डीग (भरतपुर). कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में 21 मार्च से लॉकडाउन जारी है. इस बीच सभी लोगों के काम धंधे बंद है. लोगों के सामने 2 वक्त की रोटी जुटाने की समस्या खड़ी हो गई है. सरकारें अपनी ओर से लगातार लोगों तक राशन पहुंचाने का प्रयास कर रही है. लेकिन फिर भी समाज के कई ऐसे लोग हैं जिनके सामने भोजन की समस्या हो गई है. इसी तरह लॉकडाउन के कारण डीज में नट समाज के करीब 25 से 30 परिवारों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है. नट समाज के लोगों से पता चला कि जिस धंधे से यह लोग जुड़े हुए हैं, वह लॉकडाउन के चलते अभी भी बंद है.
समाज के सूरज नट ने बताया कि उनके समाज के अधिकतर लोग बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े के साथ स्वांग दिखाने का काम करते हैं, जिसे सरकार ने कोरोना महामारी के चलते अभी भी प्रतिबंधित किया हुआ है. जिसके चलते हमारे समाज के लोगों को परिवार के लिए रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है. साथ ही हमारे समाज के लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रही मदद भी नहीं मिल रही. खाद्य सुरक्षा, बीपीएल कार्ड के साथ सरकार की ओर से दो किस्तों में 2500 रुपए की सहायता राशि भी उसके समाज के लोगों को नहीं मिली.
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यही बात लालाराम नट के साथ भूरिया नट और सभी पुरुषों और महिलाओं ने बताई. वहीं विकलांग दंपत्ति अपने 4 बच्चों सहित 700 रुपए प्रति माह की पेंशन में गुजारा कर रहा है. इन सभी लोगों ने बताया कि अपने मिलने वालों से उधार लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं.
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बता दें कि कोरोना महामारी के चलते सरकार ने लॉकडाउन 4 में शादियों में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होने का आदेश जारी किया है. लेकिन बैंड बाजे आदि की अनुमति नहीं है. साथ ही सामाजिक और धार्मिक आयोजनों पर भी रोक है, जिसके चलते इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. हालांकि राजस्थान सरकार ने ऐसे लोगों की मदद के लिए सर्वे कर मदद की घोषणा की है.