जयपुर. देश की पहली MBA डिग्री वाली सरपंच छवि राजावत ने सक्रिय राजनीति में कदम रख दिया है. छवि ने भाजपा के साथ अपने सक्रिय राजनीति को शुरू किया. टोंक जिले की मालपुरा तहसील के सोडा ग्राम पंचायत में 10 साल तक सरपंच रहते हुए छवि ने जो विकास कार्य किए हैं, वो उन्हें आज देश के लिए एक रोल मॉडल बना दिया है. इसके साथ महिला सशक्तिकरण और युवाओं को तकनीक से जोड़ने की दिशा में भी छवि ने अहम योगदान दिया है, जिसके लिए वो देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में जानी जाती हैं.
देश के लिए कुछ नया करने की चाहत : सक्रिय राजनीति में कदम रखने के सवाल पर छवि राजावत ने कहा- ''सरपंच के तौर पर ऑलरेडी वो काम कर चुकी हैं. 2010 से 2020 तक ग्राम पंचायत के डवलपमेंट के लिए उन्होंने काम किया और अब भी गांव में काम कर रही हैं.'' उन्होंने कहा- ''सशक्तिकरण, किसानों ,पढ़ाई लिखाई, रोजगार इन सब मुद्दों पर पूर्ण रूप से जो 10 साल का अनुभव एक सरपंच के तौर उनका रहा है, वो उस अनुभव को राज्य और देश काम लगाना चाहती हैं. आज भी वो गांव से जुड़ी हैं. गांव के लिए काम कर रही हैं और खुद एक किसान हैं.'' छवि ने आगे कहा- ''वह एक बिजनेस भी कर रही हैं और टेक्नोलॉजी को अच्छे से समझती हैं, उन्हें उम्मीद है कि पार्टी उनके इस अनुभव का सही जगह इस्तेमाल करेंगी, जिससे राज्य ही नहीं, बल्कि देश में भी कुछ नया करने का उन्हें मौका मिलेगा.''
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कांग्रेस की विचारधारा की जगह भाजपा के साथ जुड़ने के सवाल पर छवि ने कहा- ''वो कभी भी किसी पार्टी से जुड़ी नहीं थी. मुझे अच्छा लग रहा है कि लोगों को लगता था कि मैं कहीं न कहीं किसी न किसी पार्टी से जुड़ी रही होंगी, लेकिन मैंने कभी भी किसी पार्टी को आज से पहले ज्वाइन नहीं किया था.'' छवि ने कहा- ''ज्यादातर लोग जानते होंगे कि सरपंच का चुनाव किसी पार्टी या फिर पॉलिटिक्स के बिना संभव नहीं होगा. सरपंच रहते हुए मैंने सिर्फ विकास पर फोकस किया. आज की तारीख में भी उनका एक मात्र उद्देश्य विकास है.'' हालांकि, भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा- ''मुझे लगता है आज की तारीख में अपना देश जिस स्तर पर पहुंचा है और जिस तरह से हमारी एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनी है, ऐसे में मैं चाहती हूं कि मेरे जैसे लोग अब सक्रिय सियासत में जुड़ें और अपनी एक अलग पहचान बनाएं. खासकर हमारी युवा पीढ़ी को सियासत में सक्रिय होने की जरूरत है.''
पार्टी जो जिम्मेदारी देगी वो निभाऊंगी : चुनाव लड़ने के सवाल पर छवि राजावत ने कहा- ''सरपंच का चुनाव भी सिर्फ एक सेवा भाव लिए ही लड़ा था, क्योंकि सरपंच बनने का निर्णय मेरा नहीं था. यह हमारे ग्रामवासियों का था, वहां की जो परिस्थितियां थी इन्हें देख मुझे यही लगा कि सेवा के भाव से अपने गांव को विकसित कर सकते हैं. उसी उद्देश्य से आज इस मंच पर आई हूं.'' उन्होंने कहा- "मुझे लगता है कि इस मंच पर आकर मैं सिर्फ अपने गांव ही नहीं पूरे देश में अनुभव कंट्रीब्यूट कर सकती हूं. एक सेवा अपने देश के लिए कर सकती हूं, इसलिए बीजेपी में शामिल हुई". उन्होंने आगे कहा- ''चुनाव लड़ने के लिए जरुरी नहीं है कि पार्टी ज्वाइन की जाए, किसी और माध्यम से भी प्रदेश और देश की सेवा की जा सकती है, बाकी पार्टी का नेतृत्व तय करेगा.''
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कौन हैं छवि राजावत : छवि राजावत आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल, मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल और दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज से पढ़ी हैं. छवि ने बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मॉडर्न मैनेजमेंट पुणे से एमबीए किया है . एमबीए करने के बाद छवि राजावत ने कई कंपनियों के लिए काम किया. छवि राजावत के सरपंच बनने से 20 साल पहले उनके दादा ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह उसी गांव के सरपंच थे. पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माडर्न मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली छवि कई नामी कॉरपोरेट कंपनियों में काम करने के बाद चकाचौंध भरी जिंदगी का साथ छोड़ गांव की मिट्टी से जुड़ने का फैसला किया.
इसके लिए सरपंच का चुनाव लड़ने का फैसला किया. 4 फरवरी, 2011 को छवि ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को रिकॉर्ड 1200 मतों से हराकर सरपंच चुनाव में जीत दर्ज की. उस वक्त छवि देश की पहली एमबीए सरपंच बनी. छवि राजावत सोडा गांव की दो बार सरपंच रही हैं, छवि ने चुनाव जीतने के बाद गांव में वॉटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम चला रही हैं . साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत चलाए जा रही सभी योजनाओं पर पैनी नजर रखती हैं. इसके साथ ही महिला शक्तिकरण और युवा पीढ़ी को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की दिशा में भी छवि लगातार काम कर रही हैं . छवि को हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में ग्रामीण परिवेश में अच्छा कार्य करने पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.