बीकानेर. जिले के नाल और सालासर गांव में जमीन के नीचे क्रूड ऑयल और प्राकृतिक गैस के भंडार की संभावना को लेकर हुए सर्वे के बाद ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड) ने मंगलवार को खोज का काम शुरू कर दिया है. केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बीकानेर नागौर बेसिन के सर्वे में तेल-गैस की खोज से इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित हो सकेंगे.
नाल के समीप ओएनजीसी की ओर से ड्रिलिंग पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 20 फरवरी 2024 तक चले सर्वे में बीकानेर नागौर बेसिन के 2118 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में तेल और गैस होने के साक्ष्य मिले हैं. इस सर्वे पर अब तक 48 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इसके आधार पर अब नाल में दो स्थानों पर और कोलायत के सालासर गांव में एक स्थान पर ड्रिलिंग का काम प्रारंभ किया गया है. इस कार्य के लिए अनुमानित 49 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय होगी. यहां ड्रिलिंग कर तेल और गैस की गुणवत्ता, भंडार और नमूने लिए जाएंगे.
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सिरेमिक हब की संभावना : मेघवाल ने कहा कि इस क्षेत्र में सिरेमिक का कच्चा माल बहुतायात से उपलब्ध है. वर्तमान में यहां से कच्चा माल देश के अन्य स्थानों पर भेजा जाता है. यहां तेल और गैस मिलने के बाद बीकानेर सेरेमिक हब बन सकेगा. बीकानेर में औद्योगिक विकास तेजी से बढ़ रहा है. इस क्षेत्र में सोलर ऊर्जा में 40 हजार करोड़ का निवेश किया जा चुका है. मेघवाल ने कहा कि जिस प्रकार दुबई में तेल मिलने से वहां के विकास को नई ऊंचाई मिली, उसी प्रकार बीकानेर क्षेत्र में भी यदि तेल और गैस मिलता है तो इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि यहां लिथियम, हीलियम और हाइड्रोजन होने के साक्ष्य भी मिले हैं. साथ ही यहां भूगर्भ में पानी की खोज के संबंध में भी कार्य किया जा रहा है. इससे औद्योगिक विकास परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव होगा.
ONGC को भी उम्मीद : ओएनजीसी निदेशक सुषमा रावत ने कहा कि प्रोजेक्ट की सफलता निश्चित रूप से बीकानेर के विकास को बहुत आगे तक लेकर जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि एक बहुत लंबी प्रक्रिया है, लेकिन आज इसकी शुरुआत हुई है, जो की एक अच्छा संकेत है.