जयपुर. मणिपुर में करीब तीन महीने से हो रही हिंसा और इस पर चुप्पी साधे बैठी केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष हमलावर हो गई है. इसी कड़ी में अब राजस्थान के छात्रों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है. मंगलवार को राजस्थान विश्वविद्यालय से जेडीए सर्किल स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा तक एनएसयूआई के छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला. उसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर देश में हिंसा का माहौल बनाने का आरोप लगाया.
बीते दिनों मणिपुर की दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाते हुए दुर्व्यवहार करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ह्रदय को पीड़ा से भरने वाली घटना बताया और दोषियों को बख्शा नहीं जाने की बात कही है. लेकिन विपक्ष ने सवाल उठाया कि पीएम ने अपने बयान में करीब 3 महीने से मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर कुछ नहीं कहा. आखिर क्यों केंद्र सरकार ने चुप्पी साधी रखी है. इसी तरह के सवाल उठाते हुए और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई ने जयपुर में कैंडल मार्च निकाला.
राजस्थान विश्वविद्यालय से जेडीए सर्किल पहुंच यहां इंदिरा गांधी की प्रतिमा के सामने अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान एनएसयूआई प्रदेश प्रवक्ता अमरदीप परिहार ने कहा कि मणिपुर में मैतई समाज और कुकी समाज के बीच अनुसूचित जनजाति आरक्षण को लेकर चल रही लड़ाई में उग्र रूप धारण कर लिया है. वहां महिलाएं और बच्चे सुरक्षित नहीं. उन पर अत्याचार और बलात्कार हो रहे हैं. लेकिन देश के प्रधानमंत्री और मणिपुर सरकार के मुख्यमंत्री ने चुप्पी साधी हुई है. उन्होंने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी देश में प्रेम का संदेश दे रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री देश में नफरत की दुकान खोल रहे हैं. वहीं एनएसयूआई प्रदेश महासचिव रितु बराला ने कहा कि मणिपुर जल रहा है और इस पर केंद्र सरकार चुप बैठी है. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा देकर, पीड़ित महिलाओं को न्याय दें.
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