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जयपुरः सीए इंस्टीट्यूट में सेमिनार का आयोजन...डायरेक्ट टैक्स, लेबर लॉ एंड एमएसएमई पर हुआ मंथन

जयपुर के सीए इंस्टीट्यूट में सेमिनार का आयोजित किया गया. इस सेमिनार में फेसलेस स्क्रूटनी के लिए ई असेसमेंट स्कीम को नोटिफाई किया गया. इस स्कीम पर अब सीए मेंबर को किस तरह से काम करना होगा इस पर चर्चा की गई.

jaipur news, जयपुर न्यूज
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Published : Sep 14, 2019, 5:08 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के सीए इंस्टीट्यूट में शनिवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस आयोजन के तहत अब स्क्रूटनी के ज्यादातर मामलों में करदाताओं और आयकर अधिकारियों का आमना सामना नहीं करना होगा.

सीए इंस्टीट्यूट में सेमिनार आयोजित

वित्त मंत्रालय ने फेसलेस स्क्रूटनी के लिए ई असेसमेंट स्कीम को नोटिफाई किया है. इस स्कीम पर अब सीए मेंबर को किस तरह से काम करना होगा इस पर चर्चा की गई. वहीं सरकार ने इसका इंतजाम कर दिया है.

पढ़े: हिंदी दिवस विशेष: अपने पैतृक गांव में इस तरह आज भी जिंदा हैं राष्ट्रकवि 'दिनकर'

सेमिनार में डायरेक्ट टैक्स, लेबर लॉ और एमएसएमई पर मंथन किया गया. जिसमें दिल्ली के अधिवक्ता और सीए कपिल गोयल, संजय झंवर, जयपुर से लेबर डिपार्टमेंट के कमीशनर केके पाठक और दिल्ली से डायरेक्ट टैक्स कमिटी के पूर्व सेट्रल कॉउंसिल सदस्य संजय कुमार अग्रवाल ने सभी सीए सदस्यों से इस पर चर्चा की.

सेंट्रल कॉउंसिल मेंबर शिव प्रकाश शर्मा ने सेमिनार के माध्यम से कहा कि देश और राज्यों में कई लेबर लॉ बने हुए है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र के बजट घोषणा में सिर्फ चार लेबर लॉ रखने की बात की थी. जिसकी मान्यता भी मिल चुकी है, बस लागू होने की तिथि बाकी है. वहीं सीए सदस्यों ने इस पर भी चर्चा की.

पढ़े: रेलवे ने अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए माल ढुलाई को प्रोत्साहित करने वाले उपायों की घोषणा की

दिल्ली से आए सीए कपिल गोयल ने बताया कि प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस और ई एसेसमेंट स्कीम जैसे दो केन्द्र बिंदु पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि इन दोनों बिंदुओं पर अभी कुछ बाते अधूरी है. ऐसे में करदाता और अधिकारी को पूर्णता अपनी बात कहने का मौका दिया जाएगा या नहीं, इसका फैसला आने वाले समय मे में ही पता चलेगा.

जयपुर. राजधानी जयपुर के सीए इंस्टीट्यूट में शनिवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस आयोजन के तहत अब स्क्रूटनी के ज्यादातर मामलों में करदाताओं और आयकर अधिकारियों का आमना सामना नहीं करना होगा.

सीए इंस्टीट्यूट में सेमिनार आयोजित

वित्त मंत्रालय ने फेसलेस स्क्रूटनी के लिए ई असेसमेंट स्कीम को नोटिफाई किया है. इस स्कीम पर अब सीए मेंबर को किस तरह से काम करना होगा इस पर चर्चा की गई. वहीं सरकार ने इसका इंतजाम कर दिया है.

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सेमिनार में डायरेक्ट टैक्स, लेबर लॉ और एमएसएमई पर मंथन किया गया. जिसमें दिल्ली के अधिवक्ता और सीए कपिल गोयल, संजय झंवर, जयपुर से लेबर डिपार्टमेंट के कमीशनर केके पाठक और दिल्ली से डायरेक्ट टैक्स कमिटी के पूर्व सेट्रल कॉउंसिल सदस्य संजय कुमार अग्रवाल ने सभी सीए सदस्यों से इस पर चर्चा की.

सेंट्रल कॉउंसिल मेंबर शिव प्रकाश शर्मा ने सेमिनार के माध्यम से कहा कि देश और राज्यों में कई लेबर लॉ बने हुए है, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र के बजट घोषणा में सिर्फ चार लेबर लॉ रखने की बात की थी. जिसकी मान्यता भी मिल चुकी है, बस लागू होने की तिथि बाकी है. वहीं सीए सदस्यों ने इस पर भी चर्चा की.

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दिल्ली से आए सीए कपिल गोयल ने बताया कि प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस और ई एसेसमेंट स्कीम जैसे दो केन्द्र बिंदु पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि इन दोनों बिंदुओं पर अभी कुछ बाते अधूरी है. ऐसे में करदाता और अधिकारी को पूर्णता अपनी बात कहने का मौका दिया जाएगा या नहीं, इसका फैसला आने वाले समय मे में ही पता चलेगा.

Intro:जयपुर- अब स्क्रूटनी के ज्यादातर मामलों में करदाताओं और आयकर अधिकारियों का आमना सामना नहीं होगा। सरकार ने इसका इंतजाम कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने फेसलेस स्क्रूटनी के लिए ई एसेसमेंट स्कीम को नोटिफाई किया है। इस स्कीम पर अब सीए मेंबर को किस तरह से काम करना होगा इस पर आज राजधानी जयपुर के सीए इंटीयूट में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में डायरेक्ट टैक्स, लेबर लॉ एंड एमएसएमई पर मंथन किया गया जिसमें दिल्ली के अधिवक्ता एवं सीए कपिल गोयल, संजय झंवर, जयपुर से लेबर डिपार्टमेंट के कमीशनर केके पाठक और दिल्ली से डायरेक्ट टैक्स कमिटी के पूर्व सेट्रल कॉउंसिल सदस्य संजय कुमार अग्रवाल ने सभी सीए सदस्यों से इस पर चर्चा की।


Body:सेंट्रल कॉउंसिल मेंबर शिव प्रकाश शर्मा ने आज के सेमिनार में देश और राज्यों में कई लेबर लॉ बने हुए है लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र के बजट घोषणा में सिर्फ चार लेबर लॉ रखने की बात की थी जिसकी मान्यता भी मिल चुकी है, बस लागू होने की तिथि बाकी। वही सीए सदस्यों ने इस पर भी चर्चा की।

दिल्ली से आए सीए कपिल गोयल ने बताया कि प्रिंसिपल ऑफ नेचुरल जस्टिस और ई एसेसमेंट स्कीम जैसे दो केन्द्र बिंदु पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन दोनों बिंदुओं पर अभी कुछ बाते अधूरी है जैसे करदाता और अधिकारी को पूर्णता अपनी बात कहना का मौका दिया जाएगा या नहीं, अगर आने वाले समय मे करदाता को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है तो उनको पीड़ा हो सकती है।

बाईट- कपिल गोयल, सीए
बाईट- शिव प्रकाश शर्मा, सेंट्रल कॉउंसिल मेंबर


Conclusion:
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