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जोधपुर: आवारा श्वानों के हमले में 6 हिरणों की मौत

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Published : Jun 25, 2020, 10:56 PM IST

जोधपुर के बिलाड़ा उपखण्ड में आवारा श्वानों के हमले में आधा दर्जन हिरणों की मौत हो गई. हिरणों का एक झुंड खाली खेतो में घूम रहा था, तभी आवारा श्वानों ने उन पर हमला बोल दिया. खेतों के चारों और सघन तारबंदी के चलते हिरण भाग नहीं पाए और उस में फंस गए.

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आवारा श्वानों के हमले में आधा दर्जन हिरणों की मौत

बिलाड़ा (जोधपुर). उपखंड के बाला गांव की मतवाला की ढ़ाणी के पास खाली पड़े खेतों के चारो ओर सघन तारबंदी की हुई है. गुरुवार को ये तारबंदी हिरणों के लिए कब्रगाह बन गई. तारबंदी के चलते हिरणों का एक झुंड इसमें फंस गया जिसके बाद आवारा श्वानों ने हिरणों पर हमला बोल दिया. जिसमें आधा दर्जन हिरण मारे गए. घटना बिलाड़ा वन क्षेत्र के हरियाड़ा वन चौकी क्षेत्र की है.

सघन तारबंदी के चलते हिरण भाग नहीं पाए

घटना की जानकारी मिलने पर वनकर्मी और पर्यावरण प्रेमी मौके पर पहुंचे. पर्यावरण प्रेमी दिलखुश और केशाराम ने बताया कि गुरुवार सुबह घर से दूर खाली पड़े खेतों में घूमते हुए हिरणों पर आवारा श्वानों ने हमला कर दिया. जिसके बाद हिरणों का झुंड इधर उधर भागने लगा तो वहीं कुछ हिरण खाली खेतों के चारो ओर की गयी तारबंदी में फंस गए. जिससे बाद श्वानों ने उन्हें शिकार बना लिया.

पढ़ें: डूंगरपुर में बढ़ा वन्यजीवों का कुनबा, काउंटिंग के दौरान नजर आए 36 पैंथर और 6 चिंकारा

आवारा श्वानों के हमले में आधा दर्जन हिरणों की मौत के बाद पर्यावरण प्रेमी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि बेवजह सैकड़ों बीघा जमीन पर तारबंदी कर रखी है. उन्होंने वन विभाग के उच्च अधिकारियों से तारबंदी हटवाने की मांग की है. मौके पर पहुंचे बिलाड़ा क्षेत्रीय वन अधिकारी शंकरलाल सोनी ने बताया कि खेतों की हुई सघन तारबंदी के पास से 3 मृत हिरण और कुछ अवशेष मिले हैं.

पढ़ें: अलवर में चीतल को आवारा श्वानों ने हमला कर मार डाला

अधिकारियों के आश्वासन पर पर्यावरण प्रेमी मृत चिंकारा हिरणों के शवों के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. इस मौके पर वन रक्षक भंवरलाल, श्यामलाल, कोजाराम, खुमाराम, महिराम और विश्नोई महासभा प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश लोल, बिलाड़ा तहसील अध्यक्ष फरसाराम भादू, पीपाड़ तहसील अध्यक्ष राजु सारण, चैनाराम खिलेरी, बीरबलराम, मोहनराम लोल पर्यावरण प्रेमी मौजुद थे.

बिलाड़ा (जोधपुर). उपखंड के बाला गांव की मतवाला की ढ़ाणी के पास खाली पड़े खेतों के चारो ओर सघन तारबंदी की हुई है. गुरुवार को ये तारबंदी हिरणों के लिए कब्रगाह बन गई. तारबंदी के चलते हिरणों का एक झुंड इसमें फंस गया जिसके बाद आवारा श्वानों ने हिरणों पर हमला बोल दिया. जिसमें आधा दर्जन हिरण मारे गए. घटना बिलाड़ा वन क्षेत्र के हरियाड़ा वन चौकी क्षेत्र की है.

सघन तारबंदी के चलते हिरण भाग नहीं पाए

घटना की जानकारी मिलने पर वनकर्मी और पर्यावरण प्रेमी मौके पर पहुंचे. पर्यावरण प्रेमी दिलखुश और केशाराम ने बताया कि गुरुवार सुबह घर से दूर खाली पड़े खेतों में घूमते हुए हिरणों पर आवारा श्वानों ने हमला कर दिया. जिसके बाद हिरणों का झुंड इधर उधर भागने लगा तो वहीं कुछ हिरण खाली खेतों के चारो ओर की गयी तारबंदी में फंस गए. जिससे बाद श्वानों ने उन्हें शिकार बना लिया.

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आवारा श्वानों के हमले में आधा दर्जन हिरणों की मौत के बाद पर्यावरण प्रेमी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि बेवजह सैकड़ों बीघा जमीन पर तारबंदी कर रखी है. उन्होंने वन विभाग के उच्च अधिकारियों से तारबंदी हटवाने की मांग की है. मौके पर पहुंचे बिलाड़ा क्षेत्रीय वन अधिकारी शंकरलाल सोनी ने बताया कि खेतों की हुई सघन तारबंदी के पास से 3 मृत हिरण और कुछ अवशेष मिले हैं.

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अधिकारियों के आश्वासन पर पर्यावरण प्रेमी मृत चिंकारा हिरणों के शवों के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. इस मौके पर वन रक्षक भंवरलाल, श्यामलाल, कोजाराम, खुमाराम, महिराम और विश्नोई महासभा प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश लोल, बिलाड़ा तहसील अध्यक्ष फरसाराम भादू, पीपाड़ तहसील अध्यक्ष राजु सारण, चैनाराम खिलेरी, बीरबलराम, मोहनराम लोल पर्यावरण प्रेमी मौजुद थे.

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