जयपुर. प्रदेश के स्वायत्त शासन विभाग को उनके महकमे से जुड़ी घोषणाओं को लेकर बजट से काफी उम्मीदें थी. प्रदेश की आम जनता हो या फिर कर्मचारी सभी आवास, पार्किंग, सौंदर्यीकरण, नए बाजार, निकायों को प्रभावी बनाने, कर्मचारियों के रिक्त पद भरने जैसी कई घोषणाओं का इंतजार कर रहे थे. लेकिन इस बजट में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला.
स्थानीय निकाय, स्वायत्त शासन और शहरी विकास की बात करें तो...
- - राजस्थान आवासन मंडल की ओर से 50% तक की सबसे बड़ी छूट दी जाएगी.
- - जयपुर की वॉल सिटी में मेट्रो जल्द शुरू की जाएगी.
- - मेट्रो द्वितीय चरण के कार्य के लिए संशोधित डीपीआर की तैयारी और 13000 करोड़ का व्यय.
- - डेलावास जयपुर एसटीपी का अपग्रेडेशन 70 एमएलडी के नए संयंत्र पर 150 करोड़ की लागत.
- - कोटा में चंबल रिवर फ्रंट का काम 400 करोड़ की लागत से, 5 करोड़ की लागत से डीपीआर बनाई जाएगी.
- - भीलवाड़ा में कोठारी नदी पर हाई लेवल ब्रिज 40 करोड़ की लागत.
- - भीलवाड़ा के जोधडास चौराहे पर 50 करोड़ की लागत से रेलवे ओवर ब्रिज.
- - उदयपुर शहर की ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए 50 करोड़ के काम.
- - जोधपुर शहर में एलिवेटेड रोड और आरओबी के लिए डीपीआर.
वहीं सार्वजनिक निर्माण से जुड़े कामों की बात की जाए तो...
- - 5 साल में सड़क तंत्र पर 35 हजार करोड़ खर्च, इस साल 6037 करोड़ का प्रावधान.
- - डामर सड़क से वंचित 1009 गांवों को आगामी 4 साल में 1000 करोड़ का व्यय कर सड़कों से जोड़ना.
- - जयपुर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर, सीकर, बीकानेर और भीलवाड़ा जिलों के 435 किलोमीटर लंबाई के 6 राज्य राजमार्गों का 927 करोड़ की लागत से विकास.
- - इस साल दो आरओबी और 32 आरयूबी का निर्माण प्रारंभ.
- - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 250 करोड़ की लागत से 2394 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का नवीनीकरण
- - जनजाति व रेगिस्तानी ग्रामीण इलाकों में नाबार्ड योजना में 337 करोड़ की लागत से 2200 किलोमीटर और शेष सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों में 463 करोड़ से 2568 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का सुदृढ़ीकरण और नवीनीकरण
- - समस्त ग्राम पंचायतों पर विकास पत्र उपलब्ध करवाकर कुल 10000 किलोमीटर की wall-to-wall सड़कों का निर्माण.
- - जोधपुर में पावटा रोड से आकलिया चौराहे तक एलिवेटेड रोड की डीपीआर.
यूडीएच से जुड़े इस बजट को लेकर सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अशोक लाहोटी ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार 30% शहरों की आबादी को बिल्कुल भूल गई है. उनके लिए ना तो सड़कों की बात की गई और ना ही सीवरेज और पीने के पानी की.
हालांकि, प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान के विकास के लिए यह बजट बहुत अच्छा है. चारों तरफ डेवलपमेंट की बात की जा रही है. खासतौर पर चंबल रिवर फ्रंट का 400 करोड़ की लागत से विकास किया जाएगा. उन्होंने विपक्ष के आरोप पर कहा कि उनके कहने से क्या होता है, यह एक बेहतर बजट है. बहरहाल, राज्य सरकार के बजट में यूडीएच विभाग में किसी तरह की भर्ती की घोषणा देखने को नहीं मिली है. साथ ही शहरी क्षेत्र के बाशिंदों को भी निराशा ही हाथ लगी है.