बूंदी. जिले में खोजा गेट के आत्मा कार्यालय में शामलात की पुर्नस्थापना के लिए ग्रामीण समुदायों के क्षमतावर्धन कार्यक्रम के तहत पंचायतों की चारागाह भूमियों के विकास के लिए प्रशिक्षकों का 2 दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार को संपन्न हुआ. इस दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया.
प्रशिक्षण में एफईएस संस्था के राज्य समन्वयक उमेश पालीवाल ने शामलात की महत्ता, आमजन में चारागाह भूमियों की महत्ता, कानूनी प्रावधान, चारागाह भूमियों के प्रति ग्रामीणों की भूमिका, विभिन्न स्तरीय चारागाह विकास समितियों के अधिकारों का प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही तकनीकी प्रशिक्षक गिरधारी लाल शर्मा ने तकनीकी व ऑनलाइन किए जाने वाले कार्यो और एफईएस कन्सल्टेंट डाॅ. सतीश कुमार शर्मा ने पौधों व भूमियों के चयन, उजड़ी व बंजर भूमियों की उपयोगिता, प्रकृति में सूक्ष्म व वानिकी जीवों का महत्व और पौधारोपण के उपयुक्त समय का प्रशिक्षण दिया गया. प्रश्नोत्तरी में शंका समाधान भी किया गया.
प्रशिक्षकों को चारागाह विकास की प्रायोगिक तकनीकी जानकारी देने के लिए भीलवाड़ा जिले के गोगाखेड़ा गांव और बूंदी जिले की नेगढ पंचायत के विकसित चारागाह का दौरा करवाया गया. यहां प्रथम फेज से वर्तमान स्थिति तक की संपूर्ण जानकारी दी गई. इस दौरान जल संरक्षण एवं भू-संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता सीएल सालवी, महात्मा गांधी नरेगा के अधिशाषी अभियंता प्रियव्रत सिंह, सिंचाई के एक्सईएन छगेन्द्र कुमार कुसुम, वाॅटरशेड के एक्सईएन शिवकुमार खण्डेलवाल व राजेश कुमार शर्मा, एईएन हितेन्द्र कुमार मेहरा और वृत्त संस्थान की राजस्थान समन्वयक पूनम कुलश्रेष्ठ मौजूद रहीं.