बूंदी. बस कुछ ही घंटे और उसके बाद नए साल का धमाल. 31 दिसंबर की रात जैसे ही घड़ी की दोनों सुइयां आपस में मिलेंगी युवा से लेकर बुजुर्ग 2020 का स्वागत और पुराने वर्ष की विदाई में मशगूल होंगे. जगह-जगह पार्टी का धमाल तो हर वर्ग नए साल का स्वागत अपने-अपने अंदाज में करेगा. लेकिन बूंदी के युवा नए साल का स्वागत कुछ अनूठे अंदाज में करते हुए नजर आ रहे हैं. सामाजिक सरोकार से जुड़े शहर के युवा संगठनों की ओर से दूध वितरण का कार्य किया जा रहा है.
जी हां नशीला पदार्थ नहीं दूध के साथ करो नववर्ष की शुरुआत की थीम पर संस्थान की ओर से मगंलवार को करीब 800 लीटर दूध वितरण किया गया. बड़ी संख्या में यहां पर दूध वितरण किया गया. जिसमें युवा, बुजुर्ग, युवक-युवतियां दूध का स्वाद चखते भी नजर आए.
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हर वर्ष बूंदी में नववर्ष की पूर्व संध्या पर शराब नहीं दूध पियो कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यहां पर बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन और युवा साथी संगठन की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस कार्यक्रम का मकसद लोगों को शराब से दूर करना होता है और इसी पहल को लेकर बूंदी में लगातार हर वर्ष दूध के लिटरो में संख्या बढ़ती ही जा रही है.
इस बार 800 लीटर दूध के साथ लोगों को नए वर्ष की शुरुआत करने को लेकर जागरूक करने का संदेश दिया गया. काफी वर्ष से अधिक समय बीत गया है राजस्थान में सर्वदेव के अनुयायियों और छात्र-छात्राओं की पहल पर एक अनुभव सांस्कृतिक पहल कर ली थी. आज वह अभियान के रूप में परिवर्तित हो गया है.
वहीं, एक अच्छा और एक सही काम किस तरह से जनसमर्थन अर्जित करता है इसका एक उदाहरण यह कार्यक्रम बन गया है. इसके लिए निस्वार्थ भाव और मन से लगे रहना होता है. शराब से नहीं दूध से करे नववर्ष की शुरुआत. अब गांधीवादी और नैतिक वादियों का ही नारा नहीं रह गया है इसको लेकर उदाहरण देखना चाहते हैं तो नए साल पर देखें.
बूंदी के अहिंसा सर्किल पर यह कार्यक्रम आयोजित होता है. यहां पर युवक युवतियां इस दूध का आनंद लेती हुई नजर आती है. युवा रुपेश शर्मा ने बताया कि नए वर्ष की पूर्व संध्या पर लोगों को मीठा गर्म दूध पिला कर नववर्ष की शुभकामना दी जा रही है और शराब और तंबाकू से दूर रहने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नए साल की शुरूआत शराब से नहीं दूध के साथ की जाए इसको लेकर हर युवाओं से आग्रह किया जा रहा है.
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यकीनन बूंदी के युवाओं की ओर से ये पहल काफी वर्षों से बूंदी में की जा रही है. इसका काफी हद तक बूंदी में युवाओं में असर भी देखा गया है. जिसके चलते युवाओं में सख्ती देखी जा रही है और यह प्रसन्न होकर बूंदी में हर वर्ष नववर्ष की संध्या के पूर्व शहर की सड़कों पर मीठा दूध पिलाते हैं और शराब नहीं पीने का आग्रह करते हैं.
बता दें कि मगंलवार को भी बूंदी में 800 लीटर दूध पिलाया गया और इसे पीने के लिए बूंदी शहर के विभिन्न चौराहों पर काफी भीड़ भी देखी गई. इस दौरान कोटा डेयरी के डायरेक्टर आरके जैन, बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के रुपेश शर्मा, युवा साथी संगठन के विकास पांचाल, संजय खान सहित विभिन्न समुदाय और सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे.