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झालावाड़: पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई

झालावाड़ की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने नाबालिग को डरा धमका कर भगा ले जाने और उसके साथ बलात्कार करने के आरोपी को पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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नाबालिग को डरा धमकाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोपी को 10 साल की सजा
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Published : Nov 29, 2019, 11:47 AM IST

झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने नाबालिग को डरा धमका कर भगाकर ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी सुरेश भील को पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

नाबालिग को डरा धमकाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोपी को 10 साल की सजा

इस मामले में लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि 23 मार्च 2017 को पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह अपनी पत्नी के साथ खेत पर काम कर रहा था और उसकी बेटी घर पर अकेली ही थी. ऐसे में शाम को जब वह घर पर गया, तो उसकी नाबालिग बेटी घर पर नहीं मिली. इस घटना के बाद बच्ची के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

वहीं पुलिस ने मामले की जांच करते हुए नाबालिग को को दस्तयाब किया और पूछताछ की जिसमें लड़की ने बताया कि आरोपी सुरेश भील उसे घर से डरा धमका कर भगा ले गया और उसको अलग-अलग जगहों पर रखते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया. जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया.

यह भी पढ़ें- झालावाड़: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

जानकारी के अनुसार लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने 14 गवाह और 16 दस्तावेज पेश किए. जिसके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी सुरेश भील को 10 वर्ष की सजा सुनाई है और 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा.

झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने नाबालिग को डरा धमका कर भगाकर ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी सुरेश भील को पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

नाबालिग को डरा धमकाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के आरोपी को 10 साल की सजा

इस मामले में लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि 23 मार्च 2017 को पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह अपनी पत्नी के साथ खेत पर काम कर रहा था और उसकी बेटी घर पर अकेली ही थी. ऐसे में शाम को जब वह घर पर गया, तो उसकी नाबालिग बेटी घर पर नहीं मिली. इस घटना के बाद बच्ची के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

वहीं पुलिस ने मामले की जांच करते हुए नाबालिग को को दस्तयाब किया और पूछताछ की जिसमें लड़की ने बताया कि आरोपी सुरेश भील उसे घर से डरा धमका कर भगा ले गया और उसको अलग-अलग जगहों पर रखते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया. जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया.

यह भी पढ़ें- झालावाड़: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

जानकारी के अनुसार लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने 14 गवाह और 16 दस्तावेज पेश किए. जिसके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी सुरेश भील को 10 वर्ष की सजा सुनाई है और 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा.

Intro:झालावाड़ की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने नाबालिग को डरा धमका कर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी सुरेश भील को पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है तथा ₹20000 का जुर्माना भी लगाया।


Body:झालावाड़ की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने नाबालिग को डरा धमका कर भगा ले जाने और उसको अलग अलग जगहों पर रखते हुए बलात्कार करने के आरोपी को पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है तथा 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि 23 मार्च 2017 को पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह अपनी पत्नी के साथ खेत पर काम कर रहा था तथा उसकी बेटी घर पर अकेली ही थी। ऐसे में शाम को जब वह घर पर गया तो उसकी नाबालिग बेटी घर पर नहीं मिली। जिस पर उसने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए नाबालिग को को दस्तयाब किया और पूछताछ की जिसमें लड़की ने बताया कि आरोपी सुरेश भील उसे घर से डरा धमका कर भगा ले गया और उसको अलग अलग जगहों पर रखते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया।

लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने 14 गवाह व 16 दस्तावेज पेश किए। जिसके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी सुरेश भील को 10 वर्ष की सजा सुनाई है तथा 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।


Conclusion:बाइट - रामहेतार गुर्जर (लोक अभियोजक)
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