बाड़मेर. जिला परिषदों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 18-18 सीटें मिली थी. एक सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास थी. वहीं, गुरुवार को जिला प्रमुख पद के लिए बीजेपी में उथल-पुथल देखने को मिली, जिसका खामियाजा बीजेपी को ही उठाना पड़ा और क्रॉस वोटिंग के चलते बीजेपी की कुल सीटें 18 से घटकर सिर्फ 16 रह गई. वहीं, कांग्रेस को 21 वोट मिले और इस तरह बाड़मेर जिले में एक बार फिर से 61 साल से कांग्रेस का जिला प्रमुख पर कब्जा जारी है. बता दें कि कांग्रेस की ओर से महेंद्र चौधरी बाड़मेर के जिला प्रमुख बने हैं.
बीजेपी को थी बोर्ड बनाने की उम्मीद, टूटा सपना
पंचायती राज चुनाव परिणाम में सबसे रोचक परिणाम बाड़मेर जिले में था. जिला परिषद चुनाव के बाद राजस्थान की बाड़मेर परिषद पर सबकी निगाहें थी, क्योंकि बीजेपी को यहां पहली बार बोर्ड बनाने की उम्मीद थी, लेकिन भाजपा बोर्ड नहीं बना पाई. कांग्रेस के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मेवाराम जैन ने बीजेपी में जबरदस्त तरीके से घुसपैठ करके आखिरकार अपनी कुर्सी को बचा लिया. क्योंकि जिस तरीके से पंचायती राज चुनाव में राजस्थान के बाकी मंत्रियों के इलाकों में कांग्रेस के बुरे हालात बने, ऐसे ही अगर बाड़मेर में बीजेपी का बोर्ड बन जाता है तो हरीश चौधरी के लिए आने वाले समय में कई मुश्किलें खड़ी हो जाती.
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दोपहर 3 बजे से सबसे पहले बीजेपी अपने जिला परिषद के सदस्यों को लेकर पहुंची. भारी सुरक्षा के बीच एक-एक करके वोट लाया गया. वहीं, कांग्रेस अपने सदस्यों को लेकर 4 बजे के बाद पहुंची और एक के बाद एक पार्षदों से कांग्रेस में वोट दिलाया. कांग्रेस के नेता पहले ही ये दावा कर रहे थे कि उन्हें 20 से ज्यादा वोट आएंगे, कांग्रेस का ये दावा सही साबित होने से उनके खेमे में खुशी की लहर छा गई. कांग्रेस को 21 वोट मिले. कांग्रेस ने अपना कब्जा जिला प्रमुख पर 61 साल बाद भी बरकरार रखा है.