जयपुर. प्रदेश के जैसलमेर जिले और जयपुर में दो-दो कोविड पॉजिटिव केस सामने आने और देश में कोरोना का नया वेरिएंट सामने आने के बाद चिकित्सा महकमा हरकत में आया है. एसीएस हेल्थ ने कोविड मैनेजमेंट के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन करते हुए ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामले सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग सक्रिय हो गया है. एसीएस हेल्थ शुभ्रा सिंह ने कोविड मैनेजमेंट के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी गठित करते हुए केसेज की संख्या के अनुसार चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता (ग्रेडेड रेस्पॉन्स सिस्टम) के निर्देश दिए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर पर रोगियों को तत्काल चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें. शुभ्रा सिंह ने बुधवार को शासन सचिवालय में कोविड-19, आईएलआई और एसएआरआई रोगों पर मंथन किया.
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इस दौरान चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड के नए वैरिएंट सॉर्स कॉव-2 जेएन 1 खतरनाक नहीं है. इस वैरिएंट से पॉजिटिव हुए करीब 90 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी. पॉजिटिव मरीज घर में ही ठीक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, एसीएस ने कोविड प्रबंधन को लेकर जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखने के निर्देश देते हुए कहा कि कोविड से बचाव और तैयारियों के लिए भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार प्रदेश में भी एडवाइजरी जारी की जाए, ताकि आमजन जागरूक रहें और चिकित्सा संस्थान भी अलर्ट मोड में रहें. साथ ही उन्होंने आईएलआई और श्वसन रोगों से पीड़ित गंभीर मरीजों की निगरानी, सैंपल्स की जिनोम सीक्वेंसिंग और मरीजों की सूचना हर दिन आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दोहराए.
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वहीं, एसीएस ने सॉर्स कॉव-2 जेएन 1 सब वैरिएंट से खतरा नहीं होने के बावजूद प्रदेश में एहतियात के तौर पर कोविड प्रबंधन से जुड़ी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में जांच, दवा, बैड, ऑक्सीजन जैसी सुविधाओं को परखने के लिए 26 दिसम्बर को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अस्पतालों में जांच किट पहुंचाने के लिए भी निर्देशित किया है.