बाड़मेर. विधानसभा चुनाव को लेकर बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट पर भले ही कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है, लेकिन प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही यहां बगावत भी शुरू हो गई है. ये स्थिति राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों में समान रूप से बनी हुई है. कहीं नाराज दावेदारों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है तो कहीं दावेदारों के समर्थक पार्टी के चयनित प्रत्याशी का खुलेआम विरोध कर रहे हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के लिए यहां मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है.
हालांकि, एक वक्त था, जब यहां सियासी दलों को उम्मीदवार तक नहीं मिलते थे. जबरदस्ती घरों से उठाकर किसी भी शख्स से पर्चा भरवा दिया जाता था, लेकिन आज ये क्षेत्र सियासी तौर पर बेहद अहम हो गया है. आज यहां परिस्थितियां एकदम से बदल गई हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी में दावेदारों की लंबी कतार नजर आ रही है. वहीं, टिकट न मिलने से कांग्रेस और भाजपा के कई दावेदार नाराज हो गए हैं और बगावत पर उतर आए हैं.
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टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस जिलाध्यक्ष हुए खफा : कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर मौजूदा विधायक अमीन खान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फतेह खान भी यहां से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. ऐसे में अब फतेह खान ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है और उन्होंने आगामी 6 नवंबर को बतौर निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल करने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में यहां कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है.
टिकट कटने से नाराज भाजपा नेता खंगारसिंह : शिव में भाजपा ने पार्टी के जिला अध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को उम्मीदवार घोषित किया है. उसके बाद से ही टिकट की मांग कर रहे भाजपा नेता खंगार सिंह ने बगावत शुरू कर दी है. टिकट कटने से नाराज खंगार सिंह शनिवार को निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.
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पूर्व विधायक ने उठाए बगावत के सुर : इसी तरह पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत ने भी बगावत के सुर तेज कर दिए हैं. रावलोत ने वीडियो जारी कर कहा कि यह विधानसभा चुनाव मेरा आखिरी चुनाव था. केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व ने दिल्ली में मुझे कहा कि इस बार शिव विधानसभा से आपका टिकट फाइनल हो गया है. दिल्ली से शिव जाओ और नामांकन पत्र भरने तैयारी करो. इसके बाद शिव आकर नामांकन की तैयारी कर रहा था. इसी बीच भाजपा की सूची जारी हो गई और एक धोखे के तहत उनके टिकट को काट दिया गया.
रविंद्र सिंह भाटी का टिकट कटने से समर्थक नाराज : छात्र राजनीति में अपना नाम जमा चुके रविंद्र सिंह भाटी करीब साल भर से इस सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. पिछले कुछ महीनों से वो शिव विधानसभा क्षेत्र में जन संवाद यात्रा निकालकर लोगों के बीच पहुंच भी रहे थे. वहीं, बीते दिनों भाटी ने भाजपा का दामन थामा लिया. इसके बाद उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि भाजपा भाटी को चुनावी मैदान में उतरेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इधर, टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थकों में नाराराजगी इस कदर है कि सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.