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जयपुर: दो विभागों के बीच फंसे 27 हजार पंचायत सहायक, शिक्षा विभाग ने नहीं निकाले कार्य वृद्धि के आदेश - Jaipur News

मई 2017 से पंचायतों एवं विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे 27 हजार पंचायत सहायक पंचायती राज और शिक्षा विभाग की आपसी तनातनी का शिकार हो रहे हैं. पंचायती राज विभाग ने इन पंचायत सहायकों के कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ाने की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी कर दिया. बावजूद उसके शिक्षा विभाग कार्यकाल वृद्धि के आदेश नहीं निकाल रहा है, ऐसे में इन 27 हजार सहायकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर रहे हैं.

पंचायत सहायक न्यूज, Panchayat Assistant News
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Published : Sep 11, 2019, 11:02 PM IST

जयपुर. मई 2017 से पंचायतों एवं विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे 27 हजार पंचायत सहायक पंचायती राज और शिक्षा विभाग की आपसी तनातनी का शिकार हो रहे हैं. बता दें कि अल्प मानदेय में कार्य कर रहे पंचायत सहायकों को दोनों विभाग जैसी मर्जी हो उस तरीके से इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब पंचायती राज विभाग ने इन पंचायत सहायकों के कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ाने की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी कर दिया. बावजूद उसके शिक्षा विभाग कार्यकाल वृद्धि के आदेश नहीं निकाल रहा है, ऐसे में इन 27 हजार सहायकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर रहे हैं.

दो विभागों के बीच फंसे 27 हजार पंचायत सहायक

जानकारी के अनुसार पंचायत सहायकों को पिछले 4 महीने से कार्यकाल वृद्धि के आदेश को लेकर दोनों विभागों की आपसी लड़ाई चरम पर रही. उसके बाद 6 सितंबर को पंचायती राज विभाग की ओर से कार्यकाल वृद्धि के आदेश की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी किया तो 27 हजार पंचायत सहायकों को एक बार फिर उम्मीद जगी. लेकिन पंचायती राज के आदेश के बाद आगामी कार्रवाई शिक्षा विभाग की ओर से सुनिश्चित करनी थी और पंचायत सहायकों के कार्य वृद्धि का स्पष्ट आदेश जारी करना था लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने आदेश जारी नहीं किया.

पढ़ें- चूरू : एक्शन में एसीबी, अधीक्षण अभियंता का निजी सहायक 3 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप

पंचायत सहायकों की नाराजगी है कि दोनों विभागों की इस आपसी लड़ाई में 27 हजार पंचायत सहायक पीस रहे हैं. इतना ही नहीं आदेशों की आड़ लेकर ही पिछले 6 से 8 महीने के मानदेय का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है, जिसके कारण पंचायत सहायकों को मानसिक तनाव के साथ आर्थिक परेशानी भी झेलनी पड़ रही है.

विद्यार्थी मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक के संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री, पंचायती राज मंत्री के साथ पंचायत राज विभाग एवं शिक्षा विभाग के तमाम आला अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखी गई और उनके समाधान की मांग की गई. उसके बावजूद भी अभी तक सकारात्मक पहल के साथ समाधान नहीं हुआ है.

जयपुर. मई 2017 से पंचायतों एवं विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे 27 हजार पंचायत सहायक पंचायती राज और शिक्षा विभाग की आपसी तनातनी का शिकार हो रहे हैं. बता दें कि अल्प मानदेय में कार्य कर रहे पंचायत सहायकों को दोनों विभाग जैसी मर्जी हो उस तरीके से इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब पंचायती राज विभाग ने इन पंचायत सहायकों के कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ाने की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी कर दिया. बावजूद उसके शिक्षा विभाग कार्यकाल वृद्धि के आदेश नहीं निकाल रहा है, ऐसे में इन 27 हजार सहायकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पर रहे हैं.

दो विभागों के बीच फंसे 27 हजार पंचायत सहायक

जानकारी के अनुसार पंचायत सहायकों को पिछले 4 महीने से कार्यकाल वृद्धि के आदेश को लेकर दोनों विभागों की आपसी लड़ाई चरम पर रही. उसके बाद 6 सितंबर को पंचायती राज विभाग की ओर से कार्यकाल वृद्धि के आदेश की अनुशंसा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी किया तो 27 हजार पंचायत सहायकों को एक बार फिर उम्मीद जगी. लेकिन पंचायती राज के आदेश के बाद आगामी कार्रवाई शिक्षा विभाग की ओर से सुनिश्चित करनी थी और पंचायत सहायकों के कार्य वृद्धि का स्पष्ट आदेश जारी करना था लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने आदेश जारी नहीं किया.

