविद्यालय निमाना, इसमें 8 कमरों में 84 लोगों को रखा गया है.
2. नवोदय विद्यालय खैराबाद, 11 कमरों में 50 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया है.
3. राजकीय आईटीआई कॉलेज, 5 कमरों में 25 मजदूर को क्वॉरेंटाइन किया है.
4. तिरुपति बालाजी आईटीआई कॉलेज, इनमें 85 मजदूरों को ठहराया गया है.
5. पटेल कंपनी कैंपस में 24 मजदूरों को ठहराया गया है.

रामगंजमंडी (कोटा). रामगंजमंडी के सुकेत समीप निजी कंपनी के 280 मजदूरों को कोरोना वायरस से बचाने के लिये प्रशासन ने तहसील में 5 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं. बता दें कि अभी तक निजी कंपनी के कुल 29 मजदूर कोरोना पॉजिटिव आए हैं, लेकिन उपखण्ड में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

एक कमरे में 10 जन को किया क्वॉरेंटाइन

बता दें कि इन मजदूरों को पटेल कंपनी कैंपस से निकाल कोरोना से बचने के लिए दूसरे सेंटर में शिफ्ट कर दिया है, लेकिन वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. एक ही कमरे में 10 व्यक्ति को ठहराया हुआ है, लेकिन पूरे सेंटर में एक ही जगह पर पानी की टंकियां लगाई गई हैं. ऐसे में सब मजदूर एक दूसरे के सम्पर्क में आ रहे हैं. वहीं खाना निजी कंपनी द्वारा मजदूरों को भिजवाया जा रहा है. लेकिन खाना कट्टों के अंदर पॉलीथिन में पैक करके दिया जा रहा है.

जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर व्यवस्था का जायजा लिया तो पता चला कि इन मजदूरों को पीने का पानी कॉलेज में बाहर बने पानी के टैंकर से सप्लाई किया जा रहा, लेकिन जब पानी का टैंकर देखा तो टैंकर में गंदे कपड़े पत्थर पड़े नजर आए. जिसके चलते उन्हें गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं तैनात मेडिकल टीम से पूछा गया तो क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों में रोजाना पेट दर्द व उल्टी की शिकायत सामने आ रही है.

सेंटर पर तैनात मेडिकल टीम तक को नहीं कोई सुविधा

क्वॉरेंटाइन सेंटर पर तैनात मेडिकल स्टाफ के पास भी सुविधा नहीं हैं. बता दें कि मजदूरों की देखरेख कर रहे स्टाफ के पास ना तो ढंग का मास्क है ना ही ग्लव्स हैं. जिसके चलते उन्हें फेंक कर दवाई देनी पड़ती है.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं हो रहा सैनिटाइजेशन

जब क्वॉरेंटाइन सेंटर को सैनिटाइज करने व तैनात स्टाफ से उनको मिलने वाली सुविधा पर बात की तो पता चला कि यहां पहले तो सेंटर को सैनिटाइज किया गया था, लेकिन सेंटर पूरी तरह सैनिटाइज नहीं हो पाया. इस मामले में जानकारी के लिये उपखण्ड अधिकारी से संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया.

पढ़ें- राज्य सरकार प्रवासियों को हवाई जहाज से लाने की डिमांड भी कर सकती है: सांसद राहुल कस्वां

यहां बनाए गए हैं क्वॉरेंटाइन सेंटर

1. राजकीय महाविद्यालय निमाना, इसमें 8 कमरों में 84 लोगों को रखा गया है.
2. नवोदय विद्यालय खैराबाद, 11 कमरों में 50 मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया है.
3. राजकीय आईटीआई कॉलेज, 5 कमरों में 25 मजदूर को क्वॉरेंटाइन किया है.
4. तिरुपति बालाजी आईटीआई कॉलेज, इनमें 85 मजदूरों को ठहराया गया है.
5. पटेल कंपनी कैंपस में 24 मजदूरों को ठहराया गया है.

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