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ग्राहक से 48 रुपए ज्यादा वसूलना पड़ा महंगा, अब डीलर को चुकाने पड़ेंगे 18300 रुपए

यदि आप से सेवा या उत्पाद देने वाला कोई व्यक्ति तय कीमत से अधिक वसूलता है तो यह आपके उपभोक्ता अधिकारों का हनन है. ऐसे में आप उसके खिलाफ उपभोक्ता मंच में शिकायत कर सकते हैं. झुंझुनू में ₹48 ज्यादा लेने की एक मामले में उपभोक्ता मंच ने कड़ा निर्णय दिया है.

उपभोक्ता मंच ने डीलर पर लगाया जुर्माना
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Published : Jun 22, 2019, 7:09 PM IST

झुंझुनूं. उपभोक्ता यदि जागरूक हो और अपने अधिकारों के प्रति सजग हो तो सेवा देने वाले के खिलाफ आवाज उठाकर अपना हक हासिल कर सकता है. ऐसा ही एक मामला झुंझुनूं में सामने आया है. इसमें जिला उपभोक्ता मंच के एक पार्ट के ₹72 की बजाय ₹120 वसूलने और कहने पर भी सही राशि नहीं लेने पर इसे सेवा में दोषी मानते हुए डिलर को आदेश दिया है कि वह परिवादी की मानसिक संताप के ₹15000 और परिवाद व्यय के रूप में 3300 रुपए चुकाए.

उपभोक्ता मंच ने डीलर पर लगाया जुर्माना.

दरअसल, ये मामला नवलगढ़ तहसील का है. रामपुरा निवासी आशीष ने बताया कि उसने उदयपुरवाटी के बाइक डीलर शाकंभरी मोटर्स के यहां अपनी बाइक के लिए एक पैनल इनर पार्ट खरीदा था, जिसकी कीमत 72 रुपए थी. डीलर के कार्मिक ने उससे ₹120 वसूल लिए. इसलिए अधिक वसूले गए ₹48, दोषपूर्ण सेवा के बतौर ₹50000, उसे हुए मानसिक संताप के ₹20000 और परिवाद व्यय बाबत ₹11000 दिलाएं जाने का निवेदन किया. इस बारे में डीलर की ओर से बताया गया परिवादी से उक्त पार्ट के 72 रुपए ही लिए थे, वह पार्ट डीलर के वर्कशॉप में ही बाइक में लगाया गया था, उसे लगाने के और सर्विस चार्ज मिलाकर ₹122 का बिल दिया गया था, किंतु परिवादी ₹120 ही देकर चला गया. इसलिए परिवाद खारिज किया जाए.

नहीं दिया गया कोई सबूत
वहीं, मंच के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा और सदस्य शिव कुमार ने जांच के बाद कहा कि डीलर की ओर से ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि जिससे पता चले कि उसका काम केवल पार्ट बेचने की ही है. हालांकि, 72 रुपए के पार्ट के ₹120 रुपए वसूलना सेवा में दोष है. इसलिए डीलर परिवादी को अधिक वसूले ₹48, सेवा दोष और मानसिक संताप के लिए ₹15000 और परिवाद व्यय के 3300 रुपये चुकाने का आदेश दिया.

झुंझुनूं. उपभोक्ता यदि जागरूक हो और अपने अधिकारों के प्रति सजग हो तो सेवा देने वाले के खिलाफ आवाज उठाकर अपना हक हासिल कर सकता है. ऐसा ही एक मामला झुंझुनूं में सामने आया है. इसमें जिला उपभोक्ता मंच के एक पार्ट के ₹72 की बजाय ₹120 वसूलने और कहने पर भी सही राशि नहीं लेने पर इसे सेवा में दोषी मानते हुए डिलर को आदेश दिया है कि वह परिवादी की मानसिक संताप के ₹15000 और परिवाद व्यय के रूप में 3300 रुपए चुकाए.

उपभोक्ता मंच ने डीलर पर लगाया जुर्माना.

