जयपुर. उदयपुर के जगदीश जी मंदिर और जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में लगे ड्रेस कोड के पोस्टर्स मामले में प्रदेश के मंत्री बंटे हुए नजर आ रहे हैं. पहले जहां प्रदेश के शिक्षा कला संस्कृति मंत्री ने परंपराओं का हवाला देते हुए उनकी पालना की बात कही. वहीं अब देवस्थान विभाग की मंत्री ने मंदिरों में इस तरह के पोस्टर लगाना खुराफाती दिमागों की शरारत बताया. साथ ही मंदिरों में राज्य सरकार की ओर से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं होने की बात कही.
यह बोले राजस्थान के मंत्रीः देवस्थान विभाग की ओर से उदयपुर के ऐतिहासिक जगदीश मंदिर में ड्रेस कोड के पोस्टर हटवाए गए, लेकिन शुक्रवार को स्थानीय लोगों ने यहां दोबारा पोस्टर लगा दिए. इस पर पर देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से मंदिरों को लेकर किसी तरह का ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है. कुछ खुराफाती दिमागों के पास कोई काम नहीं, इसलिए वो इस तरह के पोस्टर लगा रहे हैं. मंदिर जाने वाले लोग स्व विवेक से कपड़े पहन सकते हैं. वहीं, शिक्षा कला और संस्कृति मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने दूसरे कई मंदिरों का हवाला देते हुए वहां की परंपराओं का जिक्र किया था, उन्होंने कहा था कि मंदिरों में जो परंपराएं हैं उनका पालन करें, नई परंपराएं न बनाएं.
पंडित मिश्रा ने कही ये बातः इससे पहले पुष्कर में शिव महापुराण की कथा कर रहे पं प्रदीप मिश्रा ने उन लोगों पर तंज कसा था जो मंदिरों में मर्यादित वस्त्र पहन कर आने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने इसे सनातन धर्म को तोड़ने के लिए विधर्मियों की चाल बताया था. बता दें कि पहले उत्तराखंड के कई मंदिरों में ड्रेस कोड वाले पोस्टर लगाए गए थे. इसी तरह के पोस्टर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ मंदिरों में भी लगाए गए थे.