भीलवाड़ा. जिले के आसीन्द पंचायत समिति के कटार गांव के ग्रामीणों ने सड़क बनाने की मांग को लेकर अनूठा तरीका अपनाया है. ग्रामवासियों ने कटार चौराहे से कटार गांव तक खस्ताहाल सड़क को बनाने को लेकर रास्ते में पहाडी की चट्टानों पर स्लोगन लिखकर अपनी पीड़ा जाहिर की है.
एक ओर जहां वर्षों से लंबित अपनी मांगें मंगवाने के लिए लोग तोड़फोड़ ओर उग्र आंदोलन करते हैं, वहीं जिले का एक गांव ऐसा है जहां के बाशिन्दों ने खस्ताहाल सड़क होने पर विरोध का अनोखा तरीका अपनाया है. लोगों ने सड़क किनारे शासन प्रशासन के विरोध में पत्थरों पर गांव को उपेक्षा का शिकार बता कर नारे लिखवा दिए. जिसमें बताया कि गांव तक जाने वाली सड़क खस्ताहाल होने से उनके घर में वैवाहिक रिश्ते नहीं बन पाते हैं.
जहां कटार गांव के ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन से अवगत करवाकर सड़क निर्माण की मांग की. लेकिन मांग को पूरा नहीं होते देख ग्रामीणों ने अनोखा तरीका आजमाया और गांव में जाने वाली सड़क पर चट्टानों पर नारे लिखकर अपनी पीडा जाहिर की.
गांव के उपसरपंच के नेतृत्व में गांव वालों ने 3 दिन तक भूख हड़ताल की पर उन्हें मिला तो सिर्फ आश्वासन. 13 साल से खस्ताहाल सड़क से ग्रामीण गुजरने को मजबूर हो रहे हैं. सड़क खस्ताहाल होने पर गांव में कोई बस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हैं. जिससे गांव से आसीन्द स्कूल पढ़ने जाने वाले छात्र-छात्राओं को 4 किलोमीटर पैदल रास्ते का सफर करना पड़ता है.
ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस बारे में कई बार अवगत कराया लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका. आक्रोशित लोगों ने शासन-प्रशासन व राजनेताओं को लेकर पत्थरों पर टिप्पणियां लिख उनका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे है.
यह लिखवाया पत्थरो पर
"सड़क के अभाव में नही होती हमारे बच्चो की शादी -कटार"
"शासन प्रशासन की उपेक्षा का शिकार हमारा गांव "
"कृपया जनप्रतिनिधि अपना ज्ञान बांटने नहीं पधारे"
नारें बने चर्चा का विषय
कटार गांव के लोगों का अनोखे अंदाज में विरोध करना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है, नेशनल हाइवे 148 डी पर कटार सड़क पर लिखे यह नारें गांव की दुर्दशा बयां कर रहे हैं, वहीं जिम्मदारों को मुंह चिड़ा रहे है.