पढ़ें- चूरू : एक्शन में एसीबी, अधीक्षण अभियंता का निजी सहायक 3 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप

पंचायत सहायकों की नाराजगी है कि दोनों विभागों की इस आपसी लड़ाई में 27 हजार पंचायत सहायक पीस रहे हैं. इतना ही नहीं आदेशों की आड़ लेकर ही पिछले 6 से 8 महीने के मानदेय का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है, जिसके कारण पंचायत सहायकों को मानसिक तनाव के साथ आर्थिक परेशानी भी झेलनी पड़ रही है.

विद्यार्थी मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक के संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री, पंचायती राज मंत्री के साथ पंचायत राज विभाग एवं शिक्षा विभाग के तमाम आला अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखी गई और उनके समाधान की मांग की गई. उसके बावजूद भी अभी तक सकारात्मक पहल के साथ समाधान नहीं हुआ है.

Intro:दो विभागों के चक्रव्यूह में फंसे 27 हजार पंचायत सहायक , पंचायती राज विभाग ने बजट जारी किया लेकिन शिक्षा विभाग ने नही निकाले कार्यवर्दी के आदेश दोनों विभागों की लड़ाई में फुटबॉल बनकर रह गए हैं पंचायत सहायक

एंकर:- मई 2017 से पंचायतों एवं विद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे 27 हजार पंचायत सहायक पंचायती राज और शिक्षा विभाग की आपसी तनातनी में शिकार हो रहे , अल्प मानदेय में कार्य कर रहे पंचायत सहायकों को दोनों विभाग जैसी मर्जी हो उस तरीके से इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब पंचायती राज विभाग ने इन पंचायत सहायकों के कार्यकाल को एक वर्ष बड़ाने की अनुसंशा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी कर दिया , बावजूद उसके बावजूद शिक्षा सभाग कार्यवादी के आदेश नही निकाल रहा है , ऐसे में इन 27 हजार सहायकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पढ़ रहे है ।

Body:VO:- पंचायत सहायको को पिछले 4 माह से कार्यकाल वर्दी के आदेश को लेकर दोनों विभागों की आपसी लड़ाई चरम पर रही उसके बाद जैसे तैसे 6 सितंबर को पंचायत राज विभाग द्वारा कार्यकाल वर्दी के आदेश की अनुसंशा करते हुए 200 करोड़ का बजट जारी किया तो 27 हजार पंचायत सहायकों को एक बार फिर उम्मीद जगी , लेकिन पंचायत राज के आदेश के बाद आगामी कार्रवाई शिक्षा विभाग द्वारा सुनिश्चित करनी थी और पंचायत सहायकों का कार्यवर्दी के स्पष्ट आदेश जारी करना था लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग आदेश ने आदेश जारी नही किया , पंचायत सहयों की नाराजगी है कि दोनों विभागों की इस आपसी लड़ाई में 27000 पंचायत सहायक पीस रहे हैं , इतना ही नही आदेशों की आड़ लेकर ही पिछले 6 से 8 माह के मानदेय का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है जिसके कारण पंचायत सहायकों को मानसिक तनाव के साथ आर्थिक परेशानी भी झेलनी पड़ रही है , विद्यार्थी मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक के संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री पंचायती राज मंत्री के साथ पंचायत राज विभाग एवं में शिक्षा विभाग के तमाम आला अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखी गई और उनके समाधान की मांग की गई उसके बावजूद भी आज के दिन तक सकारात्मक पहल के साथ समाधान नहीं हुआ है जबकि यह सारा मामला 1 दिन में साफ किया जा सकता है*

बाइट:- जितेंद डूडी - प्रदेश उपाध्यक्ष राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ
Conclusion:VO:- दोनों विभागों के बीच खिचड़ी बने पंचायत सहायक कार्यवर्दी के आदेश से ये साफ हो गया कि प्रदेश की सरकार में भले ये दिखाने की कोशिश हो रही हो की सब साथ मिल कर काम कर रहे है , लेकिन वस्तुस्थति क्या है ये इन पंचायत सहायकों के कार्यवर्दी के आदेश से सामने आ गई
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