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धौलपुर में निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों का प्रदर्शन

धौलपुर में सोमवार को शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, निजी शिक्षण संस्थान के मालिक सरकार से स्कूलों को शीघ्र खोलने के साथ विभिन्न मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपनी मांगों को लागू करने के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने धौलपुर में किया प्रदर्शन
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Published : Oct 26, 2020, 9:41 PM IST

धौलपुर. जिले में सोमवार को शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कोरोना काल के दौरान निजी शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए हैं. निजी शिक्षण संस्थाओं पर आर्थिक संकट गहराने पर जिले भर के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया है. निजी शिक्षण संस्थान के मालिक सरकार से स्कूलों को शीघ्र खोलने के साथ विभिन्न मांग कर रहे हैं. जिला कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर मांगों को लागू करने की मांग की है.

निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने धौलपुर में किया प्रदर्शन

जिले के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शिक्षण संस्था के मालिकों ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी शुरू होते ही सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया था. प्राइवेट स्कूल संचालकों पर सबसे अधिक आर्थिक संकट गहरा गया है. टीचरों के लिए सैलरी भी पैदा नहीं हो रही है.

वहीं, पिछले 8 महीने से निजी शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है. जबकि कोरोना महामारी का खतरा अब कम हो चुका है. देश के अन्य प्रदेशों में सरकारी और निजी शिक्षण संस्थाएं खुल चुकी है. निजी शिक्षण संस्थानों की पूरी तरह से कमर टूट चुकी है.

पढ़ें- धौलपुर में डकैत व पुलिस मुठभेड़ मामला, डकैत केशव गुर्जर की पत्नी समेत दो अन्य संदिग्ध हिरासत में

उन्होंने कहा प्रदेश सरकार को टीचरों को सैलरी देनी चाहिए. निजी शिक्षण संस्थानों के लिए बैंक लोन की सुविधा भी सरकार को मुहैया करानी चाहिए. द्वितीय चरण की निःशुल्क फीस का सरकार को समय रहते भुगतान कराना चाहिए. स्कूलों के बिजली बिल माफ, बिना टीसी के दाखिला और शिक्षा के अधिकारों की जांच सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी के पास ही रहनी चाहिए. उन्होंने कहा निजी शिक्षण संस्थान खत्म होने के कगार पर पहुंच चुके हैं. अभिवावकों की ओर से बच्चों की फीस जमा नहीं कराई जा रही है. लिहाजा निजी शिक्षण संस्थानों पर सबसे अधिक आर्थिक संकट गहरा गया है.

इन सब विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा सरकार ने समय रहते निजी शिक्षण संस्थानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा.

धौलपुर. जिले में सोमवार को शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कोरोना काल के दौरान निजी शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए हैं. निजी शिक्षण संस्थाओं पर आर्थिक संकट गहराने पर जिले भर के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया है. निजी शिक्षण संस्थान के मालिक सरकार से स्कूलों को शीघ्र खोलने के साथ विभिन्न मांग कर रहे हैं. जिला कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर मांगों को लागू करने की मांग की है.

निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने धौलपुर में किया प्रदर्शन

जिले के निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शिक्षण संस्था के मालिकों ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी शुरू होते ही सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया था. प्राइवेट स्कूल संचालकों पर सबसे अधिक आर्थिक संकट गहरा गया है. टीचरों के लिए सैलरी भी पैदा नहीं हो रही है.

वहीं, पिछले 8 महीने से निजी शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है. जबकि कोरोना महामारी का खतरा अब कम हो चुका है. देश के अन्य प्रदेशों में सरकारी और निजी शिक्षण संस्थाएं खुल चुकी है. निजी शिक्षण संस्थानों की पूरी तरह से कमर टूट चुकी है.

पढ़ें- धौलपुर में डकैत व पुलिस मुठभेड़ मामला, डकैत केशव गुर्जर की पत्नी समेत दो अन्य संदिग्ध हिरासत में

उन्होंने कहा प्रदेश सरकार को टीचरों को सैलरी देनी चाहिए. निजी शिक्षण संस्थानों के लिए बैंक लोन की सुविधा भी सरकार को मुहैया करानी चाहिए. द्वितीय चरण की निःशुल्क फीस का सरकार को समय रहते भुगतान कराना चाहिए. स्कूलों के बिजली बिल माफ, बिना टीसी के दाखिला और शिक्षा के अधिकारों की जांच सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी के पास ही रहनी चाहिए. उन्होंने कहा निजी शिक्षण संस्थान खत्म होने के कगार पर पहुंच चुके हैं. अभिवावकों की ओर से बच्चों की फीस जमा नहीं कराई जा रही है. लिहाजा निजी शिक्षण संस्थानों पर सबसे अधिक आर्थिक संकट गहरा गया है.

इन सब विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा सरकार ने समय रहते निजी शिक्षण संस्थानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा.

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