कोटा. होलिका दहन के साथ ही कोटा में झांकियों का दौर शुरू हो जाता है. पिछले चार दशकों से शहर की कई संस्थाएं थीम निर्धारित कर झांकियां तैयार करती आ रही हैं. वहीं, इस बार झांकियों में रिवरफ्रंट, केदारनाथ त्रासदी, त्रासदी के बाद के स्वरूप, करौली के कॉन्स्टेबल नेत्रेश की बहादुरी, शिव तांडव के साथ ही 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराए जा रहे हैं. साथ ही इन झांकियों को सोमवार से लोगों के लिए खोल दिया गया तो वहीं, पहले दिन भारी संख्या में लोग इसे देखने के लिए पहुंचे.
चंबल नदी के साथ तैयार किया हैरिटेज रिवरफ्रंट : आदर्श होली संस्था ने चंबल रिवरफ्रंट की झांकी को दर्शाया है, जिसमें चंबल रिवरफ्रंट पर नयापुरा की तरफ खाई रोड में बनी बावड़ी के स्वरूप को पेश किया गया है. इसके साथ ही साहित्य चौक को भी इसमें दर्शाया गया है. दूसरी तरफ विश्व की सबसे बड़ी घंटी और चंबल माता की 15 मीटर ऊंची प्रतिमा के स्वरूप को भी इसमें दर्शनार्थ तैयार किया गया है. इसके अलावा इस झांकी में आप बैराज गार्डन, हाथी, घोड़े, ऊंट और शेर लगाए गए हैं.
झांकी में दिखे करौली के हेड कांस्टेबल नेत्रेश : करौली में बीते साल अप्रैल महीने में दंगा हुआ था. इसमें कई दुकानों में आग लगा दी गई थी. जिससे लाखों का नुकसान हुआ था. साथ ही आगजनी में कई लोग अपने घरों में फंस गए थे, जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद वहां से निकाला गया था. ऐसे ही एक मामले में करौली थाने में तैनात कॉन्स्टेबल नेत्रेश शर्मा की बहादुरी भी सामने आई थी. उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाल एक बच्चे और उसकी मां को बाहर निकाला था. उनके इस बहादुरी भरे कारनामे के लिए उन्हें गैलंट्री पुरस्कार से नवाजा गया था. नयापुरा के आदर्श होली संस्था ने भी अपनी झांकी में नेत्रेश शर्मा को जगह दी है और उनकी बहादुरी को दिखाया है.
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7 से 8 हजार स्क्वायर फीट में झांकी : सिविल लाइंस इलाके में सरस्वती शारदा विकास समिति की तरफ से बीते 21 सालों से झांकी बनाई जा रही है. इस बार उनकी टीम ने केदारनाथ त्रासदी और त्रासदी के बाद के स्वरूप के साथ ही शिव तांडव और 12 ज्योतिर्लिंग को दर्शाया है. जिसे एक जगह समाहित किया गया है. करीब 7 से 8 हजार स्क्वायर फीट एरिया में इस स्वरूप को तैयार किया है. साथ ही इस संस्था के संयोजक शीतल प्रकाश मीणा "श्याम" ने बताया कि केदारनाथ त्रासदी में जिस तरह से मंदिर के साथ पूरे इलाके को नुकसान पहुंचा था, वैसा ही हूबहू स्वरूप यहां तैयार किया गया है. आगे उन्होंने बताया कि शिव तांडव की प्रतिमा करीब 12 फीट ऊंचाई है. इसके अलावा यहां 12 ज्योतिर्लिंग भी करीब 3 से 4 फीट ऊंचाई के बनाए गए हैं.
3 दिन तक होगा 12 ज्योतिर्लिंगों का फूलों से श्रृंगार : श्याम मीणा ने बताया कि यहां 12 ज्योतिर्लिंगों का तीन दिनों तक फूलों से श्रृंगार किया जाएगा. यह श्रृंगार हूबहू ज्योतिर्लिंगों के होने वाले श्रृंगार जैसा ही होगा. उन्होंने कहा कि जिस ज्योतिर्लिंग की श्रृंगार की थीम उस दिन होगी, उसी की पालना यहां की जाएगी. इसके साथ ही होली की भी झांकी बनाई गई है. जिसमें होलिका भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर बैठी है. होलिका दहन के दिन यहां पर एक बड़ी भजन संध्या का भी आयोजन किया जाएगा.
झांकी खुलने पर ही होता है थीम का खुलासा : थीम का खुलासा भी होली की झांकी के साथ ही होता है. तब तक पूरी तरह से इसे कवर किया जाता है. अंदर की तरफ झांकियों को तैयार करने के लिए कारीगर और इन संस्थाओं के लोग जुटे रहते हैं. करीब एक महीने तक यह काम चलता है. जिसमें 40 से 50 कार्यकर्ता और एक से दो दर्जन मजदूर लगते हैं, जो हूबहू स्ट्रक्चर तैयार करते हैं. ताकि लोगों को आकर्षित किया जा सके. दूसरी तरफ हर साल नई थीम होने के चलते लोग भी इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं और बड़ी संख्या में यहां झांकियों को देखने आते हैं. होलिका दहन के दिन तक इनका दीदार करने के लिए लोग आते हैं, जिनकी संख्या हजारों में होती है. लोगों की भीड़ को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाती है.