जयपुर. नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके बाद अब लंबे से इन महिला कर्मचारियों की मांग पूरी होती दिख रही है. वहींमहापौर विष्णु लाटा ने इस फैसले परमुहर लगा दी है.
दरअसल जयपुर नगर निगम में वर्ष 1992 से कार्यरत महिला कर्मचारी लंबे समय से परमानेंट करने की मांग कर रही थी. इसको लेकर निगम कार्यालय में हंगामा होता रहा है. वहीं महापौर बदलने और सरकार बनने के बाद ही महिला कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला ले लिया है. जयपुर नगर निगम में 1992 से कार्यरत महिला कर्मचारियों को परमानेंट कर्मचारी न होने को लेकर हमेशा हंगामा होता रहा है. लेकिन अब सरकार बदलने और महापौर बदलने के बाद की महिला कर्मचारियों की सुध आ गई है.
जानकारी के अनुसार चार महिला 1992 से कार्यरत हैं जिनको अब महापौर विष्णु लाटा न स्थाई कर्मचारी के रूप में स्वीकृत कर लिया है. इस दौरान कर्मचारी मधु चतुर्वेदी ने बताया कि उनके साथ तीन और कर्मचारी को महापौर विष्णु लाटा ने स्थाई कर्मचारी के रूप में घोषित किया है. उनका कहना है कि सरकार और नए महापौर बनते ही हमें नगर निगम में स्थाई रूप से कर्मचारी मान लिया गया है. महापौर विष्णु के द्वारा ही उनका प्रस्ताव पास कराकर उन्हें परमानेंट कर्मचारी बनाया गया. अब उन्हें 1992 से अब तक का फिक्सेशन अमाउंट भी मिल जाएगा. जिसके बाद सभी महिला कर्मचारियों ने महापौर विष्णु लाटा का धन्यवाद किया.