झुंझुनूं. उपभोक्ता यदि जागरूक हो और अपने अधिकारों के प्रति सजग हो तो सेवा देने वाले के खिलाफ आवाज उठाकर अपना हक हासिल कर सकता है. ऐसा ही एक मामला झुंझुनूं में सामने आया है. इसमें जिला उपभोक्ता मंच के एक पार्ट के ₹72 की बजाय ₹120 वसूलने और कहने पर भी सही राशि नहीं लेने पर इसे सेवा में दोषी मानते हुए डिलर को आदेश दिया है कि वह परिवादी की मानसिक संताप के ₹15000 और परिवाद व्यय के रूप में 3300 रुपए चुकाए.
दरअसल, ये मामला नवलगढ़ तहसील का है. रामपुरा निवासी आशीष ने बताया कि उसने उदयपुरवाटी के बाइक डीलर शाकंभरी मोटर्स के यहां अपनी बाइक के लिए एक पैनल इनर पार्ट खरीदा था, जिसकी कीमत 72 रुपए थी. डीलर के कार्मिक ने उससे ₹120 वसूल लिए. इसलिए अधिक वसूले गए ₹48, दोषपूर्ण सेवा के बतौर ₹50000, उसे हुए मानसिक संताप के ₹20000 और परिवाद व्यय बाबत ₹11000 दिलाएं जाने का निवेदन किया. इस बारे में डीलर की ओर से बताया गया परिवादी से उक्त पार्ट के 72 रुपए ही लिए थे, वह पार्ट डीलर के वर्कशॉप में ही बाइक में लगाया गया था, उसे लगाने के और सर्विस चार्ज मिलाकर ₹122 का बिल दिया गया था, किंतु परिवादी ₹120 ही देकर चला गया. इसलिए परिवाद खारिज किया जाए.
नहीं दिया गया कोई सबूत
वहीं, मंच के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा और सदस्य शिव कुमार ने जांच के बाद कहा कि डीलर की ओर से ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि जिससे पता चले कि उसका काम केवल पार्ट बेचने की ही है. हालांकि, 72 रुपए के पार्ट के ₹120 रुपए वसूलना सेवा में दोष है. इसलिए डीलर परिवादी को अधिक वसूले ₹48, सेवा दोष और मानसिक संताप के लिए ₹15000 और परिवाद व्यय के 3300 रुपये चुकाने का आदेश दिया.