जयपुर/नई दिल्ली. देश का एक बड़ा और नामचीन बैंक अपने नाम में बदलाव चाहता है. लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसके पक्ष में नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, इस बैंक को एक बड़ी बीमा निगम कंपनी ने बड़ी हिस्सेदारी के साथ अधिग्रहण कर लिया, तब से बैंक अपना नाम बदलने का इच्छुक है.
सूत्रों के अनुसार आईडीबीआई बैंक के निदेशक मंडल ने गत माह ही बैंक का नाम बदलकर एलआईसी आईडीबीआई बैंक या एलआईसी बैंक किए जाने का प्रस्ताव रखा. भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से अधिग्रहण के बाद निदेशक मंडल की ओर से इस बैंक का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आईडीबीआई बैंक के नाम में बदलाव के इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है.
उल्लेखनीय है कि जनवरी में ही सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है. वहीं आरबीआई ने आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक की कैटेगरी में रखा है. एलआईसी के आईडीबीआई बैंक में बहुलांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण के बाद यह कदम उठाया गया है. एलआईसी ने वित्तीय संकट में फंसे आईडीबीआई बैंक में नियंत्रणकारी 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण जनवरी में पूरा कर लिया था.
वहीं इस संबंध में आरबीआई का कहना है कि, 'रिजर्व बैंक ने नियामकीय मकसद से 21 जनवरी से आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक की श्रेणी में रखा है. एलआईसी के आईडीबीआई बैंक में चुकता शेयर पूंजी का 51 प्रतिशत अधिग्रहण होने के बाद बैंक को निजी श्रेणी में डाला गया है.
इन दो नामों के दिए थे प्रस्ताव
निदेशक मंडल ने एलआईसी आईडीबीआई बैंक लिमिटेड नाम को तरजीह दी थी. जबकि उन्होंने दूसरे विकल्प के रूप में एलआईसी बैंक लिमिटेड नाम प्रस्तावित किया था. सूत्रों की मानें तो आरबीआई, आईडीबीआई बैंक का नाम बदलने के पक्ष में नहीं है. गौरतलब है कि आरबीआई के अलावा नाम में बदलाव के लिए कारपोरेट कार्य मंत्रालय, शेयर धारकों, शेयर बाजार समेत अन्य से मंजूरी की भी आवश्यकता होती है.