जयपुर. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय (President interacted with the people of Sahariya) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने इस दौरान संवाद करते हुए उनकी रोजमर्रा की समस्याओं के बारे में जानकारी ली. उन्होंने जनजातीय समुदाय के लोगों की ओर से कम उम्र में बच्चों को विवाह नहीं करने तथा बालिकाओं की शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी आह्वान किया. संवाद के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहे.
राष्ट्रपति मुर्मू ने सहरिया एवं कथौड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को अधिकाधिक पढ़ाने और स्वावलम्बन से जोड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि बेटियों को अधिक से अधिक पढ़ाने की जरूरत है. इसी से उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महती योगदान है. उन्होंने आदिवासी समुदाय को मेहनत-मजदूरी करते हुए युवा पीढ़ी को श्रम से लगाव कर जीवन को संवारने के लिए प्रेरित करने का भी आह्वान किया.
पढ़ेंः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान पार्क का किया लोकार्पण, CM गहलोत भी रहे मौजूद
स्वयं उनके पास जाकर बातचीत कीः राष्ट्रपति मुर्मू ने सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के चुने हुए प्रतिनिधियों से संवाद की बजाए स्वयं अपने स्तर पर ऐसे बैठे लोगों के पास जाकर उनके हाल जाने. उन्होंने समुदाय के प्रतिनिधियों की रोजमर्रा की दिनचर्या के बारे में भी बातचीत की. साथ ही उन्हें पेयजल, बिजली और अन्य उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछा . उन्होंने इस दौरान सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्वयं मेहनत-मजदूरी करने की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पारम्परिक हुनर और हस्त कौशल से जुड़े कार्यों के जरिए आजीविका वृद्धि के अधिकाधिक प्रयास करने पर जोर दिया. मुर्मु ने संवाद के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना आदि के साथ ही राज्य सरकार स्तर पर क्रियान्वित योजनाओं के बारे में भी सहरिया और कथौड़ी आदिवासी समुदाय की महिलाओं और पुरूषों से बातचीत कर जानकारी ली. उन्होंने आदिवासी क्षेत्रो में मधुमक्खी पालन के लिए किए जाने वाले कार्यों और इससे होने वाली आय के बारे में भी पूछा.
जंगल से जुड़े उत्पादों के विपणन पर जोरः मुर्मू ने वहां उपस्थित प्रदेश की मुख्य सचिव उषा शर्मा और अन्य अधिकारियों को आदिवासी क्षेत्रों में जन कल्याण से जुड़ी योजनाओं का व्यवहार में क्रियान्वयन किए जाने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने मधुमक्खी पालन तथा अन्य ऐसे कार्यों को प्रोत्साहन देने के साथ ही आदिवासी समुदाय की ओर से जंगल से जुड़े उत्पादों के विपणन की प्रभावी व्यवस्था करने के लिए भी कार्य करने की जरूरत बताई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने संवाद के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों में राजभवन की पहल पर किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताते हुए युवाओं को कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों से लाभान्वित करने के बारे में जानकारी दी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रपति मुर्मू के दिए निर्देशों के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को व्यावहारिक स्तर पर लाभांवित करने के निर्देश दिए.