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झालावाड़: अवैध पत्थर डालने से ऐतिहासिक जलसेतु हो रहा है क्षतिग्रस्त, प्रशासन को नहीं है खबर - झालावाड़ रोमन शैली में बना जलसेतु पर अतिक्रमण

झालावाड़ के ऐतिहासिक जलसेतु पर अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. जहां अतिक्रमणकारियों की ओर से भवन निर्माण के पत्थर डाले जा रहे हैं.

झालावाड़ का जलसेतु हो रहा है क्षतिग्रस्त, Jhalawar jalsetu is getting damaged
झालावाड़ का जलसेतु हो रहा है क्षतिग्रस्त
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Published : May 16, 2021, 7:13 AM IST

झालावाड़. शहर के गांवडी तालाब पर रोमन शैली में बना ऐतिहासिक जलसेतु अतिक्रमण की भेंट चढ़ता जा रहा है. जल सेतु पर अतिक्रमणकारियों की ओर से भवन निर्माण के पत्थर डाले जा रहे हैं, जिसकी वजह से ये क्षतिग्रस्त भी हो रहा है. उसके बावजूद न जिला प्रशासन और न ही नगर परिषद की ओर से इस ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है.

झालावाड़ का जलसेतु हो रहा है क्षतिग्रस्त

बता दें कि शहर के गांवडी तालाब पर रोमन शैली में 1901 से लेकर 1905 ईसवी तक जलसेतु बनाया गया था. जिससे शहर और राजा के महल में पानी की सप्लाई की जाती थी. ये जल सेतु शुरू में कुछ ऊंचाई पर है और धीरे-धीरे ये जमीन के बराबर आता जाता है. इसमें गांवडी तालाब से पानी डाला जाता था, जो शहर में पहुंचता था, लेकिन वर्तमान में प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह ऐतिहासिक धरोहर के जीर्ण शीर्ण होती जा रही है. जलसेतु पर मामा भांजा चौराहे के पास पत्थर डाल दिए गए हैं. ऐसे में इसके संरक्षण के लिए इसके ऊपर से पत्थर हटाए जाने जरूरी है, नहीं तो ये पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगा.

बता दें कि ईटीवी भारत ने इससे पूर्व भी इस ऐतिहासिक जलसेतु को तोड़कर अतिक्रमण करने के मामले में खबर का प्रसारण किया था. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया था. जिसकी ओर से अतिक्रमण के स्थान चिन्हित किए जा रहे हैं. ऐसे में अब दोबारा से लोगों के हौंसले बुलंद हो गए हैं और उनके और से इसके ऊपर पत्थर डाल नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

पढ़ें- अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बेहतर प्रबंधन लेकिन अभी करनी होगी और मेहनत: हरीश चौधरी

वहीं इसको लेकर झालावाड़ नगर परिषद की आयुक्त रूही तरन्नुम का कहना है कि जलसेतु के ऊपर पत्थर डालने का मामला उनकी जानकारी में नहीं है. ऐसे में अब मामले को दिखवाकर पत्थर हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

झालावाड़. शहर के गांवडी तालाब पर रोमन शैली में बना ऐतिहासिक जलसेतु अतिक्रमण की भेंट चढ़ता जा रहा है. जल सेतु पर अतिक्रमणकारियों की ओर से भवन निर्माण के पत्थर डाले जा रहे हैं, जिसकी वजह से ये क्षतिग्रस्त भी हो रहा है. उसके बावजूद न जिला प्रशासन और न ही नगर परिषद की ओर से इस ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है.

झालावाड़ का जलसेतु हो रहा है क्षतिग्रस्त

बता दें कि शहर के गांवडी तालाब पर रोमन शैली में 1901 से लेकर 1905 ईसवी तक जलसेतु बनाया गया था. जिससे शहर और राजा के महल में पानी की सप्लाई की जाती थी. ये जल सेतु शुरू में कुछ ऊंचाई पर है और धीरे-धीरे ये जमीन के बराबर आता जाता है. इसमें गांवडी तालाब से पानी डाला जाता था, जो शहर में पहुंचता था, लेकिन वर्तमान में प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह ऐतिहासिक धरोहर के जीर्ण शीर्ण होती जा रही है. जलसेतु पर मामा भांजा चौराहे के पास पत्थर डाल दिए गए हैं. ऐसे में इसके संरक्षण के लिए इसके ऊपर से पत्थर हटाए जाने जरूरी है, नहीं तो ये पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगा.

बता दें कि ईटीवी भारत ने इससे पूर्व भी इस ऐतिहासिक जलसेतु को तोड़कर अतिक्रमण करने के मामले में खबर का प्रसारण किया था. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया था. जिसकी ओर से अतिक्रमण के स्थान चिन्हित किए जा रहे हैं. ऐसे में अब दोबारा से लोगों के हौंसले बुलंद हो गए हैं और उनके और से इसके ऊपर पत्थर डाल नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

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वहीं इसको लेकर झालावाड़ नगर परिषद की आयुक्त रूही तरन्नुम का कहना है कि जलसेतु के ऊपर पत्थर डालने का मामला उनकी जानकारी में नहीं है. ऐसे में अब मामले को दिखवाकर पत्थर हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

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