दरअसल, ये मामला नवलगढ़ तहसील का है. रामपुरा निवासी आशीष ने बताया कि उसने उदयपुरवाटी के बाइक डीलर शाकंभरी मोटर्स के यहां अपनी बाइक के लिए एक पैनल इनर पार्ट खरीदा था, जिसकी कीमत 72 रुपए थी. डीलर के कार्मिक ने उससे ₹120 वसूल लिए. इसलिए अधिक वसूले गए ₹48, दोषपूर्ण सेवा के बतौर ₹50000, उसे हुए मानसिक संताप के ₹20000 और परिवाद व्यय बाबत ₹11000 दिलाएं जाने का निवेदन किया. इस बारे में डीलर की ओर से बताया गया परिवादी से उक्त पार्ट के 72 रुपए ही लिए थे, वह पार्ट डीलर के वर्कशॉप में ही बाइक में लगाया गया था, उसे लगाने के और सर्विस चार्ज मिलाकर ₹122 का बिल दिया गया था, किंतु परिवादी ₹120 ही देकर चला गया. इसलिए परिवाद खारिज किया जाए.

नहीं दिया गया कोई सबूत
वहीं, मंच के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा और सदस्य शिव कुमार ने जांच के बाद कहा कि डीलर की ओर से ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि जिससे पता चले कि उसका काम केवल पार्ट बेचने की ही है. हालांकि, 72 रुपए के पार्ट के ₹120 रुपए वसूलना सेवा में दोष है. इसलिए डीलर परिवादी को अधिक वसूले ₹48, सेवा दोष और मानसिक संताप के लिए ₹15000 और परिवाद व्यय के 3300 रुपये चुकाने का आदेश दिया.

Intro:यदि आप से सेवा या उत्पाद देने वाला कोई व्यक्ति तय कीमत से अधिक वसूलता है तो यह आपके उपभोक्ता अधिकारों का हनन है और आप इसके खिलाफ उपभोक्ता मंच में शिकायत कर सकते हैं। झुंझुनू में ₹48 ज्यादा लेने की एक मामले में उपभोक्ता मंच ने कड़ा निर्णय दिया है।


Body: झुंझुनू। उपभोक्ता यदि जागरूक हो व अधिकारों के प्रति सजग हो तो सेवा दोष खिलाफ आवाज उठाकर अपना हक हासिल कर सकता है। ऐसा ही एक मामला झुंझुनू में सामने आया है। इसमें जिला उपभोक्ता मंच के एक पार्ट के ₹72 की बजाय ₹120 वसूलने और कहने पर भी सही राशि नहीं लेने पर इसे सेवा में दोषी मानते हुए डिलर को आदेश दिया है कि वह परिवादी की मानसिक संताप के ₹15000 तथा परिवाद व्यय के पेटे 3300 रुपए चुकाए।

यहां का है मामला
मामले के अनुसार नवलगढ़ तहसील रामपुरा निवासी आशीष ने बताया कि उसने उदयपुरवाटी के बाइक डीलर शाकंभरी मोटर्स के यहां अपनी बाइक के लिए एक पैनल इनर पार्ट खरीदा था, जिसकी कीमत बत्तर रुपए थी। डीलर के कार्मिक ने उससे ₹120 वसूल लिए। इसलिए अधिक वसूले गए ₹48, दोषपूर्ण सेवा के बतौर ₹50000, उसे हुए मानसिक संताप के ₹20000 तथा परिवाद व्यय बाबत ₹11000 दिलाएं जाने का निवेदन किया। इस बारे में डीलर की ओर से बताया गया परिवादी से उक्त पार्ट के बत्तर रुपए ही लिए थे ,वह पार्ट डीलर के वर्कशॉप में ही बाइक में लगाया गया था, उसे लगाने के व सर्विस चार्ज मिलाकर ₹122 का बिल दिया गया था, किंतु परिवादी ₹120 ही देकर चला गया। इसलिए परिवाद खारिज किया जाए ।

नहीं दिया गया कोई सबूत

मंच के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा तथा सदस्य शिव कुमार ने जांच के बाद कहा कि डीलर की ओर से ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि जिससे पता चले कि उसका काम केवल पार्ट बेचने की ही है, न हीं यह साबित किया कि उसका वर्कशॉप चलता है, जहां परिवादी ने पार्ट लगवाया। इसलिए 72 रुपए की पार्ट के ₹120 रुपए वसूलना सेवा में दोष है। इसलिए डीलर परिवादी को अधिक वसूले ₹48, सेवा दोष व मानसिक संताप पेटे ₹15000 तथा परिवाद व्यय के 3300 रुपये चुकाने का आदेश दिया।


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