जयपुर. गुजरात दंगों पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री को एनएसयूआई ने सभी विश्वविद्यालयों में दिखाने का ऐलान किया है. केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों के निलंबन का विरोध करते हुए एनएसयूआई ने आदेश वापस लेने की मांग की है. चेतावनी दी है कि यदि केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन अपना फैसला वापस नहीं लेता तो उग्र आंदोलन भी किया जाएगा.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और जमाअते इस्लामी हिंद के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों को सस्पेंड करने के मामले में अब एनएसयूआई उग्र हो गया है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने छात्रों को सस्पेंड करने के फैसले को सरासर गलत बताते हुए कहा कि संविधान ने सभी को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार दिया है. वह अपने मन के मुताबिक कार्य कर सकता है. सरकार ने केवल नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब चैनलों से बैन किया था.
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इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए सभी लोग स्वतंत्र हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों पर की गई इस कार्रवाई का एनएसयूआई विरोध करता है. आने वाले समय में एनएसयूआई खुलकर विश्वविद्यालयों में इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाएगा. उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन को भी चेतावनी दी कि छात्रों के निलंबन के आदेश को वापस लें अन्यथा उग्र आंदोलन होगा. इससे पहले जमाअते इस्लामी हिन्द ने भी छात्रों पर की गई इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी. कार्रवाई को प्रशासन का पक्षपात पूर्ण रवैया बताया गया था.
बता दें कि गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर देशभर में विवाद बढ़ता जा रहा है. देश की कई यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग को लेकर माहौल गरमाया है जहां पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इसकी स्क्रीनिंग की गई, फिर जेएनयू और जामिया में जिस पर बवाल हुआ. अब प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर छात्रों के निलंबन का मामला सामने आया है जिसे लेकर विरोध हो रहा है.